राज्य में कोरोना मरीजों के ठीक होने की रिकवरी दर 73.4 प्रतिशत

होम आइसोलेसन रह रहे मरीज कोविड-19 के लिए नई गाइडलांइन की करें अनुपालना

  • रोगी का लगातार कोविड के फैलाव को कम करने/रोकने के लिए हर समय तीन तहों वाला मास्क पहनना जरूरी

  •  देखभाल करने वाले को भी तीन तहों वाला मास्क पहनना जरूरी

  • साबुन व पानी से हाथ बार-बार धोये, हाथ धोने में कम से कम 20 सैंकेड लगाये अथवा अल्काहल युक्त हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें

  • बिना हाथ धोये अपने चेहरे, नाक या मुंह को न छुएं

बिलासपुर:  मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रकाश दरोच ने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के बारे में विश्व के कई देशों द्वारा कोविड-19 की जांच, लक्षणों और समय के आधार पर कई शोध किए गए है। उन्होंने बताया कि आई.सी.एम.आर लैबोरेटरी सर्वेक्षण का डाटा व आधुनिक अध्ययन के आधार पर नई कोविड-19 के लिए नई गाइडलांइन के अन्र्तगत यह सुझाव दिए जाते है कि कोरोना वायरस संक्रमण के कोरोना पाॅजीटिव रोगियों में लक्षण आने से दो दिन पहले व सात दिन लक्षण आने के बाद तक कोरोना वायरस का लोड बहुत ज्यादा होता हैं।

उन्होंने बताया कि कोरोना का आरम्भिक टैस्ट पाॅजीटिव आने के दस दिन बाद तक के अन्तराल में (या जिन को तीन दिन से बुखार न हो) व्यक्ति कोरोना नेगेटिव हो जाता है वह कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं फैलाता। होम आइसोलेसन में रोगी को अपना बुखार खुद जांचना होगा यदि स्थिति खराब होती है तो विभाग को रिपोर्ट करनी होगी। अब कोविड-19 पाॅजीटिव रोगी की पूरी आइसोलेसन की अवधि 10 दिन होगी। उसको दुबारा टेस्टिंग की जरुरत नहीं हैं।

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के मामले जिला बिलासपुर में लगातार बढते जा रहे है। जिनमें कई लोगों में कोरोना के बिल्कुल भी लक्षण नहीं हैं या बेहद हल्के लक्षण है। स्वास्थ्य मन्त्रालय ने इसके लिए गाइडलाइंस अपडेट की है उन्होने बताया कि हाॅस्पिटल की जगह होम आइसोलेसन में रह सकते है।

उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस के बेहद हल्के लक्षण होने पर या बिल्कुल भी लक्षण न दिख रहे हो। रोगी को अलग कमरे में घर के दूसरे लोगों से दूर रहना होगा। देखभाल करने के लिए एक व्यक्ति 24 घंटे मौजूद होना चाहिए जो हॅास्पिटल के भी सम्पर्क में रहे। फोन में आरोग्य सेतु ऐप होना चाहिए जो हमेशा एक्टिव रहे। उन्होंने बताया कि कोरोना पाॅजिटिव आने पर 10 दिनो तक होम आइसोलेसन में रहना होगा अन्त में दुबारा टेस्टिंग की जरुरत नही हैं।

उन्होंने रोगियों को सलाह दी कि वे स्वयं को 10 दिन तक अपने घर पर एकान्त की अवस्था में रखेगें व अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करेगे। रोगी लगातार कोविड के फैलाव को कम करने/रोकने के लिए हर समय तीन तहों वाला मास्क पहनना जरूरी है, बार-बार साबुन से हाथ धोने व समुचित सामाजिक/ शारीरिक दूरी जैसे बाछनीय व्यवहार को अपनाना होगा। उन्होंने बताया कि मास्क को 8 घण्टे प्रयोग में लाने के बाद एक प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइट में विसंक्रमित करना जरूरी हैं। रोगी किसी भी रुप में तम्बाकू सम्बन्धि उत्पादों व शराब (एल्कोहल) का उपयोग नहीं करेगा। रोगी कोविड सम्बन्धी दी गई दवाईयों को दिशा निर्देशों के अनुसार समय पर लेना तथा इसके साथ यदि कोई अन्य रोग के लिए वह पहले से दवाईयां ले रहा है तो उन्हें भी साथ-साथ में लेता रहेगा।

