किसानों के लिए किए दो मोबाइल एप लांच

  • मोबाइल एप “क्रॉप इंश्योरेंस” से किसानों को न केवल उनके क्षेत्र में उपलब्ध बीमा कवर के बारे में मिलेगी जानकारी
  • ऋण लेने वाले किसानों को अधिसूचित फसल के लिए इंश्योरेंस प्रीमियम, कवरेज राशि व ऋण राशि की गणना में मिलेगी मदद

नई दिल्ली: केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने आज किसानों के लिए दो मोबाइल एप लांच किया। मोबाइल एप “क्रॉप इंश्योरेंस” से किसानों को न केवल उनके क्षेत्र में उपलब्ध बीमा कवर के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी बल्कि ऋण लेने वाले किसानों को अधिसूचित फसल के लिए इंश्योरेंस प्रीमियम, कवरेज राशि तथा ऋण राशि की गणना में भी मदद मिलेगी। मोबाइल एप “एग्रीमार्केट मोबाइल” का 50 किलोमीटर के दायरे इस्तेमाल करते हुए किसान 50 किलोमीटर के दायरे की मंडियों में फसलों का मूल्य तथा देश की अन्य मंडियों में मूल्य के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है।

राधामोहन सिंह ने दोनों मोबाइल एप जारी करते हुए कहा कि कृषि तथा किसान कल्याण मंत्रालय श्री अटल बिहारी वाजपेयी तथा चौधरी चरण सिंह की जयंती मनाने के लिए 25 दिसंबर से किसान जय विज्ञान सप्ताह आयोजित कर रहा है। मोबाइल एप की लांचिंग सप्ताहभर के समारोह का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि कृषि तथा किसान कल्याण मंत्रालय का प्रयास किसानों तथा अन्य हितधारकों को सभी आवश्यक सूचनाएं समय पर उपलब्ध कराना है ताकि कृषि उत्पादकता और विश्वस्तरीय आय के लिए उचित वातावरण बनाया जा सके। इस दिशा में कृषि क्षेत्र में राष्ट्रीय ई-गर्वंनेंस योजना लांच की गई है। सभी राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों में ब्लॉक स्तरों तक हार्डवेयर देने के अतिरिक्त परियोजना में 12 क्लस्टर सेवाओं (65 से अधिक सचेत वेबसाइटों/एप्लीकेशनों के साथ) का विकास शामिल है।

कृषि और किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि इनमें से 36 एप्लीकेशन तथा वेबपोर्टल चालू कर दिए गए हैं और इनका उपयोग विभिन्न विभाग तथा केन्द्र और राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के हितधारकों द्वारा किया जा रहा है। इनमें से कुछ हैं एम किसान, किसान पोर्टल, इंश्योरेंस पोर्टल, नाउकास्ट, प्लांट क्वारेंटाइन इंफॉरमेशन सिस्टम, एगमार्कनेट तथा किसान नॉलेज प्रबंधन सिस्टम। परियोजना में टच स्क्रीन कियोस्क, एसएमएस, यूएसएसडी तथा मोबाइल के जरिए वेब आधारित चैनलों से सेवाएं उपलब्ध कराना शामिल है। ग्रामीण भारत में इंटरनेट की पहुंच अभी काफी कम है लेकिन किसानों तथा दूरदराजों के लोगों में मोबाइलों की संख्या काफी तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि कृषि तथा किसान कल्याण मंत्रालय ने मोबाइल प्लेटफॉर्मों से अपनी सभी वर्तमान और भविष्य की सेवाओं को उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। मंत्रालय के एम किसान पोर्टल को भारी सफलता मिली है। आज एसएमएस से सलाह प्राप्त करने के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या लगभग दो करोड़ है। यह सलाह अधिकारियों तथा सभी राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के विज्ञानिकों, आईसीएआर, आईएमडी और कृषि विश्वविद्यालयों द्वारा दी जाती है। राधामोहन सिंह ने कहा कि सरकार अगले महीने नई फसल बीमा योजना लांच करेगी। इसका उद्देश्य कम प्रीमियम के साथ दावों का तेजी से निपटारा होगा।

आज लांच किए गए मोबाइल एप की विशेषताएः

क्रॉप इंश्योरेंस मोबाइल एप : भारत सरकार किसानों को फसल बीमा प्रदान करने के लिए बड़ी राशि खर्च करती है ताकि किसानों को अप्रत्याशित परिस्थितियों में राहत दी जा सके। सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियां फसल बीमा प्रदान करती हैं। जिलों/ब्लॉकों में विभिन्न फसलों के लिए बीमा कवच प्रदान करने के लिए बीमा कंपनियों को राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश नामित करते है। एक विशेष अवधि के तहत किसान इस सुविधा का लाभ उठाते है। प्राशसनिक तथा तकनीकी कारणों से सूचना किसानों तक समय पर नहीं पहुंच पाती ताकि वे लाभ उठा सके। “क्रॉप इंश्योरेंस मोबाइल एप” से किसानों को न केवल उनके क्षेत्र में उपलब्ध बीमा कवर के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी बल्कि ऋण लेने वाले किसानों को अधिसूचित फसल के लिए इंश्योरेंस प्रीमियम, कवरेज राशि तथा ऋण राशि की गणना में भी मदद मिलेगी। इसका इस्तेमाल सामान्य बीमा राशि, विस्तारित बीमा राशि, प्रीमियम ब्यौरा तथा अधिसूचित क्षेत्र में किसी अधिसूचित फसल की सब्सिडी सूचना के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

एग्रीमार्केट मोबाइल एप: सही बाजार सूचना के अभाव में किसानों को बिक्री में नुकसान उठाना पड़ता है। इस मोबाइल एप से किसान बाजार भावों के बारे में सूचना एकत्र कर अपना निर्णय ले सकते हैं और यह समझ सकते हैं कि बिक्री के लिए उन्हें आस-पास की किस मंडी में उत्पाद ले जाना चाहिए। यह एप किसानों को आस-पास के फसल मूल्यों से अवगत कराने के उद्देश्य से विकसित किया गया है। एग्रीमार्केट मोबाइल एप के इस्तेमाल से 50 किलोमीटर के दायरे की मंडियों में फसलों का बाजार मूल्य प्राप्त किया जा सकता है। यह एप स्वतः मोबाइल जीपीएस इस्तेमाल करने वाले व्यक्ति के स्थान की पहचान करता है और 50 किलोमीटर के दायरे में आने वाले बाजारों में फसलों की कीमतों को उपलब्ध कराता है। यदि कोई व्यक्ति जीपीएस लोकेशन का उपयोग करना नहीं चाहता तो उसके लिए भी किसी अन्य बाजार या फसल का मूल्य प्राप्त करने का विकल्प है। मूल्य एगमार्कनेट पोर्टल से लिए जाते है

यह दोनों मोबाइल एप कृषि सहकारिता तथा किसान कल्याण विभाग के आईटी प्रभाग द्वारा विकसति किए गए हैं और इन्हें गूगल स्टोर या एम किसान पोर्टल http://mkisan.gov.in/Default.aspx से डाउनलोड किया जा सकता है। यदि कोई राज्य इन मोबाइल एप्लीकेशनों को अपनी भाषा में बदलना चाहता है तो ऐसा अपनी भाषा में कुछ महत्वपूर्ण शब्दों के नाम उपलब्ध कराकर कर सकते है। यह एप्लीकेशन उस भाषा में तैयार हो जाएगा।

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