मण्डी शहर अपने पुराने और समृद्ध सांस्कृतिक गौरव को पुनः हासिल करेगा : मुख्यमंत्री

  • मुख्यमंत्री ने मण्डी विधानसभा क्षेत्र को दी 17.43 करोड़ रुपये की सौगात
  • किए विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास

शिमला : मण्डी शहर तेजी से विस्तार करने वाला और विकसित होने वाला शहर है, जिसका गौरवशाली इतिहास और उज्ज्वल भविष्य है। इस शहर का बेहतर विकास सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने नगर परिषद मंडी को नगर निगम में स्तरोन्नत करने का फैसला किया। इससे शहर का बेहतर और नियोजित विकास सुनिश्चित होगा और शहर के लोगों को बेहतर नागरिक सुविधाएं प्रदान की जा सकेंगी। राज्य के शहरी गरीब नवगठित नगर निगमों सहित ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यान्वित की जा रही मनरेगा योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री शहरी आजीविका योजना के तहत सुनिश्चित रोजगार का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज मंडी विधानसभा क्षेत्र में 17.43 करोड़ रुपये लागत की विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास करने के उपरान्त मंडी के पास तलयाहड़ में लोगों को संबोधित करते हुए कही। इसमें पुलिस लाइन मण्डी में 25 लाख रुपये लागत का एकीकृत कमांड एवं नियंत्रण केंद्र का लोकार्पण भी सम्मिलित हैं। उन्होंने 5.66 करोड़ रुपये लागत से पुलिस अधीक्षक कार्यालय भवन, 3.11 करोड़ रुपये की लागत से आईआरबीएन पंडोह का बहुउद्देशीय हाॅल, 2.07 करोड़ रुपये की लागत से तलयाहड़ में 33 केवी सब स्टेशन का शिलान्यास भी किया।

मुख्यमंत्री ने राजकीय माध्यमिक पाठशाला पुरानी मण्डी में 2.87 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली पार्किंग और क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला सेंट्रल रेंज मण्डी में 1.32 करोड़ रुपये की लागत से डीएनए न्यू ब्लाॅक का शिलान्यास किया। उन्होंने 2.15 करोड़ रुपये की लागत से क्षेत्रीय फाॅरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला सेंट्रल रेंज मण्डी में डीएनए विश्लेषण सुविधा का भी लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वन मंजूरी के कारण लम्बित 605 विकासात्मक परियोजनाओं को हाल ही में वन स्वीकृतियां प्राप्त हुई हैं। इससे राज्य सरकार को प्रदेश में विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं को क्रियान्वित करने में बड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि 150 करोड़ रुपये लागत की महत्वाकांक्षी शिव धाम और 33 केवी सब-स्टेशन तलयाहड के कार्य में देरी हुई, क्योंकि यह मामले वन स्वीकृति के लिए सर्वोच्च न्यायालय में लंबित थे। उन्होंने कहा कि वन स्वीकृति प्राप्त होने के बाद इन सभी परियोजनाओं के कार्य में तेजी लाई जाएगी।

 उन्होंने कहा कि शहर के विलय वाले क्षेत्रों के निवासियों पर कोई कर नहीं लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों के सभी भूमि अधिकार भी सुरक्षित रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिव धाम मंडी शहर में आने वाले लोगों के लिए एक अतिरिक्त आकर्षण होगा। उन्होंने कहा कि मंडी शहर अपने पुराने और समृद्ध सांस्कृतिक गौरव को पुनः हासिल करेगा।

पुरानी मंडी में लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां पर पार्किंग से लोगों को सुविधा उपलब्ध होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने नगर परिषद मंडी को नगर निगम में स्तरोन्नत करने के लिए नगर निगम की जनसंख्या सीमा को मौजूदा 50,000 से 40,000 तक कम करने के लिए विधानसभा में एक विधेयक पारित किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं कि नगर निगम उन पर अतिरिक्त करों का बोझ डालेगा। उन्होंने कहा कि विक्टोरिया पुल से डांगसीधर तक की सड़क का कार्य शीघ्र ही आरम्भ किया जाएगा, जिसके लिए बजट में भी प्रावधान किया गया है।

जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने मंडी नगर परिषद को नगर निगम में स्तरोन्नत करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इससे शहर का व्यवस्थित और सुनियोजित विकास सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि मंडी शहर और शहर के नए विलय किए गए क्षेत्रों में मल निकासी की सुविधा प्रदान करने के लिए करोड़ों रुपये की योजनाएं आरम्भ की गई हैं।

सांसद राम स्वरूप शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री मंडी शहर को राज्य का सबसे जीवंत शहर बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अब यह शहर के लोगों की जिम्मेदारी है कि वे मुख्यमंत्री को पूरा समर्थन दें, ताकि विकास की गति निर्बाध रूप से चल सके।

 

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