हिमाचल अपने प्राकृतिक सौंदर्य और स्वच्छ पर्यावरण के लिए जाना जाता है, लेकिन इसे बरकरार रखने के लिए निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री बोले – प्रशासन की गुणवत्ता मापने वाला पहला राज्य  हिमाचल प्रदेश 

पर्यावरण से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे पानी और हवा की गुणवत्ता, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर अधिक जोर देने की जरूरत  : मुख्यमंत्री

सीएम बोले- राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा होटलों के लिए शुरू की गई हिमाचल प्रदेश ग्रीन स्टार रेटिंग इनिशियेटिव (हिम-गृह) लोगों को सतत एवं हरित प्रयासों के लिए करेगी प्रेरित 

अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त प्रबोध सक्सेना ने बोले- आज आयोजितकार्यक्रम प्रदेश सरकार के उठाए गए प्रगतिशील कदमों को दर्शाता है

हम सभी का दायित्व कि सरकार की पर्यावरण संरक्षण से सम्बंधिात नीतियों एवं कायर्क्रमों के साथ-साथ आप स्वयं भी आगे आएं एवं दूसरों को भी प्रेरित करें : राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सदस्य सचिव अपूर्व देवगन

मुख्यमंत्री ने जिला सुशासन सूचकांक-2021 में अव्वल जिलों के उपायुक्तों को किया पुरस्कृत

मुख्यमंत्री ने जिला सुशासन सूचकांक-2021 में अव्वल जिलों के उपायुक्तों को किया पुरस्कृत

मण्डी: मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से विभिन्न सरकारी सेवाओं एवं प्रक्रियाओं में सरलता, पारदर्शिता और गुणवत्ता सुनिश्चित करके आम लोगों को लाभान्वित करने के लिए कृत संकल्प है।
मुख्यमंत्री आज मण्डी के विपाशा सदन में जिला सुशासन सूचकांक-2021 पुरस्कार वितरण और हिमाचल प्रदेश के होटलों के लिए ग्रीन स्टार रेटिंग इनिशिएटिव (हिम-गृह) के शुभारंभ तथा मण्डी में लगभग साढे़ तीन करोड़ रुपये से बनने वाले हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय एवं आवासीय भवन के शिलान्यास अवसर पर संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सतत विकास के लक्ष्यों की पूर्ति पर सदैव बल देती रही है और आम जनता को दी जा रही सेवाओं में सुधार के लिए लगातार काम कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने ‘न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन’ पर विशेष बल दिया है और शासन की गुणवत्ता में सुधार के लिए निरंतर कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि जिला सुशासन सूचकांक (डीजीजीआई) शासन की गुणवत्ता का आकलन करने में मददगार साबित होगा और इसकी रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन और विभिन्न विभाग अपनी कार्यप्रणाली में और सुधार के लिए आवश्यक कदम भी उठा सकेंगे। उन्होंने कहा कि जिला सुशासन सूचकांक-2021 की तीसरी रिपोर्ट सभी 12 जिलों के द्वितीयक आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई है और इसमें सभी जिलों के तुलनात्मक मूल्यांकन के लिए 8 मुख्य विषयों, 19 फोकल बिन्दुओं और 76 संकेतकों पर डाटा एकत्र किया गया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने वर्ष 2018 से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रशासन की गुणवत्ता मापने का काम शुरू किया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि यह रिपोर्ट जिलों को अपनी प्रगति का मूल्यांकन करने में मदद करेगी और नीति निर्माताओं को उन महत्वपूर्ण क्षेत्रों की पहचान करने में भी मदद करेगी जहां सुधार के लिए हस्तक्षेप की आवश्यकता होगी।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर डीजीजीआई के विजेता जिलों के उपायुक्तों को पुरस्कार प्रदान किए। उपायुक्त कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल को 50 लाख रुपये का प्रथम पुरस्कार, उपायुक्त बिलासपुर पंकज राय को 35 लाख रुपये का द्वितीय पुरस्कार और उपायुक्त ऊना राघव शर्मा को 25 लाख रुपये का तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। उन्होंने शीर्ष प्रदर्शन करने वाले जिलों को बधाई दी और खराब रैंकिंग वाले जिलों के अधिकारियों को जमीनी स्तर पर और बेहतर प्रशासन प्रदान करने के निर्देश दिए, ताकि अगले वर्ष उनकी रैंकिंग में सुधार किया जा सके।

