केंद्रीय चुनाव आयोग प्रलोभन मुक्त चुनाव करवाने के लिए प्रयासरत, चुनाव में शराब, ड्रग को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करेगा आयोग :मुख्य चुनाव आयुक्त

इस साल प्रदेश में विधानसभा चुनाव में 5388409 मतदाता करेंगे वोट 

प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में गाँवों की अपेक्षा वोट प्रतिशतता कम

चुनाव को लेकर cVigil मोबाइल एप्प किया जाएगा लॉन्च, प्रदेश का कोई भी व्यक्ति चुनाव विभाग को कर सकेगा शिकायत, विभाग 100 मिनट में करेगा शिकायत का निवारण 

युवा अब साल में 4 बार मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवा सकेंगे

बुजुर्ग और शारीरिक रूप से अक्षम वोटरों को मतदान के लिए विशेष रूप से करेंगे प्रोत्साहित

शिमला: भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को शिमला में प्रेस वार्ता का आयोजन किया। इस दौरान उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार का कार्यकाल 8 जनवरी, 2023 को पूरा हो रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि हिमाचल विधानसभा के आगामी चुनाव कितने चरण में कराए जाएंगे, यह निर्णय आयोग दिल्ली जाकर लेगा। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ हुई बैठक में उन्हें अवगत कराया है कि नवंबर मध्य में जनजातीय क्षेत्रों में बर्फबारी से चुनाव प्रभावित हो सकते हैं। जनजातीय क्षेत्रों की तीन सीटों में पहले चुनाव करवाने का सुझाव सभी दलों के नेताओं ने दिया है।

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव में इस साल 5388409 मतदाता वोट करेंगे। जिसमें 2723000 पुरुष मतदाता और 26 लाख 61 हजार से ज्यादा महिला मतदाता अपने मत का प्रयोग करेंगी। इनमें 100 साल से ज्यादा उम्र के वोटर 1294 हैं और 64593 सर्विस मतदाता हैं, जबकि 54475 दिव्यांग मतदाता शामिल हैं। 80 साल से अधिक आयु वर्ग के 127662 मतदाता हैं। 68 विधानसभा क्षेत्रों में 48 सामान्य, 17 अनुसूचित जाति और तीन जनजातीय विधानसभा क्षेत्र हैं। प्रदेश में कुल 7880 मतदान केंद्र हैं और इनमें से ग्रामीण इलाकों में कुल 7235 मतदान केंद्र हैं। 142 मतदान केंद्रों में महिलाएं तैनात रहेंगी और सुरक्षा भी महिला पुलिस करेगी। आयकर, आबकारी, पुलिस, खनन, बैंकों और एयरपोर्ट को चुनाव में सतर्क रहने को कहा है। उन्होंने प्रदेश के माफिया और ऐसे 2200 अपराधियों पर नजर रखने को कहा है जो लंबे समय से लापता हैं।

उन्होंने कहा कि बुजुर्ग और शारीरिक रूप से अक्षम वोटरों को मतदान के लिए विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। ये वोटर चुनाव अधिसूचना जारी होने के तीन दिन के भीतर फार्म भरकर देंगे कि वे घर में रहकर मतदान करेंगे। चुनाव वाले दिन ये मतपत्र से वोट देकर लिफाफा बंद करके देंगे और यह पूरी वीडियो रिकार्डिंग चुनाव अधिकारी करेंगे और जिसमें दलों के एजेंट भी मौजूद रहेंगे।  इसी तरह से मतदान केंद्रों में मतदान के दिन वीडियोग्राफी होगी और डीसी के दफ्तर से पूरी निगरानी रहेगी। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान अधिकारी दोषी पाया जाता है तो उसकी व्यक्तिगत जिम्मेवारी सुनिश्चित की जाएगी। युवा और महिला वोटरों को अधिक से अधिक वोट देने को चुनाव अधिकारी प्रोत्साहित करने को जागरुक करेंगे। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि 17 वर्ष की उम्र पूरी कर चुके युवा भी एप्लीकेशन दायर कर सकते हैं, ताकि 18 वर्ष की उम्र पूरी होते ही उनका वोट बनाया जा सके। युवा अब साल में 4 बार मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज करवा सकेंगे। इससे पहले वर्ष में एक बार ही नाम दर्ज करवाने की व्यवस्था थी

प्रदेश में 54775 दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग एक एप्प भी जारी करेगा। चुनाव को लेकर cVigil मोबाइल एप्प भी लॉन्च किया जाएगा। जिसमें प्रदेश का कोई भी व्यक्ति चुनाव विभाग को शिकायत दर्ज कर सकेगा और विभाग 100 मिनट में उस शिकायत का निवारण करेगा। विस चुनाव में प्रदेश के 50% पोलिंग बूथों पर वेब कास्टिंग होगी। केंद्रीय चुनाव आयोग दिल्ली में बैठकर प्रदेश के 50% बूथों में चुनाव की पल-पल की नजर रहेगी। सभी पोलिंग बूथों पर मतदाताओं की सुविधाओं के लिए शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। दिव्यांगजनों की सुविधा के लिए सभी पोलिंग बूथों पर रैंप की व्यवस्था रहेगी।

उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में गाँवों की अपेक्षा वोट प्रतिशतता कम है, शहर के लोग कम वोट डालने जाते हैं। उन्होंने चुनाव का बहिष्कार करने को लोकतंत्र के लिए सही नहीं बताया। उन्होंने सभी उपायुक्तों को शहरी क्षेत्रों में वोट प्रतिशतता को बढ़ाने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाने को कहा है। 

उन्होंने बताया कि चुनाव के बाद नोडल अधिकारी तय करेंगे कि छुट्टी के बावजूद भी अधिकारियों और कर्मचारियों ने वोट डाला है अथवा नहीं। क्योंकि कई बार यह बात सामने आई है कि छुट्टी होने के बावजूद भी  नौकरीपेशा लोग मतदान करने नहीं जाते। 

राजीव कुमार ने कहा कि केंद्रीय चुनाव आयोग प्रलोभन मुक्त चुनाव करवाने के लिए प्रयासरत है। चुनाव में साफ छवि के लोग जीतकर सामने आएं इसके लिए आयोग एक KYC एप्प भी जारी करेगा। जिसमें चुनाव में खड़े प्रत्याशियों का सारा रिकॉर्ड दर्ज होगा। जिसे मतदाता कभी भी कहीं पर भी ऑनलाइन चेक कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि जिन उम्मीदवारों के ऊपर आपराधिक मामले दर्ज हैं उनको अपना रिकॉर्ड उस एप्प पर डालना होगा ताकि मतदाता को उनके बारे में सही और पूरी जानकारी मिल सके।

उन्होंने कहा कि  चुनाव में शराब ड्रग को लेकर आयोग जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करेगा। इसके लिए अधिकारियों की व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदारी तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि अवैध गतिविधियों पर नजर रखने के लिए अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

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