हिमाचल: सुक्खू सरकार ने पेश किया अपना पहला बजट

शिमला : 2023-24 का बजट प्रदेशवासियों के हरित, स्वस्थ एवम् समृद्ध भविष्य के लिए एक नई दिशा प्रदान करने वाला दस्तावेज़ है। इस बजट के माध्यम से हिमाचल प्रदेश को 31 मार्च, 2026 तक ग्रीन स्टेट के रूप में विकसित करने के लिए आवश्यक कदम प्रस्तावित किए गए हैं। पर्यटन सहित अन्य क्षेत्रों में आधारभूत संरचना में निवेश के माध्यम से रोज़गार का सृजन, तकनीक के इस्तेमाल से स्वास्थ्य और शिक्षा तथा अन्य सरकारी सेवाओं की समय पर उपलब्धता व गरीब और जरूरतमंद वर्गों की सहायता के उदेश्य से यह बजट प्रस्तुत किया गया है। नई सरकार का पहला बजट व्यवस्था परिवर्तन की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकारी निवेश के साथ-साथ निजी निवेश को भी महत्व दिया गया है जिससे सरकारी तथा निजी क्षेत्रों में प्रदेश के युवाओं को रोज़गार प्राप्त होगा। पिछले कुछ बजटों से हटकर इस बजट में अतिरिक्त संसाधन जुटाने पर बल दिया गया है।

बजट के मुख्य बिन्दु

53 हज़ार 413 करोड़ रुपये का बजट आकार प्रस्तावित।

31 मार्च, 2026 तक हिमाचल प्रदेश का ग्रीन एनर्जी स्टेट के रूप में विकास

पर्यटन विकास को प्राथमिकता

World Class Technology के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार

शिक्षा में गुणवत्ता व सुधार के लिए नई पहल

सामाजिक सुरक्षा दायरे का विस्तार

कृषि, बागवानी, पशुपालन एवम् मत्स्य क्षेत्र में नए अवसर

आधारभूत संरचना एवम् निजी निवेश को प्रोत्साहन

डिजिटाईजेशन

पैरा वर्करज़, मनरेगा कामगार, छोटे दुकानदार तथा अन्य वर्गों का कल्याण

अतिरिक्त संसाधन जुटाने के प्रस्ताव।

Green Energy का विस्तार

हिमाचल प्रदेश का 31 मार्च, 2026 तक Green Energy State के रूप में विकास।

 वर्ष 2023-24 में 500 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनायें स्थापित करने का लक्ष्य।

 प्रदेश के युवाओं को उनकी अपनी अथवा लीज़ पर ली गई भूमि पर 250 किलोवाट से 2 मैगावाट तक की सौर ऊर्जा  परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 40 प्रतिशत अनुदान।

 हिमाचल प्रदेश को ‘Model State for Electric Vehicles’ के रूप में विकसित किया जाएगा। निजी व सरकारी क्षेत्र के सहयोग से चरणबद्ध तरीके से Electric वाहनोंको प्रोत्साहन दिया जाएगा।

 प्रथम चरण में 6 राष्ट्रीय एवम् राज्य उच्च मार्गों का electric वाहनों के माध्यम से Green Corridor के रूप में विकास।

 Private Bus Operators को e-bus, तथा Private Truck Operators को e-truck खरीद के लिए 50 प्रतिशत की दर से अधिकतम 50 लाख रुपये तक का उपदान। Private Operators को  Charging Station स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत का उपदान।

 हिमाचल पथ परिवहन निगम की 1,500 डीज़ल बसों को ई-बसों से चरणबद्ध ढंग से बदलने के लिए 1,000 करोड़ रुपये का व्यय।

 20 हज़ार मेधावी छात्राओं को Electric Scooty पर 25 हज़ार रुपये तक का उपदान।

 हिमाचल प्रदेश को अग्रणी Green Hydrogen अर्थव्यवस्था बनाने के लिए Green Hydrogen नीति बनाई जाएगी।

