हार्प ने किसान उत्पादक संगठनों के प्रबंधन पर आयोजित किया पांच दिवसीय कार्यक्रम, किसानों को संगठित होकर अपने कृषि उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने तथा उनके प्रबंधन को लेकर दी जानकारी 

किसानों की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए सरकार और मार्केटिंग बोर्ड लगातार प्रयासरत

शिमला : किसान उत्पादक संगठनों की प्रगतिशीलता को सुनिश्चित करने के लिए हिल एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवेलपमेंट प्रमोशन सोसायटी (हार्प) शिमला द्वारा 5 किसान उत्पादक संगठनों के बोर्ड के कुल 22 पदाधिकारियों और 5 मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन 28 फरवरी से 4 मार्च  के मध्य एग्रीकल्चर को-ऑपरेटिव स्टाफ ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट (ए.सी.एस.टी.आई.) सांगटी शिमला में संपन्न हुआ। इस प्रशिक्षण शिविर का विधिवत शुभारंभ ए.सी.एस.टी.आई. के उप-प्रधानाचार्य  एस.आर. ठाकुर द्वारा किया गया। उन्होंने अपने सम्बोधन में प्रतिभागियों से अपने संगठन को मजबूती से चलाने की अपील की। साथ ही किसान उत्पादक संगठनों के बदलते व्यापारिक परिदृश्यों पर व्याख्यान दिया। उन्होंने प्रतिभागियों को अपने-2 संगठनों में उन्हें क्या-क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना  चाहिए, पर चर्चा की। उन्होंने संगठनों की मजबूती को लेकर विभिन्न तरीके अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने किसान उत्पादक संगठनों के प्रबंधन में पादर्शिता के साथ कार्य करने को लेकर जानकारी साझा की।
शिवानी शर्मा, फैक्लटी सदस्य, ए.सी.एस.टी.आई., ने किसान उत्पादक संगठनों के प्रबंधन विषय पर अपना व्याख्यान दिया जिस पर प्रतिभागियों ने विस्तृत चर्चा भी की। उन्होंने किसानों को संगठित होकर अपने कृषि उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने तथा उनके प्रबंधन को लेकर जानकारी दी। इस दौरान  डी.एस. ठाकुर, फैक्ल्टी सदस्य, ए.सी.एस.टी.आई. ने किसान उत्पादक संगठनों में आर्थिक लेखा – जोखा के रिकॉर्ड को व्यवस्थित रखने की महत्वपूर्ण जानकारी दी।

हार्प शिमला के सचिव डॉ. हरिंद्र कुमार ठाकुर ने कहा कि किसान उत्पादक संगठन नयी पीढ़ी की सहकारिता समितियां हैं जिन्हें नाबार्ड पी.ओ.डी.एफ.-आई.डी. कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रोत्साहित किया जा रहा है। डॉ. ठाकुर ने कहा कि नाबार्ड की इस महत्वकांक्षी परियोजना के अन्तर्गत पूरे देश में किसान उत्पादक संगठनों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

कार्यक्रम में नाबार्ड शिमला की सहायक महाप्रबन्धक (एजीएम) आरिफा सुल्ताना ने प्रतिभगियों का मनोबल बढ़ाया तथा सभी किसान उत्पादक संगठनों की नाबार्ड द्वारा किसानों के लिए चलाई जा रही योजनाओं को लेकर अवगत करवाया। साथ ही नाबार्ड द्वारा समय समय पर विभिन्न योजनाओं के तहत दी जाने वाली वित्तीय सहायता को लेकर भी जानकारी दी।

निदेशालय कृषि विभाग शिमला से अर्जुन नेगी, एग्रीकल्चर डेवेलपमेंट अधिकारी ने भी इस दौरान किसानों से अपने विचार साझा किए। उन्होंने किसान उत्पादक संगठनों द्वारा चलाए जा रहे बीज, खाद और दवाइयों के काम के लिए जरूरी लाइसेंस व अन्य दस्तावेजों की जानकारी दी। बागवानी विभाग से सेवानिवृत उप निदेशक ज्ञान वर्मा ने किसानों को अपने प्रोड्यूस को मंडियों में बेचने, ग्रेडिंग-पैकिंग संबंधी जानकारी दी। उन्होंने किसानों उत्पादक संगठनों को संगठित तरीके से कृषि एवं बागवानी उत्पादों को तैयार करने को लेकर विस्तृत जानकारी दी।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिमाचल प्रदेश मार्केटिंग बोर्ड की ओर से दिशा गुप्ता, प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने किसानों को ई-नाम के माध्यम से ऑनलाइन कृषि उत्पादों को देश की किसी भी मंडी में बेचने व अच्छा मुनाफा कमाने को लेकर जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि किसानों की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए सरकार और मार्केटिंग बोर्ड लगातार प्रयासरत है। किसानों को अपनी उपज के अच्छे दाम मिले, इसके लिए माकेर्टिंग बोर्ड व केन्द्र सरकार द्वारा ई-नाम पोर्टल तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से किसान अपनी उपज देश में कहीं भी बेच सकते हैं।

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