“प्रदेश की 7 मण्डियों में ई-नाम की सुविधा – केंद्र सरकार से मिली स्वीकृति” : प्रबन्ध निदेशक नरेश ठाकुर

शिमला: केंद्र सरकार द्वारा हिमाचल प्रदेश राज्य विपणन बोर्ड की 7 अन्य मंडियों को ई-नाम से जोड़ने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। मुख्यमंत्री द्वारा भी बजट सत्र में अन्य मण्डियों को ई-नाम से जोडने की उद्घोषणा की थी फलस्वरूप शिमला जिला से उपमण्डी मेहंदली व उपमण्डी खड़ापत्थर, किन्नौर जिले की उपमण्डी टापरी, जिला मण्डी से उपमण्डी धनोटू तथा उपमण्डी चैलचोक और कांगडा जिले की उपमण्डी बैजनाथ को ई-नाम पोर्टल से जोडा जाएगा। यह जानकारी विपणन बोर्ड के प्रबन्ध निदेशक नरेश ठाकुर ने दी।

उन्होंने बताया कि इन मंडियों को ई-राष्ट्रीय कृषिबाजार (ई-नाम) से एकीकृत करने हेतु केन्द्र से मु० 210 लाख रूपये  की धनराशी भी प्राप्त होगी इस राशि का व्यय योजना के क्रियान्वयन, कम्पयूटर, गुणवता प्रयोगशालाएं, धर्मकाटों की स्थापना  इत्यादि पर किया जाएगा। इसके अतिरिक्त मु० 190 लाख रु० की धनराशी ग्रेडिंग-पैकिंग मूल्य संवर्धन इकाइयों की स्थापना हेतु ई-नाम मंडी पराला, परवाणू, भट्टाकुफर तथा रोहड़ू के लिए प्राप्त हुई है।

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि ई-राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) की शुरूआत 14.4.2016 को भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई थी इस योजना के अन्तर्गत देश की थोक मण्डियों को एक राष्ट्र व्यापी इलैक्ट्रोनिक मंच पर लाना था, जिससे किसानों व बागवानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो सके। इस योजना से किसानों को कृषि विपणन के एक विकल्पित मार्ग प्राप्त हुआ है। प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस योजना के तहत सोलन मंडी को उत्कृष्ट सेवायें प्रदान करने हेतु वर्ष 2017 व 2022 में दो बार प्रधानमंत्री पुरस्कार से नवाज़ा गया है।

 प्रबन्ध निदेशक नरेश ठाकुर बताया कि प्रदेश में ई-नाम के तहत पहले ही 19 मण्डियों को ई-नाम से एकीकृत किया गया था तथा नई मण्डियां जोड़े जाने से कुल 26 मण्डियों में प्रदेश के बागवान व किसान  ई-नाम स्कीम का लाभ उठा सकते हैं। अभी तक कुल 1,24,407 किसान, 1976 व्यापारी तथा 66 कृषि उत्पादक समूह पंजीकृति किया जा चुके हैं। ई-नाम पोर्टल के तहत कुल 230.98 करोड़ रूपये का व्यापार किया गया है तथा यह धन राशि 16,518 किसानों के खाते में सीधे ई-पेमेंट के तहत स्थांनात्रित की गई है। प्रदेश में नई मण्डियां जोडे़ जाने से प्रदेश के अन्य किसान व बागवान भी इस योजना से लाभान्वित होगें।

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