राष्ट्रीय नई शिक्षा नीति हमारे देश का चेहरा बदल देगी : शिक्षा मंत्री

शिमला: इंडोरामा चैरिटेबल ट्रस्ट ने एक कार्यक्रम “मिशन” एजुकेट इंडिया – निरक्षरता उन्मूलन कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।

यह चैरिटेबल ट्रस्ट 12वीं कक्षा तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए 7 जिलों में फैले हिमाचल के जरूरतमंद और कमजोर 150 बच्चों की मदद कर रहा है।

 इस कार्य की समर्थन राशि प्रति वर्ष 32 लाख है।

 शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि शिक्षा हमारे समाज का सोना है और शिक्षा का उपहार सबसे कीमती उपहार है जो किसी व्यक्ति को दिया जा सकता है।

 उन्होंने कहा कि ड्रॉप आउट छात्रों में 24.3% बालिकाएं हैं और यह संस्था अधिक बालिकाओं का समर्थन कर रही है।  आर्थिक तंगी के कारण जरूरतमंद लोग अपने बच्चों को स्कूल से निकाल लेते हैं।

 समाज के उत्थान के लिए एक ट्रस्ट द्वारा उठाया गया इस तरह का एक अच्छा कदम कमजोर परिवारों के बच्चों का भविष्य बदल सकता है।

 उन्होंने कहा कि विद्या भारती संस्था भी समाज को अच्छी शिक्षा प्रदान कर रही है।  नई शिक्षा नीति हमारे राष्ट्र का चेहरा भी बदल देगी, लोगों को इस नीति से काफी हद तक लाभ होगा क्योंकि नीति में ड्रॉप आउट पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

 भारत शैक्षिक क्षेत्र पर गंभीरता से काम कर रहा है, क्योंकि शिक्षा एक मजबूत राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त करती है।

 हिमाचल पूर्व, प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर सभी कक्षाओं में अच्छी शिक्षा पर काम कर रहा है।

 उन्होंने कहा कि हिमाचल एकमात्र ऐसा राज्य है जो एक स्कूल में 10 छात्रों को शिक्षा भी दे रहा है क्योंकि हमारे पहाड़ी लोगों के सामने कठिन भौगोलिक परिस्थितियां हैं।

 हमारे छात्रों ने हमारे सरकारी स्कूलों से शिक्षा ली है और अब वे सेना, प्रशासनिक सेवाओं, स्वास्थ्य और हमारे देश के अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हमारे राष्ट्र की सेवा कर रहे हैं।

 हमें अपने छात्रों पर गर्व है।

 इस मौके पर डॉ राजेश्वर चंदेल कुलपति नौनी यूनिवर्सिटी सोलन, संदीप शिल्के बिजनेस हेड इंडोरामा, राजीव क्षेत्रपाल चेयरमैन साई एजुकेशन, दिलेरम महासचिव हिमाचल शिक्षा समिति, त्रिलोक जमवाल भाजपा प्रदेश महासचिव, बिहारी लाल शर्मा भाजपा सह प्रभारी मंडी संसदीय क्षेत्र भी इस मौके पर उपस्थित रहे।

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