नाबार्ड की ओर से हिमाचल प्रदेश के सहाकारी बैंकों को 550 करोड रूपये की वित्तीय सहायता

प्रदेश में नाबार्ड द्वारा निवेश ऋण को बढ़ाने पर विशेष बल

  • शिमला में स्टेट क्रेडिट सेमिनार का आयोजन

 

शिमला : नाबार्ड ने अगले वर्ष के लिए राज्य ऋण योजना प्रस्तुत करने के संबंध में शिमला में स्टेट क्रेडिट सेमिनार का आयोजन किया। इसका उद्घाटन सिंचाई मंत्री विद्या स्टोक्स ने किया।

नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक डॉ. पी राधाकृष्णन ने बताया कि वर्ष 2016-17 के दौरान दीर्घकालिक दोहनयोग्य संभाव्यता, उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं, सहायक सेवाओं, वित्तीय संस्थानों की स्थिति, ऋण उपयोग क्षमता आदि के आधार पर 16125 करोड़ रूपये की कुल ऋण योजना आकलन किया गया है। स्टेट फोकस पेपर तैयार करने में संभाव्यता का आकलन करने और सामाजिक एवं कृषि आधारभूत ढांचे में अंतराल की पहचान करने पर जोर दिया गया है। नाबार्ड ने इस वर्ष भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी प्राथमिकता क्षेत्र मार्गनिर्देशों के आधार पर पीएलपी और स्टेट फोकस पेपर तैयार किया है। उन्होंने प्रदेश में नाबार्ड द्वारा निवेश ऋण को बढ़ाने पर विशेष जोर देते हुए नाबार्ड द्वारा प्रदत्त ऋण और गैर ऋण सहायता भी प्रकाश डाला। इस दौरान नाबार्ड द्वारा चिन्हित विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के संभाव्य क्षेत्रों यथा मशरूम खेती, ट्राउट पालन, सोलर पावर फेंसिंग और चाय की खेती के विकास पर नाबार्ड द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर भी प्रकाश डाला गया और इन पर चार थीम पेपर प्रस्तुत किए गए।

ऋण योजना के तहत सेक्टर वार कृषि और संबधित क्षेत्र के लिए 6986 करोड़ रुपये, सूक्ष्म, लघु और मझौले उद्यमों के लिए 5137 करोड़ रुपये और अन्य प्राथमिकता क्षेत्र (निर्यात, आवास ऋण, शिक्षा ऋण, सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर सहित) के लिए 3939 करोड़ रुपये का आकलन किया गया है। इस दौरान बागवानी मंत्री विद्या स्टोक्स ने स्टेट फोकस पेपर का विमोचन किया जिसमें वर्ष 2016-17 की राज्य ऋण योजना का आकलन किया गया है। उन्होंने मुख्य संभाव्य क्षेत्रों पर चार थीम पेपरों का भी विमोचन किया गया। उन्होंने किसान क्लब कार्यक्रम, एसएचजी बैंक लिंकेज कार्यक्रम और जेएलजी फाइनेंसिंग कार्यक्रम के तहत नाबार्ड से जुडी विभिन्न संस्थाओं को भी उनकी उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया। उन्होंने 2014-15 के दौरान नाबार्ड की विभिन्न गतिविधियों के तहत उत्कृष्ट उपलब्धियों के लिए बैंकों और राज्य सरकार के विभागों को भी पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने ऋण योजना तैयार करने और 2016-17 के लिए 16125 करोड़ रुपये की कुल राज्य ऋण योजना का आकलन करने के लिए नाबार्ड के प्रयासों की प्रशंसा की।

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