एसजेवीएन सीएमडी नन्द लाल शर्मा किये गये आईसीआई द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित

एसजेवीएन ने की मध्य प्रदेश में एक और 83 मेगावाट की फ्लोटिंग सोलर परियोजना हासिल : सीएमडी नन्द लाल शर्मा

परियोजना को रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (आरयूएमएसएल) द्वारा आयोजित ई-रिवर्स नीलामी (ई-आरए) में बिल्ड ओन और ऑपरेट के आधार पर 3.70 रुपये / यूनिट की दर से हासिल किया गया है 

एसजेवीएन मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में भारत के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पार्क में इस परियोजना का करेगा विकास 

शिमला: एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने आज बताया कि एसजेवीएन ने अपनी किटी में एक और 83 मेगावाट की फ्लोटिंग सोलर परियोजना मध्य प्रदेश में हासिल की है। इस परियोजना को रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (आरयूएमएसएल) द्वारा आयोजित ई-रिवर्स नीलामी (ई-आरए) में बिल्ड ओन और ऑपरेट के आधार पर 3.70 रुपये / यूनिट की दर से हासिल किया गया है।

 नन्द लाल शर्मा ने बताया कि एसजेवीएन मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के ओंकारेश्वर में भारत के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर पार्क में इस परियोजना का विकास करेगा। फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट को विकसित करने की लागत लगभग 585 करोड़ रुपये होगी। कमीशनिंग के बाद, परियोजना पहले वर्ष में 187 मिलियन यूनिट और 25 वर्षों की अवधि में 4410 मिलियन यूनिट का उत्पादन करेगी। इस परियोजना के कमीशन होने से 25 वर्षों में लगभग 2,16,074 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आने की उम्मीद है।

बिजली खरीद समझौते पर आरयूएमएसएल और एसजेवीएन के बीच 25 वर्षों के लिए हस्ताक्षर किए जाएंगे। पीपीए पर हस्ताक्षर करने की तारीख से 21 महीने की अवधि के भीतर परियोजना को कमीशन किया जाएगा।

 नन्द लाल शर्मा ने कहा, “यह हमारा दूसरा फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट है जिसे आरयूएमएसएल से टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से हासिल किया गया है। हम पहले से ही मध्य प्रदेश में 90 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट विकसित कर रहे हैं। एसजेवीएन अपनी  पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के माध्यम से 4090.5 मेगावाट क्षमता की अन्य नवीकरणीय परियोजनाओं के साथ इस परियोजना को कार्यान्वित कर रहा है।

एसजेवीएन  अपनी विकास यात्रा में तेजी से तेजी से विस्तार और क्षमता वृद्धि कर रहा है। लगभग 42,000 मेगावाट के वर्तमान पोर्टफोलियो के साथ, कंपनी 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और 2040 तक 50000 मेगावाट क्षमता के अपने साझा विजन को हासिल करने के लिए आगे बढ़ रही है।

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