शिमला: नेता प्रतिपक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने प्रदेश पर्यावरण निदेशालय द्वारा आर्यभट्ट ज़ीयो इन्फोरमेशन एण्ड स्पेस ऐपलिकेशन सेन्टर में कार्यरत कर्मचारियों के पी.एफ. के पैसे तीन वर्षों तक जमा न करवाए जाने, तत्पश्चात केन्द्रीय प्रोजेक्टों के लिए आई धनराशि को डाईवर्ट करके पी.एफ. जमा करवाने के विभागीय फैंसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होनें कहा कि यह केन्द्रीय सहायता के तहत मिले धन के दुरूपयोग का गंभीरतम मामला है और विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और दोषी अधिकारियों को दंडित किया जाना चाहिए।
प्रो. धूमल ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस सरकार द्वारा रिटायर्ड व टायर्ड अधिकारियों को प्रमुखता दिए जाने से व भ्रष्ट नेतृत्व के चलते आज प्रदेश के योग्य अधिकारी स्वयं को उपेक्षित व अपमानित महसूस कर रहे हैं और यही वजह है कि सारी प्रशासनिक प्रणाली चरमरा गई है। यह केवल पर्यावरण निदेशालय का अकेला मामला नहीं है, प्रदेशभर में नियमो और कायदों को ताक में रखकर गलत कार्य किए जा रहे हैं। आज हिमाचल में कानून नहीं बल्कि जंगलराज व्याप्त है।
प्रो. धूमल ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा हिमाचल प्रदेश की जनता के साथ अन्याय किया है, चाहे वो केन्द्र में रही हो या हिमाचल प्रदेश में। कांग्रेस के समय में 13वें वित्तायोग ने जहां अन्य राज्यों को केन्द्रीय अनुदान देने के लिए 126 प्रतिशत की वृद्धि की थी, वहीं हिमाचल को मात्र 50 प्रतिशत वृद्धि दी थी, जो देशभर में न्यूनतम था। इसके परिणामस्वरूप राज्य को मिलने वाली राशि में 10725 करोड़ रू0 की हानि उठानी पड़ी थी, परन्तु वर्तमान एनडीए सरकार ने इस सारे भेदभाव को खत्म करते हुए हिमाचल प्रदेश को 40,625 करोड़ रू. के अनुदान का प्रावधान किया है। इसके अतिरिक्त लगभग 85 हजार करोड़ रू. की सहायता विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं के माध्यम से मिलेगी। हिमाचल प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देकर सभी केन्द्रीय स्कीमो में आर्थिक सहायता 90 प्रतिशत की दर से मिलेगी। बावजूद इसके हिमाचल प्रदेश सरकार कर्ज पर कर्ज लिए जा रही है। मात्र तीन वर्षों में 9500 करोड़ रू0 से अधिक का कर्जा लेकर हिमाचल को कर्ज के मकड़जाल में फंसाकर रख दिया है।
प्रो. धूमल ने कहा कि यह उनकी समझ से परे है कि यह पैसा कहां जा रहा है। प्रदेश की कांग्रेस सरकार प्रदेश को दोनों हाथों से लुटो और लुटाओ की नीति पर काम कर रही है। केन्द्रीय धन को बेतरतीब ढंग से खर्च किया जा रहा है। आज प्रदेश की कांग्रेस सरकार इस तरह से कार्य कर रही है कि मानो प्रदेश की राजनीति में यह कांग्रेस की अंतिम पारी है।