शहरी क्षेत्रों में गतिशीलता शहरी जीवन की गुणवत्‍ता का एक प्रमुख निर्धारक : नायडू

  • एकेआर-5712 स्‍मार्ट सिटीज कारगर सार्वजनिक परिवहन के माध्यम से, कारों के लिए नहीं, लोगों को स्थानांतरित करने के लिए होंगे: वेंकैया नायडू
  • अटल मिशन और स्मार्ट सिटी मिशन का उद्देश्‍य शहरी गतिशीलता मुद्दों का समाधान करना
  • निजी वाहन संख्‍या को नियंत्रित करने के लिए नीतिगत हस्तक्षेप की सलाह दी
  • एनडीएमसी को प्रारंभिक और अंतिम सम्‍पर्क सुनिश्चित करने के लिए परिवहन मोड का अध्ययन करने को कहा

 

नई दिल्ली: केन्‍द्रीय शहरी विकास मंत्री एम.वेंकैया नायडू ने कहा है कि देश के शहरी क्षेत्रों में गतिशीलता अब एक खौफनाक अनुभव है। उन्‍होंने शहरी क्षेत्रों में एक भरोसेमंद, कारगर और किफायती सार्वजनिक परिवहन सुनिश्चित करने के लिए शहरी योजना निर्माण में आमूल-चूल परिवर्तन की मांग की है। आज यहां ‘शहरी गतिशीलता भारत सम्‍मेलन’ का उदघाटन करते हुए नायडू ने देश के शहरी क्षेत्रों में सड़कों जैसे सार्वजनिक स्‍थानों के उपयोग में असमानता को लेकर चिंता जाहिर की, जहां कार रखने वाला वर्ग आम आदमी की कीमत पर उनका ज्‍यादा उपयोग करता है।

उन्‍होंने कहा ‘शहरी क्षेत्रों में गतिशीलता शहरी जीवन की गुणवत्‍ता का एक प्रमुख निर्धारक है। बहुत से लोगों के लिए शहरी क्षेत्रों का जीवन एक बुरा सपना है। लोग अधिकतर जीवन यापन के लिए घरों से बाहर निकलते है और यह उनके लिए एक डरावना अनुभव साबित हो रहा है’।

नायडू ने कहा कि स्‍मार्ट सिटी विकसित करने का उद्देश्‍य निजी कारों के उपयोग को प्रोत्‍साहित करना नहीं है, बल्कि यह देखना है कि कारों के मालिक भी सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें। अटल मिशन का उद्देश्‍य टहलने एवं काम पर साइकिल से जाने जैसे गैर-मोटरकृत परिवहन को बढ़ावा देना है। नायडू ने कहा कि प्रारंभिक और अंतिम सम्‍पर्क की कमी सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को प्रभावित कर रही है और नई दिल्‍ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) को एनडीएमसी क्षेत्र में मेट्रो सेवाओं को ऐसे सम्‍पर्क मुहैया कराने के लिए एक अध्ययन का संचालन करना चाहिए।

उन्‍होंने दर्ज किया कि देश के शहरी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की कमी भविष्‍य के लिए पर्याप्‍त अग्रिम योजना के अभाव की वजह से है, क्‍योंकि देश पुरानी कमियों को पूरी करने के लिए योजना बनाने का ही ज्‍यादा अभ्‍यस्‍त रहा है। उन्‍होंने जोर देकर कहा है कि प्रधानमंत्री द्वारा प्रारंभ किये गये स्‍मार्ट सिटी मिशन और अमृत योजना का उद्देश्‍य इस प्रवृति को बदलना है, जिससे कि शहर भविष्‍य के लिए तैयार होना शुरू कर दें।

सार्वजनिक परिवहन से संबंधित समस्‍याओं के समाधान के लिए नायडू ने भीड़ निवारक शुल्‍क लगाने, व्‍यक्तिगत वाहनों के स्‍वामित्‍व को सीमित करने के लिए कर लगाने, घनी बस्तियों के लिए लंबवत निर्माण को बढ़ावा देने, कारगर पार्किंग नीतियां आदि जैसे नीतिगत कदम उठाने की सलाह दी।

चार दिवसीय शहरी गतिशीलता भारत सम्‍मेलन का आयोजन शहरी विकास मंत्रालय एवं संयुक्‍त राष्‍ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) द्वारा संयुक्‍त रूप से किया जा रहा है। इसका उद्देश्‍य भारत एवं विदेशों के मेयरों, नगरपालिका आयुक्‍तों, राज्‍य सरकार के अधिकारियों एवं विशेषज्ञों तथा प्रौद्योगिकी एवं सेवाप्रदाताओं को गति‍शीलता से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए एक मंच मुहैया कराना है तथा लोगों को सर्वश्रेष्‍ठ प्रचलनों से अवगत कराना है।

70 अंतर्राष्‍ट्रीय शिष्‍टमंडलों एवं 24 प्रदर्शकों समेत 1200 से अधिक शिष्‍टमंडल इस सम्‍मेलन में भाग ले रहे हैं। वेंकैया नायडू ने शहरी गतिशीलता संबंधित विभिन्‍न प्रौद्योगिकियों की एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।

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