प्रदेश के कॉलेजों में शिक्षकों के रिक्त पदों को शीघ्र भरे प्रदेश सरकार: एबीवीपी

शिक्षण संस्थानों को बंद करने के लिए जानी जाएगी हिमाचल की कांग्रेस सरकार – आकाश नेगी

बिना जांच – परख के जल्दबाजी में महाविद्यालयों को बंद करना सही नहीं -अभाविप

286 स्कूलों के बाद अब, 19 महाविद्यालयों को भी कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया – अभाविप

शिमला: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री आकाश नेगी ने एक ब्यान जारी करते हुए कहा है हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने सत्ता के आने के बाद हिमाचल प्रदेश के छात्र वर्ग को प्रताड़ित व मानसिक रूप से परेशान करने का काम किया है।पहले तो हिमाचल प्रदेश के 286 को बंद कर दिया गया,और अब 19 महाविद्यालयों को भी डिनोटिफाई कर दिया गया है। कल जो महाविद्यालयों को डिनोटिफाई करने की लिस्ट आई है उसमें हम देखते हैं कि बिलासपुर जिला के दो महाविद्यालयों को बंद किया गया है, चंबा जिला का एक कॉलेज ,हमीरपुर के 2 कॉलेज, कांगड़ा के चार, मंडी के तीन, शिमला के 2 , सिरमौर का एक, सोलन के तीन , और कुल्लू जिले का एक संस्कृत कॉलेज शामिल है।जब से सरकार सत्ता में आई तब से बंद ही बंद करने का काम किया जा रहा है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री आकाश नेगी

उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस सरकार छात्र विरोधी सरकार कहलाई जाएगी। अगर हम देखें तो हिमाचल की भागौलिक परिस्थितयों के चलते दूर दराज क्षेत्रों से आने वाले छात्र अपनी पढ़ाई करते हैं। उनके माता पिता दिन रात मेहनत मजदूरी करके उनकी पढ़ाई का खर्चा उठाते हैं। लेकिन हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने महाविद्यालय को बंद करके छात्रों व उनके अभिभावकों पर आर्थिक बोझ डाल रही है। जब छात्र अपने घर से दूर जाकर पढ़ाई करेगा तो उसका किराया भी ज्यादा लगेगा , कमरे का किराया भी लगेगा। नजदीकी शिक्षण संस्थानों को बंद करके छात्रों को शिक्षा से वंचित करने का कार्य कांग्रेस सरकार कर रही है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सस्ती व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दी जाने की बात करती है । शिक्षा के स्तर को बढ़ाने की बात करती है। ताकि कोई भी छात्र पढ़ाई से वंचित न रहे। सरकार ने जिन महाविद्यालयों को बंद किया है दूसरे महाविद्यालयों की दूरी वहां से काफी अधिक है जिससे छात्र व अभिभावक खर्चा उठाने में सक्षम नहीं है।जैसै हम देखें तो जिला मंडी में पंडोह महाविद्यालय को भी बंद कर दिया गया है और हम देखें तो पंडोह से कुल्लू महाविद्यालय भी दूर है ,और मंडी महाविद्यालय भी दूर है। जन शिक्षण संस्थान छात्रों के हित के लिए खोले गए थे ताकि छात्र व उनके अभिभावकों पर आर्थिक बोझ भी ना बने और जो छात्र खुद मेहनत मजदूरी करके अपनी पढ़ाई कर रहा था। वह भी खुश था इन शिक्षण संस्थानों के खुलने से वह भी अपनी पढ़ाई रेगुलर कर सकता है , लेकिन हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने इन शिक्षण संस्थानों को बंद करके छात्रों के सपनों को भी लात मारने का काम किया है,व उन्हें पढ़ाई से वंचित करने का काम भी किया है। जिन महाविद्यालय को बंद किया गया है इन महाविद्यालयों में अधिकतर लेट कैपेसिटी वाले छात्र अपनी पढ़ाई कर रहे थे, उनका भी 1 साल भी पूरा नहीं हुआ और इन शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया गया और जो उस क्षेत्र के आसपास से शास्त्र इन महाविद्यालयों में सस्ती व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करके अपने माता-पिता के सपनों को साकार करने का सपना लेकर बैठे थे उन सपनों को भी चूर चूर करने का काम इन शिक्षण संस्थानों को बंद करके हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने किया है।कभी तो यह सरकार स्कूलों में मिलने वाली मुफ्त भर्ती को सामान्य श्रेणी के विद्यार्थियों के लिए बंद करके पता नहीं कौन सा व्यवस्था परिवर्तन करना चाहती है। फिर इस हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने हिमाचल प्रदेश के 286 स्कूलों को बंद कर दिया, और अब हिमाचल प्रदेश के दूरदराज क्षेत्र के पढ़ने वाले छात्रों के खिलाफ फैसला लेते हुए 19 महाविद्यालयों को भी बंद कर दिया ‌।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार को चेतावनी देती है कि छात्र विरोधी नितियों को हम सहन नहीं करेंगे। जल्द से जल्द इन निर्णयों पर साकारात्मक कार्यवाही की जाएं अन्यथा विद्यार्थी परिषद प्रदेश स्तरीय आंदोलन करने से गुरेज नहीं करेगी।

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