मुख्यमंत्री ने की बिलासपुर में कोविड और सूखे की स्थिति की समीक्षा 

  • चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड-19 मरीजों के बेहतर उपचार के लिए अपने व्यवहार में परिवर्तन कर और संवेदनशीलता के साथ करना होगा कार्य

बिलासपुर: चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड स्वास्थ्य संस्थानों और होम आइसोलेशन में रह रहे कोविड-19 मरीजों के बेहतर उपचार के लिए अपने व्यवहार में परिवर्तन कर और संवेदनशीलता के साथ कार्य करना होगा। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज जिला बिलासपुर के बचत भवन में कोविड-19 और सूखे जैसी स्थिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकतर चिकित्सक और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ कोविड-19 रोगियों का ईलाज प्रतिबद्धता और समर्पण के साथ कर रहे है लेकिन फिर भी बेहतर परिणाम सुनिश्चित करने के लिए अधिक प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन प्रणाली को मजबूत करना समय की मांग है क्योंकि कोविड-19 के सक्रिय मामलों में से लगभग 95 प्रतिशत होम आइसोलेशन में हैं। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन के मरीजों से सम्बन्धित आंकड़े एकत्र किए जाने चाहिए और उन्हें आवश्यक दवाओं के साथ पल्स ऑक्सीमीटर, हैंड सैनेटाइजर उपलब्ध करवाए जाने चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय प्रधानों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि होम आइसोलेशन के कोविड-19 मरीजों के परिजनों के साथ समन्वय स्थापित किया जा सके। उन्होंने कहा कि लोगों को प्रेरित करने के अलावा होम आइसोलेशन के मरीजों की स्वास्थ्य मापदण्डों की नियमित निगरानी के लिए प्रभावी प्रणाली विकसित की जानी चाहिए।

जय राम ठाकुर ने व्यापार मण्डल के सदस्यों से राज्य सरकार को इस महामारी से लड़ने के लिए अपना पूर्ण सहयोग देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को कोविड-19 मामलों की अधिकता वाले राज्यों से धार्मिक समारोहों से घर वापस आने वाले स्थानीय लोगों के समूहों पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए। पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधि ऐसे राज्यों से वापस आने वाले लोगों की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। उन्होंने कहा कि इस संक्रमण के प्रसार की गति बहुत तेज है और यह और भी अधिक घातक है क्योंकि राज्य में पिछले 50 दिनों के दौरान मृतकों की संख्या 970 से 1177 हो गई है। आशा कार्यकर्ताओं को अन्य गम्भीर बीमारियों से ग्रसित कोविड-19 मरीजों का रिकाॅर्ड तैयार करना चाहिए ताकि कोविड-19 मरीजों को बेहतर उपचार किया जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि होम आइसोलेशन प्रणाली को मजबूत करने के लिए पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के निर्वाचित प्रतिनिधियों, स्वयं सहायता समूहों, महिला मण्डलों, युवक मण्डलों इत्यादि की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश द्वारा कोविड-19 के प्रबन्धन के प्रभावी प्रयासों के कारण हिमाचल प्रदेश की अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर स्थिति है परन्तु फिर भी इस महामारी पर अंकुश लगाने के लिए और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है।

जिला बिलासपुर में सूखे जैसी स्थिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने योजनाबद्ध तरीके से जलापूर्ति की आवश्यकता को महसूस किया। उन्होंने कहा कि उन क्षेत्रों में हैंडपम्प लगाए जा सकते हैं जहां पानी के भारी संकट का सामना किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जलापूर्ति योजनाओं के विस्तार के अतिरिक्त जल योजनाओं को जोड़ने के लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को पानी की आपूर्ति का उचित वितरण सुनिश्चित करना चाहिए और पानी के रिसाव की भी जाॅंच करनी चाहिए।

विधायक सुभाष ठाकुर और जीत राम कटवाल ने इस अवसर पर जिले में कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए अपने बहुमूल्य सुझाव दिए। उन्होंने कोविड-19 के अधिक मामलों वाले राज्यों से आने वाले लोगों पर निगरानी रखने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पानी की बेहतर आपूर्ति के लिए जल शक्ति विभाग और हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड के बीच उचित समन्वय सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में कोविड-19 मरीजों की टेªसिंग, टेस्टिंग और उपचार का कड़ाई से पालन कर रही है। उन्होंने अधिकारियों को कोविड मरीजों के बेहतर उपचार के लिए अस्पतालों में आवश्यक दवाओं, ऑक्सीजन की सुविधा और अन्य सामग्रियांे का पर्याप्त भण्डारण सुनिश्चित करने को कहा। उन्होंने पंचायती राज संस्थाओं के चुने हुए प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे कोविड-19 रोगियों के परिवारजनों के साथ बेहतर समन्वय सुनिश्चित करें।

उपायुक्त रोहित जम्वाल ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि जिला में 493 सक्रिय मामलें हैं और जिले में 28 मौतंे हुई हैं। उन्होंने कहा कि कुल सक्रिय मामलों में से जिला में 392 मामलें होम आइसोलेशन में हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मरीजों को क्षेत्र से सम्बन्धित चिकित्सा अधिकारी से जोड़ा गया है और स्थानीय आशा कार्यकर्ता और स्वास्थ्य कार्यकर्ता होम आइसोलेशन के मरीज की स्वास्थ्य निगरानी के लिए दिन में दो बार रोगी के घर जाते हैं। उन्होंने कहा कि पात्र समूहों की लगभग 70 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण किया जा चुका है। जिले की कुल बिस्तर क्षमता 275 है और जिला प्रशासन किसी भी आपदा से निपटने के लिए इसे और विस्तृत करने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि जिला में इस वर्ष 1 मार्च से 18  अप्रैल तक 63 प्रतिशत कम बारिश हुई जो चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि अगर सूखे जैसी स्थिति बनती है तो इससे लगभग 42 जलापूर्ति योजनाएं प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि जिले में सूखे जैसी स्थिति के कारण 50 प्रतिशत फसल का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि सूखे के कारण जिले में चारे का संकट हो सकता है।

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