हिमाचल: इस बार शीतकालीन सत्र में पूछे जाएंगे 437 प्रश्न

विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विपक्ष के समक्ष झुकती नजर आई सरकार, रैली को भी दी मंजूरी

धर्मशाला : मंगलवार को भी प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत हंगामेदार रही। सदन में आज भी हंगामा हुआ, लेकिन सरकार मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में चर्चा करवाने पर राजी हो गई। हिमाचल प्रदेश विधानसभा सत्र के दूसरे दिन विपक्ष के समक्ष सरकार झुकती नजर आई। साथ ही यह तय किया गया कि स्थगन प्रस्ताव के बगैर यह चर्चा 4 दिसंबर को की जाएगी। सत्र के प्रारंभ में ही नेता प्रतिपक्ष प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने जोरावर स्टेडियम में रैली की अनुमति न दिए जाने पर सरकार पर जोरदार प्रहार किया। इस पर वीरभद्र ने सफाई देते हुए कहा कि यह मैदान विधानसभा के सामने है। इसी कारण अनुमति नहीं दी जा रही थी। इस बार तो रैली कर ली जाए, लेकिन भविष्य में अनुमति नहीं दी जाएगी।

इस पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि इस बारे में गलतफहमी है। जोरावर स्टेडियम में किसी को भी रैली की अनुमति इसलिए नहीं दी गई है, क्योंकि यहां से विधानसभा एकदम सामने है। ऐसी रैलियों से सदन के कामकाज में बाधा नहीं पहुंचनी चाहिए। अभी सरकार अनुमति दे रही है, मगर भविष्य में यहां किसी को भी रैली करने की मंजूरी नहीं होगी।

प्रश्नकाल के दौरान बीजेपी विधायक रविंद्र रवि ने वीरभद्र सिंह के आय से अधिक संपत्ति मामले पर चर्चा के लिए नोटिस स्वीकार करने की बात भी उठाई थी। हालांकि, विपक्ष के हंगामे के बीच स्पीकर को दोपहर से पहले एक बार कार्यवाही को बीस मिनट के लिए स्थगित तक करना पड़ा, मगर बाद में सत्ता पक्ष और विपक्ष की दोनों मुद्दों पर रजामंदी होने पर प्रश्नकाल शुरू कर दिया गया।

भाजपा के मुख्‍य सचेतक सुरेश भारद्वाज ने कहा कि अगर इस बारे में चर्चा करने का कोई औचित्य ही नहीं था तो नोटिस को ही खारिज कर देना चाहिए था। यहां सरकारें हाईकोर्ट चला रहा है। सरकार जैसी कोई चीज ही नहीं है। जवाब क्यों नहीं आ रहा है। भाजपा विधायक रविंद्र रवि और राजीव बिंदल भी इस पर दबाव बनाते रहे। इस पर संसदीय कार्य मंत्री मुकेश अगिभनहोत्री ने कहा कि इस मामले में नियम 67 में चर्चा नहीं हो सकती है। सरकार इसे कनवर्ट कर चर्चा को तैयार है। इसी सत्र में विकास पर चर्चा होगी। इस बीच सदन में खूब शोर-शराबा होता रहा। विपक्ष के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी तो विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को बीस मिनट के लिए स्थगित कर दिया।

सत्ता पक्ष बार-बार यही कहता रहा कि मामले न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा नहीं की जा सकती। उधर वॉल्वो खरीदने के मामले पर एचआरटीसी मंत्री जीएस बाली पर विपक्ष ने तीखे प्रहार किए। विधायक रिखी राम कौंडल व रणधीर शर्मा ने वॉल्वो बसों की खरीद में अनियमितताओं के आरोप लगाए। बाली ने भी इस मसले पर तथ्यों के साथ अपनी बात कहने की कोशिश की।

 

 

 

 

 

सम्बंधित समाचार

अपने सुझाव दें

Your email address will not be published. Required fields are marked *