नि:शक्‍तजनों के लिए सार्वभौमिक सुगम्‍यता लक्ष्‍य हासिल करने के लिए सुगम्‍य भारत अभियान

  • नि:शक्‍तजनों की अधिकारिता के लिए दिए गए राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरूण जेटली ने आज सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत के साथ सुगम्‍य भारत अभियान लांच किया। राष्‍ट्रव्‍यापी यह अभियान नि:शक्‍तजनों को सार्वभौमिक पहुंच प्राप्‍त करने, विकास के लिए समान अवसर प्रदान करने, स्‍वतंत्र जीविका तथा समावेशी समाज के सभी पक्षों में उनकी भागीदारी में सहायक होगा।

अभियान के अंतर्गत राष्‍ट्रीय राजधानी तथा राज्‍यों के राजधानियों के सभी सरकारी भवनों के पचास प्रतिशत को जुलाई 2018 तक नि:शक्‍तजनों के लिए सुगम बना दिया जाएगा। देश में अंतर्राष्‍ट्रीय हवाई अड्डों तथा ए1,ए तथा बी श्रेणी के स्‍टेशनों को जुलाई 2016 तक नि:शक्‍तजनों के लिए सुगम बना दिया जाएगा। मार्च 2018 तक देश में सरकारी क्षेत्र के परिवहन वाहनों को नि:शक्‍तजनों के लिए सुगम बना दिया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केंद्र सरकार तथा राज्‍य सरकारों द्वारा जारी किए जाने वाले सार्वजनिक दस्‍तावेजों का कम से कम पचास प्रतिशत हिस्‍सा नि:शक्‍तजनों के लिए पहुंच मानकों को पूरा करेंगे। अरूण जेटली ने थावरचंद गहलोत के साथ नि:शक्‍तजनों के लिए अधिकारिता विभाग द्वारा आयोजित समारोह में नि:शक्‍तजनों की अधिकारिता के लिए राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार प्रदान किया। इस अवसर पर सामाजिक न्‍याय एवं अधिकारिता राज्‍य मंत्री कृष्‍णपाल गुर्जर और विजय सांपला उपस्थित थे।इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने अपने संदेश में कहा कि प्रस्‍तावित स्‍मार्ट सिटी में नि:शक्‍तजनों की सुविधा के प्रावधान होने चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी केंद्रीय मंत्रालयों तथा राज्‍यों को सुगम्‍य भारत अभियान सफल बनाने के प्रयास करने चाहिए। पुरस्‍कार प्राप्‍त करने वालों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें विकलांग शब्‍द की जगह दिव्‍यअंग शब्‍द लाने पर विचार करना चाहिए।वित्‍त मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि इस अभियान को मिशन मोड में लेना समाज का दायित्‍व है। उन्‍होंने कहा कि सुगम्‍य भारत समावेशी समाज की दिशा में सही कदम है।सामाजिक न्‍याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि नि:शक्‍तजनों की अधिकारिता के लिए सरकार की ओर से अनेक कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। इनमें छात्रवृत्ति, मूक-बधिर व्‍यक्तियों के लिए पृथक संस्‍थान तथा नई ब्रेल भाषा विकसित करना शामिल है। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने नि:शक्‍तजनों के लिए 1700 करोड़ की लागत से विशेष विश्‍वविद्यालय स्‍थापित करने का निर्णय किया है।

इस अवसर पर एक वेब पोर्टल और मोबाइल एप लांच किया गया।इस वर्ष 14 श्रेणियों में 52 व्‍यक्तियों/संस्‍थानों को राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार दिए गए। वर्ष 2014 का भी एक पुरस्‍कार दिया गया। पुरस्‍कार विजेताओं की सूची https://goo.gl/nmVIJc. पर उपलब्‍ध है।

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