केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर उठाएंगे उच्च स्तर पर हमारी मांगें : यूनियन निजी ट्रांसपोर्टर

शिमला : हिमाचल प्रदेश ट्रांसपोर्टर यूनियन के पदाधिकारी पवन ठाकुर चेयरमैन, रमेश कमल महामंत्री, सुखदेव शर्मा, मोहिंदर मनकोटिया,विजय ठाकुर,संदीप शर्मा,आयुष डडवाल,सुकेश ठाकुर और मुनीश मनकोटिया ने संयुक्त बयान में बताया कि केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री  अनुराग सिंह ठाकुर से मिलकर उन्होंने अपनी ट्रांसपोर्टर्स की समस्याओं से अवगत कराया।उन्होंने कहा कि अनुराग ठाकुर ने यूनियन को हरसम्भव मदद व उनकी माँगों को प्रदेश सरकार से उठाने का आश्वासन दिया है। बताते चलें निजी ट्रांसपोर्टर्स ने लगातार दो दिन अपनी मांगों को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को एक ज्ञापन भी सौंपा तथा इस पर जल्द कार्यवाही का अनुरोध भी पदाधिकारियों द्वारा किया गया है।

उन्होंने बताया कि अनुराग ठाकुर ने मांगों को समझने के पश्चात कहा कि “ कोरोना वैश्विक आपदा के प्रभाव से कोई भी अछूता नहीं रहा है। परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने की दिशा में निजी बस ऑपरेटरों की महत्वपूर्ण भूमिका है मगर कोरोना महामारी का प्रदेश के 3500 निजी ऑपरेटर्स पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है । पहले लॉकडाउन के चलते बसों के पहिए का थमना, फिर 50% क्षमता के साथ ऑपरेट करने के सरकारी गाइडलाइन से उनकी आमदनी भी प्रभावित हुई है। हालाँकि कि प्रदेश सरकार के कोरोना एसओपीज व उपायों से कोरोना के प्रसार को रोकने में आशातीत मदद मिली है। मगर ट्रांसपोर्टरों के सामने कई तरह की आर्थिक समस्याएँ खड़ी हुई हैं। प्रदेश ट्रांसपोर्टर यूनियन के पदाधिकारियों ने अपनी माँगों से सम्बंधित एक ज्ञापन सौंपा है जिसे अनुराग ठाकुर ने विश्वास दिलाया है कि उनकी सभी मांगों को प्रदेश के मुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री के समक्ष उठाया जाएगा। अनुराग ठाकुर ने यूनियन पदाधिकारीयों को बताया कि मोदी सरकार ने इस कोरोना काल मे व्यापारियों को आर्थिकरूप से राहत देते हुए 3 लाख करोड़ का पैकेज देय किया है जिस पर सभी व्यपारियों सहित ट्रांसपोर्टर्स को भी 40 फीसदी ओर आर्थिक सहयोग का संकल्प किया है।

यूनियन पदाधिकारियों ने बताया कि इस कोरोना महामारी में “ट्रांसपोर्टरों सरकार से स्पेशल रोड टैक्स जिसमे मिनी बस का कम से कम 6000 प्रति महीना व बड़ी बस का कम से कम 10000 प्रति महीना है को सभी निजी बस ऑपरेटर्स सरकार से पूर्णरूप से माफ करने की मांग कर रहें हैं।वहीं टोकन टैक्स 500 रुपये प्रति सीट प्रति वर्ष लगाया जाता है उसमें भी ऑपरेटर्स राहत की अपेक्षा करते हैं।यूनियन पदाधिकारीयों ने बताया कि बीमा, गाड़ी का रख-रखाव इत्यादि के लिए सरकार ने ऑपरेटर्स को सालाना 2 लाख की राहत देने की बात कही है लेकिन ऑपरेटर्स इस राशि पर सरकार की तरफ से ब्याज मुक्त राहत की मांग करते हैं।ताकि ट्रांसपोर्ट को सिर्फ मूल राशि ही सरकार को वापसी की व्यवस्था रहे।

यूनियन पदाधिकारीयों ने केंद्रीय मंत्री से अपनी बात रखते हुए बताया कि प्रदेश के 3500 निजी ऑपरेटर्स को महीने का लगभग 35 करोड़ का नुकसान हो रहा है। जोकि प्रदेश सरकार के राजस्व को भी भारी नुकसान पहुंचा रहा है।यूनियन के नेताओं ने विश्वास व्यक्त किया कि केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के माध्यम से प्रेषित की गई उनकी मांगों पर हिमाचल सरकार सकारात्मकता से निर्णय करेगी।

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