शिमला: सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मंत्री विद्या स्टोक्स, शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा, आबकारी एवं कराधान मंत्री प्रकाश चौधरी तथा आयुर्वेद मंत्री कर्ण सिंह ने कुछ समाचार पत्रों में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी नडडा द्वारा मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगने संबंधि दिए गए बयान को भाजपा की दबाव की राजनीति करार दिया है। उन्होंने कहा कि नड्डा लोकतांत्रिक ढंग से चुनी गई प्रदेश सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं और प्रदेश के लोगों द्वारा दिए गए जनादेश का अनादर कर रहे हैं, जो उनकी लोकतंत्र के प्रति निराशा और उपेक्षा को दर्शाता है।
मंत्रियों ने आज यहां जारी एक संयुक्त वक्तव्य में कहा कि केन्द्र में कुछ मंत्री प्रदेश के भाजपा नेताओं के इशारे पर वीरभद्र सिंह के खिलाफ केन्द्रीय जांच एजेंसियों का दुरूपयोग कर उनपर दबाव बना रहें है। उन्होंने कहा कि यह हैरानी की बात है कि तीन अलग-अलग केन्द्रीय एजेंसियां वीरभद्र सिंह के आयकर मामले की जांच कर रही है और इस तरह की एक छवि बनाई जा रही है जैसे उन के खिलाफ अनेक मामले चल रहें है। जबकी सच्चाई यह है कि आयकर रिटर्न से संबंधित उनके खिलाफ केवल एक ही मामला है, जो आयकर विभाग और अपीलीय प्राधिकरण के सम्मुख है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के परिसर पर सीबीआई तथा प्रर्वतन निदेशालय द्वारा उनकी के विवाह वाले दिन की गई छापेमारी विद्वेषपूर्ण एवं राजनीती से प्रेरित थी। उन्होंने हैरानी जताई की जांच एजेंसियों को ऐसी क्या जल्दी थी कि उन्होंने माननीय न्यायालय के भी आदेशों का भी इंतजार नही किया। जबकि यह मामला पहले से ही न्यायालय में विचाराधीन है, जहां इसी जांच एजेंसी द्वारा विस्तृत जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है।
मंत्रियों ने कहा कि क्या नड्डा ने कभी भाजपा अध्यक्ष अथवा प्रधानमंत्री से ललितगेट घोटाले, मध्यप्रदेश के व्यापम घोटाले तथा महाराष्ट्र के पीडीएस घोटाले में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि नड्डा, जो भाजपा के वरिष्ठ नेता है, को पहले इस मामले पर विचार करना चाहिए तथा फिर इस प्रकार की राजनीति से प्रेरित एवं आधारहीन वक्तव्य देने चाहिए।