शिमला: भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष मो.राजबली व वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन मुरीद हुसैन ने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शकील अहमद पर इल्जाम लगाए हैं कि वह साजिशन चंद वोटों की खातिर प्रदेश के मुसलमान अधिसंख्यक क्षेत्रों में धार्मिक विद्वेष के बीज बोने के प्रयास कर रहे हैं। प्रदेश का धार्मिक सहिषुणता को मॉडल देशभर में सर्वश्रेष्ठ है, उसे कांग्रेस की ’’छंदम धर्मनिरपेक्षता’’ की राष्ट्रीय राजनीति की प्रयोगशाला बनाने का प्रयास न करें, इससे केवल धार्मिक उन्माद ही फैलेगा। कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदेश के नागरिकों को केवल वोटों की खातिर धर्म के आधार पर न बांटकर उन्हें केवल और केवल हिमाचली रहने दें तो ज्यादा बेहतर होगा।
भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने क्रिकेट में तो स्थानीय प्रतिभाओं को प्रोत्साहन देने की बात कही है पर क्या कांग्रेस द्वारा प्रदेश के स्थानीय मुस्लमानो की उपेक्षा पर भी क्या वे कोई वक्तव्य देंगे ? आज प्रदेश के मुसलमानो के लिए सबसे बड़ी उपेक्षा और अपमान की बात क्या हो सकती है कि मुस्लिम समाज के दो सबसे महत्वपूर्ण पदों वक्फ बोर्ड व हज कमेठी के चेयरमैन पर बाहरी व्यक्तियों को बिठाया गया है। क्या हिमाचल में योग्य मुसलमान ही नहीं बचे हैं ? वक्फ बोर्ड के चेयरमैन मुलतः हैदराबाद के नवाब और हज कमेटी के अध्यक्ष जम्मू-कश्मीर के डोडा के रहने वाले हैं। हिमाचल से इनका सम्बन्ध केवल व्यापारिक है।
भाजपा नेताओं ने कहा कि यह भाजपा ही थी जब प्रो. धूमल के व्यक्तिगत प्रयासों से. अटल ने प्रदेश से हज करने वाले यात्रियों का कोटा 100 से बढ़ाकर 200 कर दिया था। कांग्रेस के शासनकाल में इसे बढ़ाना तो दूर उल्टे कम कर दिया गया। कांग्रेस के शासनकाल में ही प्रदेश के हज कोटे से बाहरी लोगों से पैसे लेकर हज करवाने का स्कैंडल किसी से छुपा नहीं है। प्रदेश में वक्फ बोर्ड की सम्पतियां अगर अवैध ढंग से बेची गई हैं तो यह सिर्फ कांग्रेस के शासनकाल के दौरान हुआ है।