- मुख्यमंत्री ने किया फोरेंसिक मुख्यालय परिसर का शिलान्यास
शिमला: मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला आपराधिक एवं दीवानी मामलों में गुणात्मक रिपोर्ट उपलब्ध करवाकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। प्रयोगशाला द्वारा उपलब्ध करवाई जाने वाली रिपोर्ट से जांच को प्रारम्भिक स्तर पर सही दिशा मिलती है जो जांच एजेंसियों के लिए नतीजे तक पहुंचने के साथ-साथ उनके समय की भी बचत करता है। इससे लोगों को भी शीघ्र न्याय उपलब्ध करवाने में मदद मिलती है।
मुख्यमंत्री आज शिमला जिले के जुन्गा में 10 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले फोरेंसिक मुख्यालय परिसर की आधारशिला रखने के उपरान्त लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। वीरभद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार भविष्य में भी इस संस्थान के विकास के प्रति वचनबद्ध है और इसे सभी नवीनतम सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि अपराधिक मामलों को सुलझाने में वैज्ञानिक साक्ष्य महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। आज के परिपेक्ष्य में नवीनतम तकनीक को प्रभावी ढंग से ग्रहण करने की आवश्यकता है और साइबर के इस मौजूदा दौर में डिजीटल ज्ञान का उपयोग जरूरी हो गया है। फॉरेंसिक विज्ञान के क्षेत्र में दिन-प्रतिदिन की जांचों में और अधिक डिजीटल सबूतों का सामना करना पड़ रहा है। इसी प्रकार की फोरेंसिक प्रयोगशालाएं धर्मशाला तथा मण्डी में स्थापित की गई हैं, जहां इसी प्रकार की सभी सुविधाएं उपलब्ध करवा कर इन्हें सुदृढ़ किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फोरेंसिक विज्ञान फोरेंसिक विशेषज्ञों तथा गैर विशेषज्ञ सहित पुलिस अधिकारी व अधिवक्ता के लिए बहुआयामी एवं बहु व्यवसायिक विज्ञान है, जो अधिवाक्ताओं एवं जांच अधिकारियों को दिशा-निर्देश उपलब्ध करवाता है। उन्होंने इस अवसर पर फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला द्वारा आयोजित प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया और इसमें गहरी रूचि दिखाई। मुख्यमंत्री ने इस दौरान आपदा पीड़ित पहचान प्रकोष्ठ का भी शुभारम्भ किया, जो देश भर में अपनी तरह का एकमात्र केन्द्र है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के नए चिन्ह (लोगो), फ्लैग और राज्य फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के वृत चित्र को भी जारी किया। वृत चित्र में 1988 से स्थापित इस प्रयोगशाला के इतिहास की जानकारी उपलब्ध करवाई गई है।
वीरभद्र सिंह ने इस दौरान वीडियो कॉनफ्र्रेंसिंग सुविधा का भी शुभारम्भ किया, जो न्यायालय को ऑनलाईन साक्ष्य उपलब्ध करवाने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने इस अवसर पर फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला का वैबसाईट शुभारम्भ किया तथा स्मारिका का भी विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर सेवानिवृत डीजीपी आई.बी. नेगी तथा फोरेंसिंक विज्ञान प्रयोगशाला के संस्थापक बी.आर. शर्मा को उनकी फोरेंसिक प्रयोगशाला के लिए दी गई अमूल्य सेवाओं के लिए सम्मानित किया। उन्होंने फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के आधुनीकरण तथा साजो समान के लिए 50 लाख रुपये की भी घोषणा की।
इससे पूर्व, मुख्यमंत्री ने पांच करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हिमाचल प्रदेश गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा के संयुक्त प्रशिक्षण संस्थान का पंथाघाटी के समीप सरगींण में शुभारम्भ किया। विधायक अनीरूद्ध सिंह ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। उन्होंने मुख्यमंत्री का सरगींण में गृह रक्षा प्रशिक्षण केन्द्र का लोकार्पण करने तथा फोरेंसिक मुख्यालय परिसर की आधारशिला रखने के लिए आभार प्रकट किया।
फोरेंसिक प्रयोगशाला के निदेशक अरूण शर्मा ने भी मुख्यमंत्री तथा अन्यों का स्वागत किया। उन्होंने राज्य फोरेंसिक लैब की स्थापना के बाद प्राप्त उपलब्धियों की जानकारी दी। उन्होंने फोरेंसिक अकादमी स्थापित करने की भी मांग की, जहां पर एक ही छत्त के नीचे फोरेंसिक सुविधाएं उपलब्ध हो। हिमाचल प्रदेश प्रथम सैन्य पुलिस बटालियन जुन्गा के कमांडेंट सुनील कुमार, जुन्गा एस्टेट के वीर विक्रम सेन तथा उपायुक्त शिमला दिनेश मल्होत्रा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।