राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में दिखेगी राज्य सरकार के सुख-आश्रय मॉडल की झलक 

शिमला: शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर होने वाले राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस समारोह में इस बार सुक्खू सरकार के सुख-आश्रय मॉडल की झलक देखने को मिलेगी। निराश्रित महिलाओं व बेसहारा बच्चों के लिए शुरू की गई योजनाओं को ध्यान में रखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग गणतंत्र दिवस समारोह-2023 में मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना को झांकी के माध्यम से प्रस्तुत करेगा, जिसके लिए विभाग ने तैयारियां आरंभ कर दी हैं। 

इस बारे जानकारी देते हुए जिला कार्यक्रम अधिकारी आईसीडीएस शिमला ममता पॉल ने कहा कि विभागीय झांकी में मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना को प्रमुखता के साथ प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 101 करोड़ रुपए का सुखाआश्रय कोष बना कर निराश्रित महिलाओं के साथ-साथ बेसहारा बच्चों के जीवन में खुशी की नवज्योति जलाने का प्रयास किया है। इस कोष के माध्यम से बाल-बालिका संस्थान से उच्चत्तर शिक्षा प्राप्त करने के बाद इन बच्चों को विशेष पाठयक्रमों जैसे इंजीनियरिंग, चिकित्सा, तथा अन्य कोर्स करवाए जाएंगे। सरकार की मंशा है कि इनका एक अभिभावक की तरह सरंक्षण किया जाए और सरकार पर यह उनका अधिकार है।  

वहीं उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग की झांकी इस बार राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण बनेगी। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू टूटीकंडी आश्रम गए। इसके बाद वह मशोबरा आश्रम तथा बसंतपुर आश्रम का भी दौरा कर चुके हैं। वर्तमान सरकार ने 500 रुपए त्यौहार भत्ते के साथ-साथ सालाना 10 हजार रुपए क्लॉथ अलाउंस के रूप में देने की घोषणा की है। सरकार की इन योजनाओं से प्रदेश में चल रहे बाल-बालिका व महिला आश्रमो में रहने वाले लाभान्वित होंगे। इसलिए राज्य स्तरीय गणतंत्र दिवस कार्यक्रम-2023 में विभाग की झांकी को बेहतर बनाने के निर्देश दिए गए हैं। 

 

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