 हाईड्रो पावर में 1,000 मैगावाट के प्रोजेक्टों का कार्य पूरा।

 प्रत्येक जिलों की दो पंचायतों को पायलट आधार पर green पंचायतों में विकसित किया जाएगा।

 विश्व बैंक की सहायता से 2,000 करोड़ रुपये की लागत से ”हिमाचल प्रदेश पावर सैक्टर डवैलपमेंट प्रोग्राम“ आरम्भ किया जाएगा।

 HPTCL द्वारा 464 करोड़ रुपये की लागत से 6 EHV सब-स्टेशनों, 5 ट्रांसमिशन लाईनों व एक ‘संयुक्त नियंत्रण केंद्र के निर्माण कार्य को पूर्ण किया जाएगा।

 ऊर्जा के क्रय-विक्रय के दक्ष प्रबन्धन हेतु ‘Centralized Cell’ स्थापित किया जाएगा।

पर्यटन विकास

 मंडी एवम् काँगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के लिए भू-अधिग्रहण प्रक्रिया आरम्भ की जाएगी।

 जिला मुख्यालयों में हेलीपोर्ट का निर्माण किया जाएगा।

 संजौली और बद्दी से हैलीटेक्सी का संचालन शीघ्र शुरू किया जाएगा।

 काँगड़ा जिला को हिमाचल प्रदेश के ‘Tourism Capital’ के रूप में विकसित किया जाएगा। इसमें शामिल होंगेः-

 International standard तक के गोल्फ़ कोर्स का निर्माण।

 स्थानीय कला एवम् संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए ‘पर्यटक ग्राम’ की स्थापना।

 वरिष्ठ नागरिकों के लिए Old Age Home विकसित किए जाएंगे।

 आइस स्केटिंग एवम् रोलर स्केटिंग रिंक का निर्मा ण।

 पौंग डैम में वाटर स्पोर्टस, शिकारा, क्रूज़, यॉट इत्यादि की व्यवस्था।

 बनखण्डी में 300 करोड़ रुपये की लागत से चिड़ियाघर का निर्माण।

 ADB के माध्यम से 1,311 करोड़ रुपये की लागत से पर्यटन विकास योजना के अन्तर्गत काँगड़ा, हमीरपुर, कुल्लू, शिमला, मंडी सहित अन्य जिलों में Heritage Sites के सौन्दर्यकरण, eco tourism एवम् पर्यटन सुविधाओं के लिए कार्ययोजना।

 प्रदेश के युवाओं को पर्यटन एवम् आतिथ्य क्षेत्र में कौशल विकास के लिए वाकनाघाट में 68 करोड़ रुपये से ”उत्कृष्ट केन्द्र“ के निर्माण कार्य को पूरा किया जाएगा।

स्वास्थ्य सेवाओं का सुदृढ़ीकरण एवम् विस्तार

 सभी मैडिकल कॉलेजों में चरणबद्ध तरीके से Robotic Surgery की सुविधा।

 100 करोड़ रुपये की लागत से मैडिकल कॉलेज हमीरपुर, नाहन व चम्बा के भवनों के कार्य पूरा करके उनका लोकार्पण किया जाएगा तथा इनमें नर्सिंग कॉलेज आरम्भ किए जाएंगे।

 प्रदेश के सभी मैडिकल कॉलेजों में casualty  विभाग को upgrade करके Emergency Medicine Department स्थापित किया जाएगा।

 प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक स्वास्थ्य संस्थान को ”आदर्श स्वास्थ्य संस्थान“ के रूप में विकसित किया जाएगा।

 मैडिकल कॉलेज हमीरपुर में 50 करोड़ रुपये की लागत से कैंसर केयर के लिए एक ‘Centre of Excellence’ व Nuclear Medicine Department की स्थापना।