उन्होंने बताया कि रोगी को अलग कमरे में घर के दूसरे लोगों से दूर रहना होगा व अलग शौचालय का प्रयोग करना होगा यदि इस की सीट पर ढक्कन लगा हो तो फ्लश करने से पहले ढक्कन बंद कर देगा। रोगी को तरल पदार्थ ज्यादा मात्रा में लेने की सलाह दी जाती है व पौष्टिक, सुपाच्य व ताजा बना खाना खाएगा। रोगी को डाक्टर के दिशा निर्देश मानने होगे।

उन्होंने बताया कि रोगी को अपना बुखार खुद जांचना होगा उसके पास थर्मामीटर के साथ-साथ पल्स आक्सीमीटर (शरीर में ऑक्सीजन का स्तर जांचने के लिए) खरीद कर उपयोग करेगा। यदि वह उच्च रक्तचाप या मधुमेह से पीडित है तो अपने बी.पी. व ब्लड शुगर की भी जांच सुनिश्चित करता रहेगा। यदि स्थिति खराब होती है तो विभाग को रिपोर्ट करनी होगी। यदि रोगी म्युनिसिपल कमेटी क्षेत्र का निवासी है तो वह अपने संक्रमित कचरे को थैले में डालकर विसंक्रमित करने के बाद सफाई कर्मचारी को देगा और यदि ग्रामिण क्षेत्र में रह रहा है तो इस कचरे को उसकी देखभाल करने वाला व्यक्ति जमीन के अन्दर ही दबा कर के नष्ट करना सुनिश्चित करेगा।

उन्होंने कहा कि देखभाल करने वाले को भी तीन तहों वाला मास्क पहनना जरूरी है। सामने वाला मास्क का भाग न छुये रोगी के थूक, लार या छींक के सीधे सम्पर्क से बचे। अगर मास्क गीला हो जाये तो इसे तुरन्त बदल ले। साबुन व पानी से हाथ बार-बार धोये, हाथ धोने में कम से कम 20 सैंकेड लगाये अथवा अल्काहल युक्त हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें। बिना हाथ धोये अपने चेहरे, नाक या मुह को न छुएं। भोजन रोगी को उसके कमरे में ही दें, उसके सीधे सम्पर्क से बचे। रोगी के बर्तन को दस्ताने (गलब्ज) पहन कर साबुन व पानी से धोये अथवा रोगी अपने आप धो सकता है तो खुद ही धोएं। कपडे भी खुद धोएं अथवा मरीज के कपडे, बिस्तर, तौलिए इत्यादि को गर्म पानी व डिटर्जेट में अलग से धेएं एवं इन्हें धूप में अच्छे से सूखा लें।

उन्होंने बताया कि रोगी के प्रयोग में आनी वाली चीजे कभी प्रयोग में न लाये जैसे तोलिया, बैड शीट, खाना खाने के बर्तन आदि। दस्ताने व मास्क को उतारने के बाद हाथ अवश्य धोएं। रोगी द्वारा जनित वेस्ट का उचित बी.एम.डब्ल्यु निर्देशो के अनुसार निपटान करें।

उन्होंने बताया कि उल्लघंन करने पर नियामानुसार कडी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। देखभाल कर्ता अपने मोबाईल फोन पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करें। देखभाल कर्ता सुनिश्चित करें कि निर्धारित उपचार का पालन करें एवं दवाइयों का नियमित रुप से सेवन करें। यदि कोई गम्भीर लक्षण जैसे तेज बुखार, सांस लेने में मुश्किल, छाती में दर्द, अत्यधिक कमजोरी या मानसिक परेशानी दिखें तो तुरंत डाॅक्टर से सम्पर्क करें।

उन्होने बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण खासने, छीकनें, थुकने द्वारा निकले गए एरियोसोल द्वारा संक्रमित व्यक्ति के सम्र्पक में आई हुई सभी वस्तुओं से हो सकता है या उसके सीधे संम्र्पक से भी हो सकता है। इसलिए जनता से अपील कि वे बचाव के लिए मास्क पहनेए दो गज की सामाजिक दूरी का पालन करें, हाथ न मिलाएए नमस्कार संस्कार का पालन करें। जिन लोगों को (आई.एल. आई) मौसमी बुखारएखांसी और जुखाम जैसे लक्षण हों वो नजदीक के कोरोना टेस्टिंग केन्द्र में जाकर अपना कोरोना टैस्ट जरुर करवाएं और एक दुसरे के नजदीक न जाएं और घर पर भी पूरी एहतियात बरतें।

उन्होंने बताया कि यदि कहीं पर होम आइसोलेसन वाले मरीज की मृत्यु हो जाती है तो सबसे पहले सम्बन्धित ग्राम पंचायत प्रधान को सूचना दें ताकि वो प्रशासन से सम्पर्क करके कोविड प्रोटोकाॅल के अनुसार दाह संस्कार करवाने में मदद कर सके।

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