राज्यपाल का सभी वर्गों से सामाजिक बुराइयां समाप्त करने के लिए सहयोग का आह्वान

उद्योगपतियों से सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने का आग्रह

शिमला : राज्यपाल आचार्य दवेव्रत ने समाज के सभी वर्गों विशेषकर गैर-सरकारी संगठनों का आह्वान किया है कि सामाजिक बुराइयां समाप्त करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए आगे आएं। उन्होंने महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे मादक द्रव्यों के सेवने के दुष्प्रभावों, जैविक कृषि अपनाने, आस-पड़ोस को स्वच्छ रखने और पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रदेश हित में सशक्त अभियान आरंभ करने के लिए भी सभी वर्गों को अपना योगदान देने का आग्रह किया।

राज्यपाल आज जिला सिरमौर के मुख्यालय नाहन में चैम्बर ऑफ कॉमर्स और गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। बैठक में प्रदेश की बेहतरी के लिए चार-सूत्रीय कार्यक्रम पर चर्चा की गई। उन्होंने उद्योगपतियों से आग्रह किया कि अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को निर्वहन करते हुए वे सामाजिक गतिविधियों में भाग लें ताकि लोगों को लाभ मिल सके। उन्होंने उद्योगपतियों को सुझाव दिया कहा कि अन्य कल्याणकारी गतिविधियों को संचालित करने के साथ-साथ विभिन्न स्थलों विशेषकर औद्योगिक क्षेत्रों में कूड़ेदानों की व्यवस्था करवाएं। बैठक में मादक द्रव्यों पर निगरानी रखने, अस्पृश्यता की समस्या, जैविक कृषि और गौ पालन को प्रोत्साहन देने, पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता अभियान और पर्यटन विकास को बढ़ावा देने जैसे विषयों पर विस्तृत चर्चा की गई।

राज्यपाल ने कहा कि जैविक आहार स्वस्थ और पौष्टिक होता है और केवल स्वस्थ नागरिक की स्वस्थ राष्ट्र बनाते हैं। प्रदेश के किसानों की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए जैविक खेती को व्यापक स्तर पर बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने गाय पालने के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि ऐसे स्वदेशी गायों का पालना चाहिए, जिनका दूध विशेषज्ञों द्वारा किए गए शोध में सबसे अच्छा साबित हुआ है। उन्होंने कहा कि जैविक कृषि के सुदृढ़ीकरण एवं प्रोत्साहन के लिए ठोस कदम उठाये जाने की आवश्यकता है। उन्होंने पारम्परिक कृषि प्रणाली, स्वदेशी बीजों के संरक्षण और गाय के गोबर से जैविक खाद तैयार करने के लिए किसान प्रशिक्षण शिविर लगाने पर भी बल दिया।

राज्यपाल ने कहा कि नशाखोरी के विरूद्ध व्यापक स्तर पर अभियान चलाए जाने चाहिए, क्योंकि काफी संख्या में युवा इसके चंगुल में फंसते जा रहे हैं। युवा देश का भविष्य हैं और जब तक वे जिम्मेदार नहीं बनेंगे, देश प्रगति नहीं कर सकता। उन्होंने लोगों को स्वच्छता और अस्पृश्यता जैसी सामाजिक बुराइयों के बारे में लोगों को शिक्षित करने पर बल देते हुए कहा कि जब तक समाज के सभी वर्ग इन अभियानों में सहयोग नहीं करेंगे, तब तक समाज में बदलाव सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा कि अपने परिवार और पड़ोस में सामाजिक बुराइयों के विरूद्ध संदेश देने में बच्चे अग्रदूत का कार्य कर सकते हैं।

आचार्य देवव्रत ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को प्रकृति ने अनुपम सौंदर्य प्रदान किया है और यहां पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि पर्यटन को प्रोत्साहन के साथ-साथ पर्यटन स्थलों का सौंदर्य बनाये रखने पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने पर्यटक स्थलों के सौंदर्यीकरण और प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में नये पर्यटक स्थल विकसित करने के सुझाव देते हुए कहा कि इन स्थलों पर बेहतर होटल, खाद्य सामग्री और अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन क्षेत्र में युवाओं के लिए रोजगार की अपार सम्भावनाओं के साथ-साथ प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने की क्षमता है।

उपायुक्त बी.सी. बडालिया ने राज्यपाल का स्वागत करते हुए जिला में चल रही विकास गतिविधियों का विस्तृत ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रह रहे लोगों को स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूक किया जा रहा है। जिला की कई पंचायतों को स्वच्छता के लिए पुरस्कृत भी किया गया है। उन्होंने कहा कि जिला की कई पंचायतों में गऊशालाएं खोली गई हैं और अन्य पंचायतों में भी गऊशालाएं आरंभ करने के प्रयास किए जा रहे हैं।राज्यपाल के सचिव पुष्पेन्द्र राजपूत, एडीसी मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक सौम्या, काला अंब व पांवटा साहिब चैम्बर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि और विभिन्न गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित थे।

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