 सभी मैडिकल कॉलेजों में PET Scan सुविधा।

 स्वास्थ्य संस्थानों के लिए उचित मूल्य पर अच्छी Quality की दवाईयां, मशीनरी व उपकरण की खरीद व आपूर्ति के लिए “Himachal Pradesh Medical Services Corporation” की स्थापना।

 टाईप-1 शुगर से पीड़ित गर्भवती महिलाओं व बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए इन्सुलिन पम्प उपलब्ध करवायें जाएंगे।

शिक्षा में सुधार एवम् आवष्यक अधोसंरचना का विस्तार

 Qualitative शिक्षा सुधार हेतु कार्ययोजना बनाई जाएगी।

 प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में ”राजीव गांधी गर्वनमेंट मॉडल डे-बोर्डिंग स्कूल“ खेल सुविधाओं, स्वीमिंग पूल इत्यादि सहित खोले जाएंगे।

 प्रदेश के युवाओं के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु आवश्यक पुस्तकों सहित पुस्तकालयों का निर्माण व नेशनल डिजिटल लाईब्रेरी की access प्रदान की जाएगी।

 महाविद्यालयों में वर्ष में दो बार रोज़गार मेलों तथा Special Placement Drive का आयोजन।

 शिक्षा में गुणवत्ता सुधारने तथा Information and Communication Technology उपयोग करने के लिए प्रत्येक सीनियर सैकेण्डरी स्कूल में लाईब्रेरी की स्थापना, 10 हज़ार मेधावी छात्रों को Tablets 762 स्कूलों में ‘ICT योजना’ के अन्तर्गत Digital Hardware तथा Software 17 हज़ार 510 प्राईमरी रेगुलर अध्यापकों के लिए Tablets तथा 40 हज़ार बच्चों के लिए डैस्क की व्यवस्था।

 स्पोटर्स होस्टल में रह रहे खिलाड़ियों की डाईट मनी को बढ़ाकर 240 रुपये प्रतिदिन किया जाएगा।

 तकनीकी शिक्षा संस्थानों में Value Added Course जैसे Robotics, Block-chain Technology, Cyber Security, Cloud Computing, Data Analytics, Artificial Intelligence vkSj Machine Learning, Electric Vehicles Mechanic, Maintenance Mechanic, Solar Technician, Drone Technician, Mechatronics rFkk Internet of Things Technician  आदि के कोर्स।

 प्रदेश के 11 राजकीय ITIs में ड्रोन सर्विस टैक्निशियन कोर्स चरणबद्ध तरीके से शुरू किए जाएंगे।

 विश्व बैंक की STRIVE परियोजना में 12 ITIs में सुविधाओं और  Infrastructure को उन्नत किया जाएगा।

 4 इंजीनियरिंग कॉलेजों और 8 पॉलीटेक्निकों में ‘‘MERITE योजना’’ को आगामी पाँच वर्षों में लागू किया जाएगा।

 कौशल विकास निगम द्वारा ड्रोन, ‘Electric Vehicles’ एवम् सौर ऊर्जा क्षेत्रों में 500-500 युवाओं को प्रशिक्षण।

सामाजिक सुरक्षा दायरे का विस्तार

 गारंटी को कार्यान्वित करने के लिए 2.31 लाख महिलाओं को 416 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के व्यय से 1,500 रुपये प्रतिमाह की दर से मासिक पैंशन दी जाएगी।

 अनाथ, अर्ध-अनाथ और विशेष रूप से विकलांग बच्चों, निराश्रित महिलाओं और बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए ”मुख्य मन्त्री सुख-आश्रय योजना“। इस योजना के अन्तर्गत लाभान्वित होने वाले 27 वर्ष  की आयु तक के अनाथ बच्चे/व्यक्ति ‘Children of State’ कहलाएंगे तथा इनके लिए ”सरकार ही माता- सरकार ही पिता“ का दायित्व निभाएगी।

