मुख्यमंत्री को जल्दी निर्णय लेकर रेत बजरी की कीमतें तय कर आम जनता को देनी चाहिये राहत : सुधीर शर्मा

शिमला के लिए केंद्र सरकार ने 187.75 करोड़ की योजना की मंजूर

शिमला : राजधानी शिमला के लिए केंद्र सरकार ने 187.75 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी प्रदान की है। केंद्र सरकार ने अटल मिशन फॉर रिजूवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉरमेशन (अमरुत) परियोजना के कार्यान्वयन के लिए नगर निगम शिमला की 187.75 करोड़ की कार्ययोजना को स्वीकृति दी है। बिहार व महाराष्ट्र राज्यों ने भी इसके लिए प्रस्तुतीकरण दिया था लेकिन हिमाचल प्रदेश की कार्ययोजना को स्वीकृति दी गई।

शहरी विकास एवं नगर नियोजन मंत्री सुधीर शर्मा ने शिमला में बताया कि शहरी विकास केंद्रीय मंत्रालय ने नगर निगम क्षेत्र में इस परियोजना के कार्यान्वयन के लिए तीन वषरें के लिए राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई कार्ययोजना के प्रस्तुतीकरण को देखने के बाद स्वीकृति प्रदान की है। चालू वित्त वर्ष के दौरान परियोजना के अंतर्गत 52.94 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे। इसमें से केंद्र सरकार 50 प्रतिशत वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाएगी व राज्य सरकार 50 प्रतिशत खर्च वहन करेगी। यदि नगर निगम तय समयसीमा के भीतर केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों को पूरा करता है तो केंद्र इस परियोजना के लिए 10 प्रतिशत अतिरिक्त राशि उपलब्ध करवाएगा। निगम ने पहले ही विभिन्न घटकों के अंतर्गत 70 प्रतिशत लक्ष्य हासिल कर लिया है। शेष कार्य को निर्धारित समय में पूरा करने के हर संभव प्रयास किए जाएंगे ताकि केंद्र से अतिरिक्त वित्तीय सहायता प्राप्त की जा सके। नगर निगम शिमला के आयुक्त पंकज राय के प्रतिनिधित्व में निगम के दल ने वीरवार को केंद्रीय विकास मंत्रालय के समक्ष अमरुत के कार्यान्वयन पर विस्तृत प्रस्तुति दी। बिहार व महाराष्ट्र राज्यों ने भी इसके लिए प्रस्तुतीकरण दिया लेकिन केवल हिमाचल प्रदेश की कार्ययोजना को स्वीकृति प्रदान की गई।

परियोजना के मुख्य घटकों में पेयजल आपूर्ति, मल निकासी, शहरी परिवहन, हरित स्थल, पार्को का विकास तथा सुदृढ़ जल निकासी शामिल हैं। जलापूर्ति एवं मल निकासी प्रणाली जैसे मुख्य घटकों को हासिल करने को विशेष प्राथमिकता दी जाएगी। वर्ष 2016 तक शत-प्रतिशत जलापूर्ति के लक्ष्य को हासिल किया जाएगा। आगामी तीन वर्षो के दौरान मल निकासी प्रणाली व पार्को के निर्माण के लक्ष्यों को भी हासिल कर दिया जाएगा।

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *