भारतीय अर्थव्यवस्था की व्‍यापक स्थिरता में महत्वपूर्ण सुधार: वित्‍त मंत्री

नई दिल्ली: केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारत दुनिया की सर्वाधि‍क तेजी से विकास कर रही अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्‍होंने कहा कि महंगाई के निम्‍न स्‍तर, राजकोषीय घाटे (एफडी) और चालू खाता घाटे (सीएडी) इत्‍यादि के लिहाज से भारतीय अर्थव्यवस्था की व्‍यापक स्थिरता में महत्वपूर्ण सुधार देखा गया है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि वैश्विक आर्थिक स्थिति में कायम अनिश्‍चि‍तता के चलते इसके नकरात्‍मक असर को देखते हुए ये उपलब्‍धि‍यां निश्चि‍त तौर पर विश्‍वसनीय हैं। उन्‍होंने कहा कि इस तरह के नकारात्‍मक असर के कारण उभरते बाजार एवं विकासशील देश आम तौर पर और ज्‍यादा संवेदनशील और नाजुक हो गए हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान व्यापक आर्थिक हालात वर्ष 2013-14 के पूर्वार्द्ध की तुलना में कहीं ज्‍यादा अच्‍छे हैं, क्‍योंकि उस दौरान चालू खाता घाटा एवं राजकोषीय घाटा भारी-भरकम था और महंगाई भी उच्‍च स्‍तर पर विराजमान थी।

यही नहीं, उस दौरान ब्‍याज दरें ऊंची थीं और विकास की रफ्तार धीमी थी। जेटली ने कहा कि मौजूदा अच्‍छे आर्थि‍क हालात देश की अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने और उसे स्थिर करने के लिए पिछले 19 महीनों में वर्तमान सरकार द्वारा किए गए नीतिगत उपायों और संरचनात्मक सुधारों की बदौलत ही संभव हो पाए हैं। सार्वजनिक निवेश बढ़ाकर विकास की गति तेज करना, अटकी पड़ी परियोजनाओं पर काम शुरू करना, वित्‍तीय समावेश की ताजा स्‍थि‍ति में उल्‍लेखनीय सुधार, प्रणालीगत परिवर्तन जैसे कि प्राकृतिक संसाधनों कोयले एवं स्‍पेक्‍ट्रम की खुली नीलामी के जरिए शासन के तौर-तरीकों में सुधार और नीतियों एवं नियमन में सुधार के जरिए कारोबारी माहौल बेहतर करना इन उपायों में शामिल हैं। वित्त मंत्री जेटली आज यहां वित्त मंत्रालय से सम्बद्ध सलाहकार समिति की तीसरी बैठक को संबोधित कर रहे थे, जिसका विषय ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ था।

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