हिमाचल: राज्य सभा सीट के लिए मतगणना 26 मार्च को

जिला निर्वाचन अधिकारी अपने जिलों में गठित करे एक टीम ,जो फेक और पेड न्यूज़ की करें निगरानी : मुख्य निर्वाचन अधिकारी

विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों और मतदाता जागरूकता अभियानों पर दें विशेष बल: मुख्य निर्वाचन अधिकारी
जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों ने चुनावी तैयारियों पर दी विस्तृत प्रस्तुति

शिमला: मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग ने राज्य में आगामी विधानसभा निर्वाचन के लिए आज यहां हुई चुनाव तैयारियों की समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि युवा मतदाताओं के अनुपात में आशातीत बढ़ौतरी के दृष्टिगत अब सोशल मीडिया और अन्य सार्वजनिक मंचों के माध्यम से उन्हें मतदान प्रक्रिया में शामिल करने के लिए नवीन उपाय अपनाने की आवश्यकता है।

इस बैठक में प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) और पुलिस अधीक्षकों (एसपी) ने अपने जिलों में चुनाव की तैयारियों से संबंधित विस्तृत प्रस्तुति दी और कई मुद्दों पर चर्चा की गई।
प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने दूर-दराज के मतदान केंद्रों का दौरा करने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि राज्य के इन दूरस्थ क्षेत्रों में निर्वाचन प्रक्रिया का सुचारू संचालन सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि निर्वाचन विभाग द्वारा पिछले विधानसभा चुनावों में 60 प्रतिशत से कम मतदान वाले 277 मतदान केंद्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए शुरू किए गए मिशन 277 के अन्तर्गत कम मत प्रतिशत वाले मतदान केंद्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को अपने-अपने जिलों में मोबाइल प्रदर्शन वैन के माध्यम से ईवीएम पर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम और मतदाता जागरूकता अभियान चलाने को कहा। उन्होंने कहा कि चुनावी प्रक्रिया में भाग लेने के लिए तृतीय लिंग के मतदाताओं और दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) की पहचान करने और उन्हें शामिल करने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे मतदाताओं की पहचान करने की आवश्यकता है ताकि लोकतंत्र के इस उत्सव में भाग लेने से कोई भी मतदाता पीछे न रहे।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फेक न्यूज और इसी तरह की सामग्री का पता लगाने पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। जिला निर्वाचन अधिकारियों को अपने जिलों में एक टीम गठित करनी चाहिए जो फेक और पेड न्यूज की निगरानी करें और उसकी रिपोर्ट करे। उन्होंने कहा कि नियमित अंतराल पर विभिन्न राजनीतिक दल के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें आयोजित की जानी चाहिए।
जिला कानून प्रवर्तन एजेंसियों का यह कर्तव्य है कि ईवीएम के साथ स्ट्रांग रूम की सुरक्षा सुनिश्चित करें और विभिन्न मतदान केंद्रों पर कर्मियों की पर्याप्त तैनाती की जाए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने व्यय की दृष्टि से संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्रों अथवा क्षेत्रों की निगरानी करने और स्थानीय मेलों और उत्सवों के दौरान स्वीप गतिविधियां संचालित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज की प्रभावी निगरानी नियमित आधार पर की जाए।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अभिषेक त्रिवेदी ने कहा कि चुनावी अपराधों पर सभी पुलिस कर्मियों, जांच अधिकारी (आईओ) के उचित प्रशिक्षण को सुनिश्चित कर प्रभावी प्रवर्तन तंत्र तत्काल लागू किया जाना चाहिए।

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