शिमला की बर्फबारी से निपटने के लिए सरकार ने किए आधे-अधूरे इंतज़ाम : माकपा

शिमला की बर्फबारी से निपटने के लिए सरकार ने किए आधे-अधूरे इंतज़ाम : माकपा

:- सरकार केवल जिला परिषद व ब्लॉक समिति के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनाने में व्यस्त, जनता को हो रही असुविधा की कोई परवाह नहीं

शिमला: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी)  की जिला कमेटी सरकार द्वारा बर्फबारी से निपटने के लिए किये आधे अधूरे इंतजामों की कड़ी निंदा करती है तथा प्रदेश सरकार से मांग करती है कि बिजली, पानी,सड़कों व अन्य मूलभूत सेवाओँ को तुरन्त दुरुस्त कर जनता को इस बर्फबारी के कारण हो रही असुविधा से राहत प्रदान करे। इन मूलभूत सेवाओं को सुचारू करने की जिम्मेवारी सरकार की बनती है। परन्तु सरकार अपने उत्तरदायित्व को नजरअंदाज कर इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है और सरकार केवल जिला परिषद व ब्लॉक समिति के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनाने के लिए ख़रीद फरोख्त में ही व्यस्त हैं और  जनता को हो रही असुविधा की कोई परवाह नहीं है। यह इससे भी स्पष्ट हो जाता है कि प्रदेश की राजधानी शिमला में ही 24 घण्टे से अधिक समय तक अंधेरा छाया रहा और आज भी बिजली व पानी की आपूर्ति पूर्ण रूप से सुचारू नहीं हुई है।

प्रदेश की राजधानी शिमला शहर के साथ ही साथ पूरे जिला में आज बिजली, पानी, सड़क व अन्य सेवाएं इस बर्फबारी में पूरी तरह से चरमरा गई है। आज भी शिमला को जोड़ने वाली अधिकांश सड़कें या तो बन्द पड़ी है या इनमे फिसलन है। ग्रामीण सड़कों के साथ ही साथ शिमला से रामपुर वाया नारकंडा तथा शिमला से रोहड़ू मार्ग फिसलन के कारण सुचारू रूप से बहाल नहीं हो पाया है। जिसके कारण अभी भी इनमे गाड़ियों का चलना मुश्किल है और दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। आज कोटखाई के पास भी रोहड़ू से आने वाली एक निजी बस फिसलन के कारण दुर्घनाग्रस्त हो गई और सड़क से  नीचे जाने से बाल बाल बच गई। अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में बस रुट बन्द है। सड़क परिवहन सुचारू न होने के कारण आज मरीजों को अस्पताल ले जाने, विद्यार्थियों को कॉलेज जाने तथा आम जनता को अपने गंतव्य पर पहुंचने की बेहद मुश्किलें हो रही है।

बिजली बोर्ड व जल शक्ति विभाग में सरकार द्वारा वर्षों से भर्ती पर रोक के कारण आज इनमे कर्मचारियों की कमी के चलते शिमला जिला में बिजली व पेयजल व्यवस्था अस्तव्यस्त हो गई है। बिजली की आपूर्ति सुचारू न होने के कारण अधिकांश पेयजल योजनाएं ठप्प पड़ी है जिसके कारण कई क्षेत्रों में गत कई दिनों से पेयजल की आपूर्ति नहीं हो रही है। शिमला शहर व जिला के अधिकांश क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति सुचारू न होने से जनता परेशान हैं।

सीपीएम मांग करती है कि प्रदेश में बिजली, पानी, सड़क व अन्य मूलभूत सेवाओं को सुचारू करने के लिए इन विभागों में रिक्त पड़े पदों को तुरन्त भरा जाए ताकि प्रदेशवासियों को मूलभूत आवश्यकताओं के लिए परेशान न होना पड़े। यदि सरकार तुरंत इन सेवाओं को सुचारू करने के लिए कदम नहीं उठाती तथा रिक्त पड़े पदों को तुरंत नहीं भर्ती तो पार्टी जनता को लामबंद कर इसके लिए संघर्ष करेगी।

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