 इस योजना के लिए 101 करोड़ रुपये की राशि से मुख्य मन्त्री सुख-आश्रय कोष, बच्चों, निराश्रित महिलाओं व बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए आश्रय गृहों को अत्याधुनिक सुविधाओं सहित अपग्रेड किया जाना, सुन्दरनगर एवम् ज्चालामुखी में ”आदर्श ग्राम सुख-आश्रय परिसर“ का निर्माण, सरकारी गृहों में बेहतर सुविधाएं तथा गुणवत्ता शिक्षा, कैरियर परामर्श आदि सुविधाएं। अनाथ बच्चों को वर्ष में एक बार राज्य के बाहर शैक्षणिक दौरों पर भी ले जाया जाएगा तथा उनको हवाई यात्रा तथा 3 स्टार होटल में रहने की सुविधा भी।

 18 से 27 वर्ष की आयु वर्ग के अनाथ व्यक्तियों को शिक्षा, छात्रावास, व्यवसायिक प्रशिक्षण व कौशल विकास का व्यय राज्य सरकार द्वारा वहन।

 युवाओं को प्रदेश, देश व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर रोज़गार अवसर प्रदान करने के लिए ”मुख्य मन्त्री रोज़गार संकल्प सेवा“ योजना।

 विधवाओं एवम् दिव्यांगजनों को पैंशन पाने के लिए आय सीमा समाप्त।

 दिव्यांगजन ”राहत भत्ता योजना“ के तहत 9,000 नए लाभार्थियों को लाभ।

 सामाजिक सुरक्षा पेंशन के अन्तर्गत 40 हज़ार नए पेंशन मामले।

 7,000 विधवाओं और एकल नारियों को घर बनाने के लिए एक र्नइ  योजना ”मुख्य मन्त्री विधवा एवम् एकल नारी आवास योजना“।

 गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए ”मुख्य मन्त्री विद्यार्थी प्रोत्साहन योजना’’ के अन्तर्गत ऋण के ब्याज पर उपदान।

 20 हज़ार मेधावी छात्राओं को Electric Scooty पर 25 हज़ार रुपये तक का उपदान।

 ”मुख्य मन्त्री सुरक्षित बचपन अभियान“ आरम्भ।

 ”नशा एवम् मादक पदार्थ मुक्त हिमाचल अभियान“ का आरम्भ।

 मादक पदार्थों की तस्करी को रोकने व अपराधियों को पकड़ने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे तथा नशे की तस्करी से अर्जित अवैध सम्पति को जब्त किया जाएगा।

किसानों, बागवानों, पशुपालकों एवम् मत्स्य क्षेत्र में नए अवसर

 Cluster Approach के आधार पर कृषि के समग्र विकास के लिए, एकीकृत ”हिम उन्नति“ योजना।

 ”मुख्य मन्त्री खेत संरक्षण योजना“ के अन्तर्गत जालीदार बाड़ पर उपदान।

 ‘Sub-Mission on Agriculture Mechanization’ के अन्तर्गत किसानों को ट्रैक्टर पर 50 प्रतिशत उपदान।

 कृषि, पशुपालन, बागवानी तथा मत्स्य क्षेत्र में Start-ups को प्रोत्साहित करने के लिए 2 प्रतिशत की दर से ऋण।

 दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ”हिम-गंगा“।

 मिल्क प्रौसेसिंग प्लांट स्थापित तथा स्तरोन्नत किए जाएंगे।

 44 मोबाईल वैनज़ के माध्यम से पशु चिकित्सा सेवा।

 1,292 करोड़ रुपये से ”हिमाचल प्रदेश शिवा परियोजना“ के अन्तर्गत प्रदेश के 7 जिलों में बागवानी का विकास।

