निःशुल्क विद्युत कनैक्शन योजना के तहत शिमला नगर में 22 हजार उपभोक्ताओं के बिल शून्य आए : सुरेश भारद्वाज

शिमला में विद्युत विभाग द्वारा निःशुल्क विद्युत कनैक्शन देने की योजना के तहत शिमला शहर में लगभग 25 हजार लोगों को सुविधा प्रदान की गई है

जिला में लगभग 57 हजार लकड़ी के खम्बे बदलकर सीमेंट के खम्बे लगाए गए हैं

शिमला : हिमाचल प्रदेश विद्युत उत्पादन की दृष्टि से देश के उत्कृष्ट राज्यों में सबसे अग्रिम पंक्ति पर स्थापित राज्य है, जो सस्ती व अच्छी बिजली की उपलब्धता राष्ट्र को सुनिश्चित कर रहा है। यह विचार आज शहरी विकास, आवास, नगर नियोजन, संसदीय कार्य, विधि एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटिड द्वारा 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली कार्यक्रम जिसमें मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश जय राम ठाकुर पड्डल मैदान मण्डी से वर्चुअल सम्बद्ध है के राज्य स्तरीय कार्यक्रम के आयोजन पर इन्स्टीच्यूट् ऑफ़ इंजीनियर, निगम बिहार शिमला में अपने संबोधन में व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भारी मात्रा में विद्युत उत्पादन किया जाता है, इसका लाभ स्थानीय लोगों को मिले इसके लिए 60 यूनिट से बढ़ाकर 125 यूनिट मुफ्त विद्युत हिमाचल वासियों को प्रदान की जा रही है।

इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त शिमला शिवम प्रताप सिंह, अधीक्षण अभियंता हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटिड राजेश चांदला, अधीक्षण अभियंता लोकेश ठाकुर, अधीक्षण अभियंता सिविल नवनीत गुप्ता, अधिशाषी अभियंता शहरी शिमला तनुज गुप्ता, अधिशाषी अभियंता शिमला-1 प्रताप सिधोली, निदेशक कौशल विकास फाॅर्म शिमला विश्व मोहन जोशी, अधिशाषी अभियंता शिमला-2 सुनील जरेट, अधिशाषी अभियंता सुन्नी जितेन्द्र बिष्ट तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शिमला नगर में 34 हजार उपभोक्ताओं में से 22 हजार उपभोक्ताओं का इस योजना के तहत शून्य बिल आया है, जोकि एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि शिमला में विद्युत विभाग द्वारा निःशुल्क विद्युत कनैक्शन देने की योजना के अंतर्गत शिमला शहर में लगभग 25 हजार लोगों को यह सुविधा प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा कि जिला में लगभग 57 हजार लकड़ी के खम्बे बदलकर सीमेंट के खम्बे लगाए गए हैं। बिजली के नए स्त्रोत पैदा करने व विद्युत क्षमता को बढ़ाने के लिए नीतियों में बदलाव किया गया है ताकि नए लोग आगे आए और प्रदेश में विद्युत उत्पादन क्षमता की बढ़ौतरी हो सके।
उन्होंने कहा कि वायु और सौर ऊर्जा के माध्यम से विद्युत उत्पादन की दृष्टि में भी अनेक कार्य प्रदेश में किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिमला स्मार्ट सिटी मिशन के तहत भी कई सरकारी भवनों पर सौर पैनल स्थापित कर न केवल शिमला अपितु धर्मशाला में विद्युत उत्पादन का कार्य किया जा रहा है।
उन्होंने स्मृतियों को उकेरते हुए बताया कि पूर्व में केवल शिमला शहर में ही क्षमतावान लोगों के पास विद्युत की सुविधा हुआ करती थी। अधिकतर गांव अंधेरे में थे किंतु आज जलविद्युत के साथ-साथ बिजली बोर्ड व अन्य आयामों के माध्यम से बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।
उन्होंने विद्युत आपूर्ति की निरंतरता को बनाए रखने के लिए विद्युत बोर्ड के कर्मचारियों व अधिकारियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इनके सक्रिय प्रयासों से बर्फबारी व बरसात में विद्युत आपूर्ति बाधित नहीं हुई है, जिससे न केवल शिमला बल्कि दूर-दराज के क्षेत्रों में भी लोगों को सुविधा मिली है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री रोशनी योजना आरम्भ किए जाने से दूर-दराज के क्षेत्रों में कम वोल्टेज की समस्या से मुक्ति मिली है वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा केन्द्र पोषित सौभाग्य दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण ज्योति योजना व एपीडीआरपी कार्यक्रम की सफलता से विद्युत की प्राप्ति का सरलीकरण हुआ है। प्रदेश को प्रभावी विद्युत आपूर्ति के सफल संचालन के लिए ऊर्जा क्षेत्र के सतत् विकास को निरंतर गति प्रदान की जा रही है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने कोटखाई के रिहाली गांव के संजीव राजटा (कृषक) तथा सुन्नी की भावना शर्मा से संवाद कायम किया।

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