- छह जिलों के 50 अधिकारी ले रहे भाग
शिमला : प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत कृषि कार्यक्रमों में सुधार और नवीन तकनीकों के प्रसार के बारे में नए कृषि अधिकारियों को जागरूक करने के उद्देश्य से 6 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सोमवार को शुभारंभ हुआ। राज्य कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान मशोबरा में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के राज्य परियोजना निदेशक राकेश कंवर ने किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में बुनियादी सुधार की जरूरत है ताकि किसान कर्जमुक्त होकर बिना किसी चिंता के खेती कर सके और कृषि उपज को बढ़ाते हुए आय में भी वृद्धि कर सके। वर्षों से चली आ रही बाजार व्यवस्था के चलते ऐसा असंभव लगता था, लेकिन प्राकृतिक खेती ने एक आशा की किरण जगाई है। प्राकृतिक खेती से जहां किसान की कृषि लागत में कमी आई है वहीं किसान को कर्ज के बोझ से भी मुक्ति मिली है। राकेश कंवर ने कहा कि इस साल प्राकृतिक खेती के लिए तय लक्ष्य को प्राप्त कर लिया गया है और इसमें ब्लाॅक स्तर पर तैनात कृषि अधिकारियों एटीएम/बीटीएम की प्रमुख भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि आगामी वित्त वर्ष में हमें एक ओर जहां तय लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ध्यान केंद्रित करना है वहीं प्राकृतिक खेती के अधीन भूमि का विस्तार भी करना है।
- परियोजना के कार्यान्वयन पर भी दी जाएगी जानकारी
प्रशिक्षण कार्यक्रम के पहले दिन प्रदेश के 6 जिलों शिमला, सोलन, सिरमौर, किन्नौर, कांगड़ा और लाहौल स्पिति से आए 50 नए सहायक तकनीकी प्रबंधक अधिकारियों को कृषि सुधार, डाटा रिकार्डिंग टूल और डाटा रिकार्डिंग के विभिन्न तरीकों के बारे में बताया गया। वहीं छह दिनों तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों को प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के अधीन सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की अवधारणा, इसके कार्यान्वयन और जमीनी स्तर पर इसको अमलीजामा पहनाने को लेकर जानकारी दी जाएगी।