 FPOs के सहयोग से ग्रेडिंग/पैकिंग हाऊस, व कोल्ड स्टोर स्थापित किए जाएंगे।

 Fish Farming के लिए नई तकनीकों पर आधारित कार्ययोजना। 120 र्नइ  ट्राउट इकाईयों सहित निजी क्षेत्र में 20 हैक्टेयर नए मछली तालाबों का निर्माण। मछुआरों को 1,000 फेंकवा जाल (Cast Net) उपदान पर।

 मछली तालाबों के निर्माण हेतु 80 प्रतिशत उपदान।

 मछली पालन से जुड़े किसानों को प्रशिक्षण हेतु Carp Farm Gagret में प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना।

आधारभूत संरचना एवम् निजी निवेश को प्रोत्साहन

 “राजीव गांधी स्वरोज़गार योजना” के अन्तर्गत स्वरोज़गार हेतु Dental Clinics में मशीनरी एवम् औजार, मत्स्य इकाईयों, ई-टैक्सी तथा 1 मैगावाट तक के सोलर पावर प्रोजेक्टस सम्मिलित। ई-टैक्सी पर मिलने वाला उपदान सभी वर्गों के लिए 50 प्रतिशत होगा।

 ”नई ओद्यौगिक नीति“ तथा निवेशकों की सुविधा के लिए “Bureau of Investment Promotion” की स्थापना।

 2023-24 में 20 हज़ार करोड़ रुपये के निजी निवेश के साथ 90,000 प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर।

 ‘एक जिला एक उत्पाद’ को प्रोत्साहित करने के उदेश्य से “Unity Mall” का निर्माण।

 प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री के लिए 50 ‘हिम-ईरा’ दुकानें स्थापित की जाएंगी।

 15 अगस्त, 2023 तक शेष बचे 1,040 ‘अमृत सरोवरों’ का निर्माण पूरा किया जाएगा।

 500 चिन्हित बस रूटों पर युवाओं को ई-वाहन चलाने के लिए परमिट।

 12 बस अड्डों का निर्माण।

 हमीरपुर में 10 करोड़ रुपये की लागत से Bus Port.

 शहरी क्षेत्र में पार्किंग की समस्या से निजात दिलवाने के लिए बड़े पार्किंग स्थलों का PPP Mode में निर्माण।

 शिमला में पायलट आधार पर Multi Utility Duct का निर्माण तथा विभिन्न यूटिलिटी लाईनों को बिछाने के लिए नीति।

 “प्रधानमन्त्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) I व II” के अन्तर्गत 150 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण, 650 किलोमीटर सड़कों का उन्नयन, 200 किलोमीटर सड़कों पर क्रॉस ड्रेनेज कार्य व 9 पुलों का निर्माण।

 PMGSY-III के अन्तर्गत 422 करोड़ रुपये की लागत से 440 किलोमीटर लम्बी 45 सड़कें स्वीकृत।

 178 किलोमीटर लम्बाई के 5 राष्ट्रीय उच्च मार्गों को 2 लेन से 4 लेन स्तरोन्नत करने के लिए 4 हज़ार 700 करोड़ रुपये का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को प्रेषित।

 नाबार्ड (RIDF) के अन्तर्गत 250 किलोमीटर नई  सड़कों, 350 किलोमीटर क्रॉस ड्रेनेज, 425 किलोमीटर पक्की सड़कों व 27 पुलों का निर्माण।

 CRIF के अन्तर्गत 500 करोड़ रुपये की 5 सड़कें/ पुल परियोजनाएं भारत सरकार को वित्त पोषण हेतु प्रेषित।

 ”मुख्य मन्त्री सड़क एवम् रख-रखाव योजना“ का आरम्भ।

 पेयजल एवम् सिंचाई परियोजनाओं के प्राक्कलन में source sustainability के लिए कुल परियोजना लागत का 10 प्रतिशत् प्रावधान।

 प्रदेश के 5 शहरों मनाली, बिलासपुर, पालमपुर, नाहन व करसोग में सीवरेज स्कीमों का निर्माण।

