नंद लाल शर्मा ने 60 मेगावाट नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना की 4.34 किलोमीटर लंबी हेड रेस टनल का अंतिम ब्लास्ट किया सक्रिय
नंद लाल शर्मा ने 60 मेगावाट नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना की 4.34 किलोमीटर लंबी हेड रेस टनल का अंतिम ब्लास्ट किया सक्रिय
इस परियोजना की बांध संरचना की ऊंचाई 30.5 मीटर और 30 मेगावाट वर्टिकल फ्रांसिस टरबाइनें होंगी
परियोजना के शुरु होने पर उत्तराखंड को रॉयल्टी के रूप में दी जाएगी 12% निशुल्क बिजली
शिमला : एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नंद लाल शर्मा ने निदेशक (सिविल), एस.पी. बसंल, निदेशक (वित्त) ए.के. सिंह, निदेशक (विद्युत) सुशील शर्मा, तथा उत्तराखंड स्थित मेगावाट 60 मेगावाट नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना के परियोजना प्रमुख एच.आर. ठाकुर की प्रेरणामयी उपस्थिsति में हेड रेस टनल के फेस 1 एवं फेस 2 को जोड़ने के लिए अंतिम ब्लास्ट को सक्रिय किया।
हेड रेस टनल जिसका वयास 5.6 मीटर है तथा 4.34 किलोमीटर लंबी है की 3.9 किलोमीटर तक की खुदाई पहले ही पूरी की जा चुकी है। अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने अन्य निदेशकों के साथ विभिन्न परियोजना घटकों का दौरा किया और विस्तार से सारी प्रगति की समीक्षा की। अति महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मार्ग-निर्देश देने के अलावा उन्होंने परियोजना अधिकारियों और ठेकेदारों का आह्वान किया कि परियोजना को दिसंबर, 2021 तक पूरा कर करें।
इस अवसर पर नंद लाल शर्मा ने बताया कि केंद्रीय विद्युत मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर.के. सिंह तथा उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस परियोजना की आधारशिला 30 मार्च, 2018 को रखी थी।
शर्मा ने बताया कि इस परियोजना की बांध संरचना की ऊंचाई 30.5 मीटर होगी और भूमिगत विद्युत गृह में दो 30 मेगावाट वर्टिकल फ्रांसिस टरबाइनें होंगी।
उन्होंने एसजेवीएन टीम के इस प्रण को दोहराया कि परियोजना 48 महीनों की रिकॉर्ड अवधि में कमीशन कर दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि परियोजना के शुरु होने पर उत्तराखंड को रॉयल्टी के रूप में 12% निशुल्क बिजली दी जाएगी। इसके अलावा प्रत्येक परियोजना प्रभावित परिवार को 10 साल की अवधि के लिए प्रतिमाह 100 यूनिट की लागत के बराबर राशि दी जाएगी।
शर्मा ने आगे बताया कि नैटवाड़ मोरी से हर साल 265.5 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन करने की संभाव्यता है। इस परियोजना की अक्टूबर 2016 के मूल्य स्तर पर लागत लगभग 650 करोड़ रुपए है।
एसजेवीएन सन 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट, मेगावाट और वर्ष 2040 तक 25000 मेगावाट की स्थापित क्षमता हासिल करने के पथ पर पूरे उत्साह के साथ अग्रसर है।