जयराम सरकार के तीन साल कार्यक्रम में पढ़ा गया नड्डा का संदेश...

मुख्यमंत्री नैतिक आधार पर दें इस्तीफा: नड्डा

शिमला: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति के मामले में हिमाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ मनी लांडरिंग के मामले में तीन राज्‍यों में छापेमारी की है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़़ रही है वीरभद्र सिंह के भ्रष्‍टाचार के राज खुलते जा रहे हैं। सीबीआई और ईडी की कारवाई से वीरभद्र सिंह और उनके परिजनों पर भ्रष्‍टाचार और कालाधन सफेद करने के आरोप सच साबित हुए हैं। हैरानी की बात है कि कांग्रेस पार्टी का शीर्ष नेतृत्‍व इस मामले पर मौन है।

कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने अब तक वीरभद्र सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस नेतृत्‍व वीरभद्र सिंह के भ्रष्‍टाचार और कालेधन पर अपनी मौन स्‍वीकृति दे रहा है। भ्रष्‍टाचार के मामले पर कांग्रेस नेतृत्‍व का यह मौन कई सवाल भी खड़े कर रहा है। क्‍या कांग्रेस नेतृत्‍व इसलिए मौन है कि उसे हिमाचल प्रदेश में हुए घोटाले से हिस्‍सा मिला ? हिमाचल प्रदेश की जनता जानना चाहती है कि कांग्रेस नेतृत्‍व को वीरभद्र सिंह के घोटाले से कितना हिस्‍सा मिला ? जनता जानना चाहती है कि सोनिया और राहुल आपकी वह कौन सी मजबूरी है जिसकी वजह से आप भ्रष्‍टाचार के आरोपी वीरभद्र सिंह को मुख्‍यमंत्री पद से हटाने और कांग्रेस पार्टी से बाहर निकालने का साहस नहीं दिखा पा रहे हैं ? दुष्‍प्रचार में माहिर राहुल गांधी की भ्रष्‍टाचार पर चुप्‍पी शर्मनाक है। इससे कांग्रेस के दोहरे मापदंड भी उजागर हो गए हैं। एक बार फिर साबित हो गया है कि टूजी, सीडब्‍ल्‍यूजी और आदर्श जैसे बड़े-बड़े घोटाले अंजाम देने वाली कांग्रेस पार्टी भ्रष्‍टाचार के आरोपियों को संरक्षण देती है।

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