आईआईटी दिल्ली में 5वीं राष्ट्रीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता में दिलचस्प परियोजनाएं

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने प्रदर्शनी में दिखाई गहरी रुचि

नई दिल्ली : आईआईटी दिल्ली में कल हुई 5वीं राष्ट्रीय प्रदर्शनी और परियोजना प्रतियोगिता में तीन विद्य़ार्थयों को राष्ट्रीय पुरस्कार और 57 विद्यार्थियों को सांत्वना पुरस्कार दिए जाएंगे। यह प्रदर्शनी भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान समारोह के साथ आयोजित की गई थी। केंद्रीय विज्ञान और टेक्नोलॉजी मंत्री डॉ. हर्ष वर्द्धन ने प्रदर्शनी का उद्घाटन करने के बाद इंसपायर विद्यार्थियों के साथ बातचीत की और उनकी परियोजनाओं को देखा। इंसपायर कार्यक्रम के अंतर्गत 699 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। ये विद्यार्थी जिला और राज्य स्तर पर स्पर्धा में चुने जाने के बाद इसमें भाग ले रहे हैं।

दिल्ली के विभिन्न स्कूलों के बच्चे भी इंसपायर प्रदर्शनी स्टॉलों को देखने आ रहे हैं। इस अवसर पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी सचिव प्रोफेसर आशुतोष शर्मा, आईआईटी के निदेशक प्रोफेसर क्षितिज गुप्ता, विभा के महासचिव जय कुमार तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग , आईआटी , टीआईएफएसी के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इस अवसर पर डा. हर्ष वर्द्धन ने कहा कि कि एनएलईपीसी में प्रस्तुत अधिकतर नवाचार साधारण जन के दैनिक जीवन में सुधार के उद्देश्य लिए हुए हैं। 200 वैज्ञानिकों का निर्णायक मंडल विज्ञान परियोजनाओं /माडलों के बारे में निर्णय लेगा और 60 विजेताओं के चयन के लिए विद्यार्थियों से बातचीत करेगा।

इंसपायर एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसे विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय विज्ञान के अध्ययन और शोध को कैरियर के रूप में अपनाने के लिए मेधावी विद्यार्थियों को आकर्षित करने के लिए लागू करता है। इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य देश के युवाओं में विज्ञान की दिलचस्पी बढ़ाना , विज्ञान की पढ़ाई के लिए मेधा को आकर्षत करना तथा विज्ञान टेक्नोवॉजी प्रणाली तथा अनुसंधान और विकास का विस्तार करना है। इस कार्यक्रम को 2008 में प्रधानमंत्री द्वारा लांच किया गया था और यह 2009-10 के दौरान शुरु हुआ।

इंपायर पुरस्कार राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के माध्यम से केंद्रीय रूप में लागू किया जाता है। विज्ञान परियोजना/ माडल तैयार करने के लिए 5000 रुपये के प्रत्येक इंसपायर पुरस्कार के लिए देश के प्रत्येक मिडिल और हाई स्कूल से दो विद्यार्थी चुने जाते हैं। योजना में सभी 27 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेश शामिल हैं। योजना 12वीं पंचवर्षी योजना में जारी है। अभी तक 12.94 लाख इंसपायर पुरस्कार स्वीकृत किए गए हैं। पुरस्कार विजेताओं में 47 प्रतिशत लड़कियां तथा 26 प्रतिशत अजा/जजा हैं। अधिकतर प्रदर्शनियों का थीम ऊर्जा संरक्षण , घर के खर्च को कम करना, उपकरण बनाना , वर्षा जल संचयन , सड़क दुर्घटना पर रोक , आतंक रोधी साधारण गजट, बेहचर कचरा प्रबंधन , जल प्रदूषण और रोबोटिक्स है।

श्रीनगर स्कूल के जुल्फा इकबाल ने एक मशीन दिखाई है जो पूरे दिन की मजदूरी की जगह केवल 7 मिनट में कश्मीर घाटी का प्रसिद्ध नमदा कालीन बना लेगी। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के दो बच्चों ने एक स्पाई कार विकसित की है जो दूरदराज के जंगलों में जा कर वीडियो और स्थिर चित्र ला सकती है। गुजरात के बनासकांठा जिले के पालनपुर के एक विद्यार्थी ने दिखाया है कि कैसे मानव मूत्र का उपयोग खाद के रूप में किया जा सकता है। बंगाल के मालदा के निकट की सीमा पॉल ने दृष्टिहीन किराना दुकानदार के लिए समान तराजू का प्रदर्शन किया है तो विष्णुपुर ,मणिपुर के एक विद्यार्थी ने कस्टमाइज्ड बिजली करघा का प्रदर्शन किया है। राजस्थान के विद्यार्थियों ने जहां रेगिस्तान में जल संरक्षण को दिखाया है तो हिमाचल के विद्यार्थियों ने बेहतर आपदा प्रबंधन को प्रदर्शित किया है। चंडीगढ़ के एक विद्यार्थी ने मोटर नियंत्रित व्हीलचेयर दिखाया है तो ओडिशा के एक विद्यार्थी ने चोरी प्रूफ मोटरबाईक दिखाया है।

झारखंड के 10वीं कक्षा के प्रणव कुमार ने एक ट्रेन दिखाई है, जिसके रूके बना यात्री उतर और चढ़ सकते हैं। इससे ऊर्जा की बचत होगी। इसी तरह मत्तानुर, केरल के देवांग एम ने नहीं डूबने वाली नौका विकसित की है।

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