 पेजयल, सिंचाई तथा सीवरेज स्कीमों के रख-रखाव एवम् परिचालन के लिए विभिन्न श्रेणियों के 5 हज़ार पद भरे जाएंगे।

 जाठिया देवी, शिमला में नए शहर का विकास।

डिजिर्टाइजेशन एवम् गर्वनेंस

 प्रदेश सचिवालय, सभी निदेशालयों तथा उपायुक्त कार्यालयों में ई-ऑफिस की व्यवस्था।

 ‘मुख्यमन्त्री सेवा संकल्प हेल्पलाईन’ के लिए Whatsapp व  स्वचालित Chat Bot का उपयोग।

 आवारा पशुओं की सूचना के लिए एक नई मोबाईल ऐप का ‘मुख्यमन्त्री सेवा संकल्प हेल्पलाईन’ के साथ एकीकरण।

 लाभार्थियों को विभिन्न लाभ बिना किसी देरी के सीधे पहुँचाने के लिए DBT Portal ।

 ड्रोन व ड्रोन प्रोद्योगिकी उद्योग के लिए एक व्यापक नीति व ड्रोन-सक्षम शासन।

 “State Data Centre” का विस्तार।

 परिवारों से सम्बन्धित आवश्यक सूचना के साथ ”हिम परिवार“ की स्थापना। इससे विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में सुविधा होगी।

 प्रदेश में 4जी तथा 5जी सेवाओं का विस्तार।

 लोकमित्र केन्द्रों की संख्या बढ़कर 6,000 होगी।

 प्राथमिक कृषि सहकारी सभाओं का कम्प्यूटरीकरण।

पैरा वर्करज़, मनरेगा कामगार, छोटे दुकानदार तथा अन्य वर्गों का कल्याण

 बढ़े हुए मानदेय के साथ आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को अब 9,500 रुपये मासिक, मिनि आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को 6,600 रुपये, आँगनवाड़ी सहायिका को 5,200 रुपये, आशा वर्कर को 5,200 रुपये, मिड डे मील वर्कर्ज़ को 4,000 रुपये, वाटर कैरियर (शिक्षा विभाग) को 4,400 रुपये, जल रक्षक को 5,000 रुपये, जल शक्ति विभाग के Multi Purpose Workers को 4,400 रुपये, पैरा फिटर तथा पम्प-ऑपरेटर को 6,000 रुपये, दिहाड़ीदारों को 25 रुपये बढ़ौतरी के साथ 375 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी, आउटसोर्स कर्मी को अब न्यूनतम 11,250 रुपये, पंचायत चौकीदार को 7,000 रुपये, राजस्व चौकीदार को 5,500 रुपये, राजस्व लम्बरदार को 3,700 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। इसके साथ सिलाई अध्यापिकाओं के मानदेय में 500 रुपये, SMC अध्यापकों के मानदेय में 500 रुपये, IT Teachers को 2,000 रुपये, SPOs को 500 रुपये प्रतिमाह बढ़ौतरी दी जाएगी।

 पंचायती राज संस्थाओं में जिला परिषद के अध्यक्षों एवम् उपाध्यक्षों के मानदेय में 5,000 रुपये, सदस्य जिला परिषद, अध्यक्ष, पंचायत समिति, उपाध्यक्ष पंचायत समिति, सदस्य, पंचायत समिति, प्रधान व उप प्रधान ग्राम पंचायत के मानदेय में 500 रुपये प्रतिमाह की वृद्धि के साथ सदस्य ग्राम पंचायत को प्रति बैठक मिलने वाले मानदेय में 200 रुपये की वृद्धि।

 स्थानीय नगर निकायों में महापौर एवम् उप-महापौर नगर निगम के मानदेय में 5,000 रुपये, काऊंसलर नगर निगम, अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवम् पार्षद नगर परिषद तथा प्रधान, उप-प्रधान एवम् सदस्य नगर पंचायत के मानदेय में 500 रुपये की वृद्धि।