सीएम बोले-प्रदेश सरकार जैव विविधता के प्रति संवेदनशील

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ठोस कचरा प्रबंधन पर एक कॉमिक (चित्रकथा) पुस्तक ‘वार्ड सदस्य मीनू’ का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश अपने प्राकृतिक सौंदर्य और स्वच्छ पर्यावरण के लिए जाना जाता है, लेकिन इसे बरकरार रखने के लिए निरंतर प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे पानी और हवा की गुणवत्ता, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर अधिक जोर देने की जरूरत है, क्योंकि ये पर्यावरण के बुनियादी पहलू हैं जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पूरी मानव सभ्यता को प्रभावित करते हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा होटलों के लिए शुरू की गई हिमाचल प्रदेश ग्रीन स्टार रेटिंग इनिशियेटिव (हिम-गृह) लोगों को सतत एवं हरित प्रयासों के लिए प्रेरित करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में चार हजार से अधिक होटल और होम-स्टे संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण से संबंधित कारोबारी प्रतिष्ठान और गतिविधियां पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। प्रदेश सरकार जैव विविधता के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण से संबंधित औद्योगिक गतिविधियों से उत्पन्न प्रदूषण को नियंत्रित किया जाना चाहिए

प्राकृतिक संसाधानों के संरक्षण पर अधिक बल देने की आवश्यकता : सदस्य सचिव अपूर्व देवगन

ताकि पारिस्थितिक संतुलन बना रहे।
अतिरिक्त मुख्य सचिव, वित्त प्रबोध सक्सेना ने कहा कि आज आयोजित किया जा रहा यह कार्यक्रम प्रदेश सरकार के उठाए गए प्रगतिशील कदमों को दर्शाता है।उन्होंने कहा कि जिला सुशासन सूचकांक प्रत्येक जिला की मजबूती पर ध्यान केन्द्रित करता है और तत्काल सुधार वाले मजबूत तथा कमजोर क्षेत्रों की पहचान कर जिलों की रैंकिंग करता है। उन्होंने कहा कि सूचकांक के माध्यम से जिलों को कार्य करने और उसमें सुधार करने की जानकारी प्रदान की जाती है और यह विभागों को भी जानकारी प्रदान करता है।
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अपूर्व देवगन ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने मण्डी में क्षेत्रीय कार्यालय भवन का शिलान्यास करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। अपूर्व देवगन ने कहा कि  हिमाचल अपने प्राकृतिक सौंदर्य एवं स्वच्छ पर्यावरण के लिए जाना जाता है, किन्तु इस स्थिति को बनाए रखने के लिए हमें निरंतर प्रयासरत रहना होगा। पर्यावरण से सम्बंधिात महत्वपूर्ण पहलुओं जैसे कि जल एवं वायु की गुणवत्ता, जलवायु परिवर्तन तथा प्राकृतिक संसाधानों के संरक्षण पर अधिक बल देने की आवश्यकता है, क्योंकि ये पर्यावरण के ऐसे आधारभूत विषय हैं जो सम्पूर्ण मानव सभ्यता को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं। इसलिए हम सभी का दायित्व है कि सरकार की पर्यावरण संरक्षण से सम्बंधिात नीतियों एवं कायर्क्रमों के साथ-साथ आप स्वयं भी आगे आएं एवं दूसरों को भी प्रेरित करें

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव अपूर्व देवगन ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री ने आज राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के हिम-गृह (Himachal Pradesh Green Star Rating Initiatives for Hotels) का भी शुभारंभ किया। यह अनूठी और देश में अपनी तरह की पहली पहल है। जबकि होटल उद्योग को विभिन्न कानूनों के तहत प्रदूषण नियंत्रण के लिए राज्य बोर्ड द्वारा नियंत्रित किया जाता है, Him-GRIH पर्यटन इकाइयों को हरित, टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। HIM-GRIH ग्रीन स्टार रेटिंग वाली इकाइयों को बोर्ड द्वारा HIM-GRIH वेबसाइट, मोबाइल एप्लिकेशन, सोशल मीडिया और अन्य वेबसाइट के माध्यम से बढ़ावा दिया जाएगा। यह इन इकाइयों के मालिकों और प्रबंधन को उन उपायों के बारे में अधिक जागरूक करेगा जो उनकी इकाई को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए उठाए जा सकते हैं और उन्हें इन पहलों को करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। HIM-GRIH उनके द्वारा किए गए इन प्रयासों को स्वीकार करेगा। इस अवसर पर उक्त पहलों के बारे में जागरूकता के लिए एक वीडियो भी जारी किया गया।

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