शिमला: भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी प्रवीण शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार एक सोचे समझे षड़यंत्र के तहत हिमाचल में महंगाई को बढ़ावा दे रही है ताकि केन्द्र की एनडीए सरकार को महंगाई के नाम पर बदनाम किया जा सके। राष्ट्रीय स्तर पर पैट्रोलियम पदार्थों के घटे हुए दामो के बावजूद प्रदेश में बस किरायो में कमी न करना प्रदेश कांग्रेस सरकार द्वारा रची गई साजिश का हिस्सा है।
भाजपा मीडिया प्रभारी ने कहा कि जब 28 सितम्बर, 2013 को प्रदेश कांग्रेस सरकार ने बसों के किराए में 30 प्रतिशत बढ़ौतरी की थी, उस समय पेट्रोल 76 रू. और डीजल के दाम 56 रू. प्रति लीटर थे। एनडीए सरकार के सत्ता में आने के पश्चात से अब तक पैट्रोलियम पदार्थों के दामों में 17 बार कमी की जा चुकी है। वर्तमान में पेट्रोल 62 रू. और डीजल 46 रू. में उपलब्ध हैं, उसके बावजूद बसों के किरायो में कमी न करना समझ से परे है। सरकार को स्पष्ट करना चाहिए कि क्या प्राईवेट ऑपरेटरों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार इस नीति पर काम कर रही है ?
भाजपा के मीडिया प्रभारी ने कहा कि हिमाचल के पड़ोसी भाजपाशासित राज्यों पंजाब में बस किराया 87 पैसे प्रति किमी. और हरियाणा में 75 पैसे प्रति कि.मी. है। जबकि हिमाचल में यह किराया 1.11 रू. प्रति कि.मी. है और इस भारी भरकम किराए के साथ गरीब जनता को लूटा जा रहा है। परिवहन विभाग के घाटे को पूरा करने के बहाने गरीब जनता के साथ अन्याय नहीं किया जा सकता है। महंगाई के प्रति सरकार की यह साजिश इस बात से भी स्पष्ट होती है कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने पेट्रोलियम पदार्थों पर लगने वाले वैट में दो बार वृद्धि की है, ताकि आम जनता सस्ता डीजल व पेट्रोल न ले सकें। सरकार को चाहिए कि वह तुरंत बस किरायों में कमी करें।