 मनरेगा दिहाड़ी में 28 रुपये की बढ़ौतरी की जाएगी। इससे लगभग 9 लाख मनरेगा मजदूरों को लाभ मिलेगा। बढ़ी हुई दिहाड़ी पर 100 करोड़ रुपये राज्य सरकार वहन करेगी।

 “मुख्य मन्त्री लघु दुकानदार कल्याण योजना” के अन्तर्गत छोटे दुकानदारों जैसे दर्जी, नाई, चाय वाले, रेड़ी-फड़ी वाले इत्यादि को 50 हज़ार रुपये तक के ऋण पर लगने वाले ब्याज का 50 प्रतिषत उपदान दिया जाएगा।

अन्य

 ‘विधायक क्षेत्र विकास निधि योजना’ की राशि अब प्रति विधान सभा क्षेत्र 2 करोड़ 10 लाख रुपये होगी।

 ‘विधायक ऐच्छिक निधि’ को बढ़ाकर 13 लाख रुपये किया गया।

 ‘विधायक प्राथमिकता योजनाओं’ के लिए विधायकों द्वारा प्राप्त सुझावों के आधार पर नए दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।

 सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध खनन् पर अंकुश लगाने के लिए ‘Flying Squad’ का गठन।

 HRTC द्वारा बसों, चार्जिंग स्टेषन व अन्य सुविधाओं की जानकारी के लिए GIS based ”व्हीकल लोकेशन ऐप“।

 राजस्व विभाग में Online Registration के कार्य को पूरे प्रदेश में किया जाएगा।

 ‘स्वामित्व योजना’ को शेष बचे जिलों में मार्च, 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

 ”हिमाचल प्रदेश भू-जोत अधिकतम सीमा अधिनियम, 1972“ में संषोधन कर बेटियों को अलग इकाई बनाया जाएगा।

 लाहौल-स्पिति व किन्नौर जिलों में मौसम की जानकारी के लिए डॉपलर राडार स्थापित किए जाएंगे।

 ‘आपदा मित्र योजना’ के अन्तर्गत बाढ़, भूस्खलन व भूकम्प की आशंका वाले जिलों में 1,500 सामुदायिक स्वयं सेवकों को प्रशिक्षित किया जाएगा।

 Forest Clearance cases के शीघ्र निपटान के लिए जिला स्तरीय समीतियों का गठन।

 “Mukhya Mantri Green Cover Mission” के अन्तर्गत जलवायु अनुकूल हरित आवरण।

 आम जनता की सुविधा व प्रक्रिया में सरलीकरण के उदेश्य से हिमाचल प्रदेश भू-कोड व भू-अभिलेख मैनुअल का संशोधन।

 शहरी क्षेत्रों में पुलिस कर्मियों को आवासीय सुविधा।

 अपराधों तथा खनन गतिविधियों पर कड़ी नज़र रखने के लिए पुलिस विभाग द्वारा ड्रोनज़ का प्रयोग।

 प्रदेश की संस्कृति एवम् कला के प्रचार व प्रसार के लिए राज्यों के प्रमुख शहरों में ”हिमाचल उत्सव“ का आयोजन।

 25,000 सरकारी पदों पर भर्ती।

अतिरिक्त संसाधन

 GST के घाटे को कम करने के लिए “GST Revenue Enhancement Project” ।

 ‘सद्भावना योजना 2023’ के अन्तर्गत व्यापारियों, निर्माताओं, थोक व खुदरा विक्रेताओं के विभिन्न अधिनियमों के तहत लम्बित मामलों को निपटाया जाएगा।

 आबकारी नीति को पारदर्शी बनाने के लिए बदलाव।

 शराब पर प्रति बोतल 10 रुपये ”दूध सेस“। जिसका प्रयोग दूध उत्पादकों की आय में वृद्धि के लिए किया जाएगा।

 बिजली बनाने के लिए लगने वाले पानी पर ‘वाटर सैस’।

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