सतलुज जल विद्युत निगम ने ऊर्जा क्षेत्र में स्थापित किया बेंचमार्क: मुख्यमंत्री

सीएम बोले-राज्य सरकार एसजेवीएनएल की आगामी ऊर्जा परियोजनाओं के लिए आधारभूत संरचना विकसित करने में करेगी हरसंभव सहयोग प्रदान 

शिमला: मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू कहा कि सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) ने विद्युत उत्पादन क्षेत्र में बेंचमार्क स्थापित किया है और एसजेवीएनएल की संयंत्र का उपलब्धता कारक देश में सर्वाधिक है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड (एचपीएसईबीएल) और अन्य संबंधित विभाग एसजेवीएनएल की विशेषज्ञता से निश्चित रूप से लाभ उठाएंगे ताकि हिमाचल प्रदेश को ऊर्जा राज्य बनाया जा सके। 
मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि राज्य सरकार एसजेवीएनएल की आगामी ऊर्जा परियोजनाओं के लिए आधारभूत संरचना विकसित करने में हरसंभव सहयोग प्रदान करेगी।
उन्होंने एसजेवीएनएल की विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल प्रदेश की ऊर्जा हिस्सेदारी बढ़ाने पर बल दिया।

एसजेवीएनएल के मुख्य महाप्रबंधक नंद लाल शर्मा ने हिमाचल प्रदेश में निष्पादित की जा रही निगम की विभिन्न विद्युत परियोजनाओं के बारे में जानकारी दी और उन्हें कंपनी की प्रगति से अवगत कराया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने 1055 करोड़ रुपये के इक्विटी योगदान की एवज में 2355 करोड़ रुपये की लाभांश आय प्राप्त की है और नाथपा झाकड़ी व रामपुर जल विद्युत परियोजनाओं से 12 प्रतिशत निःशुल्क विद्युत प्राप्त की है जिससे अभी तक लगभग 7000 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि नाथपा झाकड़ी जल विद्युत स्टेशन (एनजेएचपीएस) से बस-बार दर पर लगभग 4200 करोड़ रुपये की 22 प्रतिशत अतिरिक्त विद्युत भी प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री ने विद्युत उत्पादन में नवीन तकनीक के उपयोग पर बल देते हुए कि एनजेएचपीएस, झाकड़ी में हरित हाइड्रोजन उत्पादन पर पायलट संयंत्र प्रक्रियाधीन है। उन्होंने कहा कि एसजेवीएनएल द्वारा परवाणू में सौर मॉडयूल निर्माण संयंत्र भी स्थापित किया जाएगा
उन्होंने एचपीएसईबीएल के अधिकारियों को विभिन्न बिजली परियोजनाओं में उपयोग की जाने वाली मशीनरी के रखरखाव के समय को कम करने के लिए निर्देश जारी किए और इसे पीक पावर उत्पादन के समय में टाला जाना चाहिए ताकि विद्युत परियोजनाओं की दक्षता बढ़े जिससे अधिक आय अर्जित हो सके।
एसजेवीएनएल की हिमाचल प्रदेश में पांच सौर ऊर्जा परियोजनाएं (एसपीपी) प्रस्तावित हैं। जिला ऊना में 112.5 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजना (एसपीपी) थपलान स्थापित की जा रही है। इसके अलावा ऊना जिला में 20 मेगावाट क्षमता की एसपीपी भंजाल और कध, कांगड़ा जिला के फतेहपुर में 20 मेगावाट, सिरमौर जिला में 30 मेगावाट एसपीपी कोलार और कांगड़ा जिला के राजगीर में 12.5 मेगावाट क्षमता एसपीपी की परियोजनाएं पूर्व-निर्माण चरण में हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार निष्पादन एजैंसी को इन परियोजनाओं को निर्माण के लिए हर संभव सहयोग प्रदान करेगी तथा कंपनी को सुविधा प्रदान करने के लिए फ्री होल्ड निजी भूमि की खरीद के लिए नीति में संशोधन के लिए आवश्यक कदम उठाएगी। उन्होंने आगामी सौर ऊर्जा परियोजनाओं में राज्य सरकार की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत तक बढ़ाने के लिए कहा। इन विद्युत परियोजनाओं के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया जाएगा ताकि इन्हें निर्धारित समयावधि में पूरा किया जा सके।
मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक चंद्र शेखर, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, मुख्यमंत्री के प्रधान निजी सचिव विवेक भाटिया, निदेशक ऊर्जा हरिकेश मीणा, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, एचपीएसईबीएल के प्रबंध निदेशक पंकज डढवाल और एसजेवीएनएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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