प्रदेश सरकार सड़क सुरक्षा को लेकर संवेदनशील : बाली, बैठक में लिए गये अहम निर्णय

  • सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में लिए गये अनेक महत्वपूर्ण निर्णय

शिमला: प्रदेश सरकार सड़क सुरक्षा को लेकर संवेदनशील है और इस दिशा में अनेक पग उठाए जा रहे हैं। राज्य में सड़कों पर ब्लैक स्पॉट चिन्हित करके इनकी मुरम्मत करना, नशे की हालत में वाहन चलाने और तीव्र गति पर अकुश, लोगों में यातायात नियमों बारे जागरूकता उत्पन्न करना जैसे अनेक प्रभावी कदम उठाए गए हैं। यह बात परिवहन मंत्री जी.एस. बाली ने आज यहां आयोजित राज्य परिवहन विकास एवं सड़क सुरक्षा परिषद की द्वितीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

बाली ने लोक निर्माण विभाग को पुलिस विभाग द्वारा चिन्हित ब्लैक स्पॉट पर तेजी से कार्य करने को कहा। प्रदेश के विभिन्न भागों में पुलिस विभाग द्वारा लगभग 350 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गये हैं। इसके साथ ही लोक निार्मण विभाग द्वारा लगभग 3000 ब्लैक स्पाट अपने स्पर पर ही चिन्हित किए गए हैं । ब्लैक् स्पाट सड़कों पर ऐसे बिन्दु होते हैं, जहा पर दुर्घटना ज्यादा होती है या ज्यादा होने की सम्भावना होती है । बैठक में 50 एल्कोसेन्सर खरीदने के अतिरिक्त प्रदेश के वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं एवं कालेजों में सड़क सुरक्षा पुस्तिका उपलब्ध करवाने का अनुमोदन किया गया। लोगों को सुविधा देने के लिए लाईसेन्स उपलब्ध करवाने के लिये कांगड़ा तथा सोलन में पायलट आधार पर दो केन्द्र स्थापित करने को भी सैद्वान्तिक मंजूरी प्रदान की गई। हिमाचल पथ परिवहन निगम को छोटी बसें खरीदने के लिये धनराशि उपलब्ध करवाने को भी सैद्वान्तिक मंजूरी प्रदान की गई।

परिवहन मंत्री ने कहा कि राज्य में सीएनजी बसें चलाने की प्रक्रिया जारी है और इसके लिये ऊना के टाहलीवॉल में सीएनजी का मदर स्टेशन स्थापित किया जाएगा, जबकि मनाली में इसका डॅाटर-स्टेशन शीघ्र स्थापित किया जाएगा और इसके लिए भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया जारी है और इसपर कुल 18 करोड़ रुपये की लागत आएगी। बाली ने कहा कि सड़क सुरक्षा के महत्व को देखते हुए सभी सड़क परियोजनाओं के लिए लोक निर्माण विभाग अपने ही स्तर पर धनराशि उपलब्ध करवाए । इस वर्ष लोक निर्माण विभाग ने इस उद्देश्य के लिए 50 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान भी कर लिया है। प्रदेश में निर्मित होने वाली सड़कों पर पैदल रास्तों का निर्माण करना तथा परिवहन एवं पुलिस विभागों को संयुक्त रूप से मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों को सुनिश्चित बनाने के लिए वाहनों की नियमित जांच तथा ओवर लोडिंग पर नियंत्रण करने की आवश्यकता है। बद्दी, नालागढ़, बिलासपुर, जसूर, कांगड़ा और पांवटा क्षेत्रों में परिवहन विभाग द्वारा विशेष वाहन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करने की भी परिषद ने सिफारिश की है।

परिवहन मंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा कार्य योजना पर विभाग प्रभावी कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण को कम करने के लिए डीजल वाहनों पर पर्यावरण सैस लगाने पर विचार किया जा रहा है ताकि प्राप्त धन राशि को पर्यावरण गतिविधियों पर खर्च किया जा सके। आम जनता की शिकायतों का समाधान करने के लिए परिवहन विभाग ने एक कॉल सेंटर स्थापित करने का निर्णय लिया है।

बैठक में शिमला, मनाली, धर्मशाला और डलहौजी में पायलट आधार पर बाईक टैक्सियां चलाने को भी अनुमति प्रदान की गई। परिवहन विभाग में परियोजना प्रबन्धन इकाई का सृजन करने के लिए उच्च दक्षता मानव शक्ति की सेवाएं लेने के लिए मामला मंत्रिमण्डल के समक्ष स्वीकृति के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। बैठक की कार्यवाही का संचालन परिवहन विभाग के निदेशक प्रियतू मण्डल ने किया।

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