मुख्यमंत्री का घरोग-घंडल पेयजल योजना का कार्य शीघ्र पूरा करने का निर्देश

शिमला : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज यहां शिमला पेयजल एवं मल निकासी वृत से सम्बन्धित लंबित मामलों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए कि शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की 105 करोड़ रुपये की घरोग-घंडल पेयजल योजना का कार्य शीघ्र पूर्ण किया जाए। इस योजना के पूरा होने से क्षेत्र की 41 पंचायतें लाभान्वित होंगी। उन्होंने शिमला शहर के लोगों की बढ़ती पेयजल की मांग को देखते हुए गुणत्ता को ध्यान में रखकर अश्वनी खड्ड से पानी को उठाने को कहा। मुख्यमंत्री ने अश्वनी खड्ड पर प्रदूषण पर नजर रखने तथा नदी के ऊपर की ओर मल निकासी का सही प्रकार निपटान सुनिश्चित बनाने के लिए एक योजना तैयार करने के भी निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने मुख्य लाइनों व वितरण पाइपों में हो रहे पानी के रिसाव को बंद करने के भी निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि मुरम्मत पर होने वाले अतिरिक्त व्यय को कम करने की दृष्टि से गिरि नदी से जहां से पानी उठाया जा रहा है, की एक हजार मीटर पाइपों को बदला जा रहा है। इनके बदलने के उपरांत प्रतिदिन पांच मिलियन लिटर जलापूर्ति में वृद्धि होगी। बैठक में यह भी बताया गया कि अश्वनी खड्ड के पानी के सैंपल नियमित रूप से लिए जा रहे हैं और उन्हें राष्ट्रीय वायरोलोजी संस्थान, पुणे को भेजा जा रहा है। और रिपोर्ट के अनुसार बायोकेमिकल आक्सीजन डिमांड अब 10 एम.जी./1 से कम है जो शहर में फैले पीलिया के दौरान दिसम्बर, 2015 के तीसरे सप्ताह में 120 एमजी/1 से अधिक थी।

सचिव, सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य अनुराधा ठाकुर ने कहा कि अश्वनी खड्ड से सर्दियों के उपरांत मार्च माह में पेयजल आपूर्ति की जाएगी।  बैठक में यह भी बताया गया कि अश्वनी खड्ड के स्रोत्र के दूषित होने के कारण पानी की आपूर्ति बंद कर दी गई थी जिससे पेयजल आपूर्ति में 7 और 8 एम.एल.डी की कमी आई है। उसके उपरांत अन्य पंपिंग केन्द्रों का सुधार कर वर्तमान में प्रतिदिन 39 से 40 एमएलडी पानी की आपूर्ति हो रही है।

अनुराधा ठाकुर ने कहा कि संजौली, लंबीधार, चौड़ा मैदान, समरहिल तथा कसुम्पटी में रीयल टाईम आब्जर्वेशन के लिए स्वचालित ऑनलाईन कलोरीन सेंसर स्थापित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त सभी मुख्य पाइपलाईनों में इलेक्ट्रो-मेगनेटिक वाटर मीटर स्थापित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि सभी पेयजल स्टोरेज टैंकों को ताले लगाए गए हैं और टैंकों के चारों ओर बाड़ लगाने का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि सभी 6 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों में मल प्रबन्धन में सुधार लाया गया है और पांच करोड़ रुपये से अधिक की राशि से मल ड्राईंग बैड का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त ढली, संजौली-मलयाण के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों तथा एसटीपी उत्तरी निपटान पर एयर डिफयूजर स्थापित किए गए हैं। भेकलटी, लंबीधार, क्रेगनेनो, कसुम्पटी तथा अश्वनी खड्ड पंपिंग स्टेशन पर प्रभावी कीटाणुशोधन, गैसियस क्लोरीनेटर स्थापित किए गए हैं। बैठक में बताया गया कि अम्रुत परियोजना के तहत लगभग 47 किलोमीटर मल निकासी लाइन बिछाई जा रही है ताकि मल निकासी में सुधार आए। इसके अतिरिक्त एसटीपी में सुधार व स्तरोन्नयन किया जा रहा है।

 

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