राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आयोजित पहली राज्य इंटर स्कूल क्विज प्रतियोगिता ‘हिमाचल एनवायरो क्विज-2022’ संपन्न

रा. व. मा. पाठशाला बस्सी की टीम के आदित्य प्रताप और अक्षित कुमार ने जीता प्रथम स्थान

बच्चों में पर्यावरण शिक्षा प्रदान करने से पर्यावरणीय समस्या के प्रति बनते हैं अधिक जागरूक 

हमें प्रकृति के सभी संसाधनों का संरक्षण करना आवश्यक : मंत्री सुरेश भारद्वाज

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आयोजित प्रश्नोतरी प्रतियोगिता की सराहना

क्विज प्रतियोगिता में पंजीकरण की प्रक्रिया 7 मई से 17 मई तक चली, जिसमें प्रदेश के 2988 सरकारी तथा निजी स्कूलों की 5909 टीमों ने करवाया था पंजीकरण  जिला स्तरीय ऑनलाईन क्विज प्रतियोगिता 20 मई को आयोजित करवाया गया

प्रतियोगिता में 2754 स्कूलों से 4944 टीमों ने भाग लिया, जिसमें से 36 टीमों ने फाइनल राउंड के लिए क्वालीफाई किया

36 टीमों में से 6 टीमों ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बस्सी की टीम के आदित्य प्रताप और अक्षित कुमार ने प्रथम स्थान हासिल कर एक-एक लैपटाॅप, प्रशस्ति पत्र, बैग तथा स्कूली ट्राॅफी, सेंट ल्यूकस वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सोलन के गर्वित साहनी और सारांश वशिष्ट ने दूसरा स्थान हासिल कर एक-एक टेबलेट, स्कूल ट्राॅफी, बैग, प्रशस्ति पत्र और मेडल प्राप्त किया वहीं सेवन स्टार अंतर्राष्ट्रीय विद्यालय हमीरपुर के प्रवीण भारद्वाज और दिव्यांश जमवाल ने तीसरा स्थान प्राप्त कर एक-एक स्मार्ट फोन, स्कूल ट्रॉफी, प्रशस्ति पत्र, बैग व मेडल किया प्राप्त 

शिमला: विश्व पर्यावरण दिवस हम सभी को पर्यावरण की रक्षा करने के लिए कृत संकल्प प्रेरणा प्रदान करता है। यह विचार आज शहरी विकास, आवास, नगर नियोजन, संसदीय कार्य, विधि एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने हिमाचल प्रदेश राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा निमायील ईको फ्रैंडली इंडिया मिशन के संयुक्त तत्वाधान में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में प्रेक्षागृह में पर्यावरण दिवस-2022 के अवसर पर आयोजित पहली राज्य इंटर स्कूल क्विज प्रतियोगिता ‘हिमाचल एनवायरो क्विज-2022’ के समापन अवसर पर अपने संबोधन में व्यक्त किए।

इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यावरण विज्ञान व प्रौद्योगिकी प्रबोध सक्सेना, आईटीसी प्रमुख विनिर्माण और आपूर्ति श्रृखंला एस.बाला कृष्णन, सदस्य सचिव पर्यावरण राज्य पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड अपूर्व देवगन, प्रोवीसी हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रो. ज्योति प्रकाश, संजय शर्मा एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि हमें प्रकृति के सभी संसाधनों का संरक्षण करना आवश्यक है। पर्यावरण संरक्षण के लिए हर छोटा कदम महत्वपूर्ण है, जिससे हरित जीवन शैली का विस्तार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल ने अपने परिवेश के संरक्षण के लिए अनेक पहल की है, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा सराहा गया है।
राज्य ने प्लास्टिक और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 1995 में गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरा (नियंत्रण) अधिनियम भी पेश किया था। हिमाचल प्रदेश राज्य वर्ष 2009 में हर मोटाई और आकार के प्लास्टिक कैरी बैग के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला प्रदेश था। राज्य ने वर्ष 2019 में एचपी बाय बैक नीति पेश की थी, जहां गैर-पुनर्नवीनीकरण योग्य प्लास्टिक को विभिन्न शहरी स्थानीय निकायों के नामित संग्रह केंद्रों पर एकत्र किया जा रहा है। इनका उपयोग सीमेंट उद्योगों और सड़क निर्माण गतिविधियों में किया जा रहा है। राज्य ने हमेशा आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच एक तर्कसंगत संतुलन बनाने का प्रयास किया है। परन्तु मेरा मानना है कि पर्यावरण संबंधी समस्याओं पर विचार करने के लिए केवल एक दिन ही पर्याप्त नही है, अपितु इसके लिए हमें पर्यावरण के प्रति जागरूक समाज की स्थापना करनी होगी।
उन्होंने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के साथ-साथ जल संरक्षण, जलवायु परिवर्तन तथा प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर भी बल देने की आवश्यकता है ताकि मानव सभ्यता प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से प्रभावित न हो।
उन्होंने राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आयोजित प्रश्नोतरी प्रतियोगिता की सराहना करते हुए कहा कि विभिन्न चरणों में इन प्रतियोगिताओं के आयोजन से छात्र समुदाय के बड़े वर्ग को अपने साथ जोड़ कर पर्यावरण संरक्षण व जागरूकता का संदेश सम्प्रेषित किया है।
उन्होंने कहा कि बच्चों में पर्यावरण शिक्षा प्रदान करने से वे पर्यावरणीय समस्या के प्रति अधिक जागरूक बनते हैं। बच्चों में पर्यावरण की देखभाल और उसके सुधार के प्रति रूचि बढ़ती है।
उन्होंने विश्वास जताया कि बोर्ड के इस प्रयास से स्कूली बच्चों के युवा मन में पर्यावरण शिक्षा के मूल्यों को शामिल करना परोक्ष रूप से प्रदेश के विकास के लिए अत्यंत लाभदायक है।
उन्होंने कहा कि आज हम प्लास्टिक से घिरे हुए है, जिससे पर्यावरण को क्षति पहुंच रही है। इसलिए आज सिंगल यूज प्लास्टिक को न कहने का संकल्प लेने का समय है।
उन्होंने कहा कि 1 जुलाई, 2022 से केन्द्र सरकार एकल उपयोग प्लास्टिक वस्तुओं के निर्माण, आयात, स्टाॅकिंग, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध लगा रही है। उन्होंने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रदेशवासियों से सहयोग की अपील की तथा प्रदेश को हरा-भरा व प्रदूषण मुक्त रखा जा सके
उन्होंने कहा कि क्विज प्रतियोगिता में पंजीकरण की प्रक्रिया 7 मई से 17 मई तक चली, जिसमें प्रदेश के 2988 सरकारी तथा निजी स्कूलों की 5909 टीमों ने पंजीकरण करवाया। जिला स्तरीय ऑनलाईन क्विज प्रतियोगिता 20 मईको आयोजित करवाया गया। प्रतियोगिता में 2754 स्कूलों से 4944 टीमों ने भाग लिया, जिसमें से 36 टीमों ने फाइनल राउंड के लिए क्वालीफाई किया।
उन्होंने कहा कि इन 36 टीमों में से 6 टीमों में  जिसमें राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बस्सी की टीम के आदित्य प्रताप और अक्षित कुमार ने प्रथम स्थान हासिल कर एक-एक लैपटाॅप, प्रशस्ति पत्र, बैग तथा स्कूली ट्राॅफी, सेंट ल्यूकस वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला सोलन के गर्वित साहनी और सारांश वशिष्ट ने दूसरा स्थान हासिल कर एक-एक टेबलेट, स्कूल ट्राॅफी, बैग, प्रशस्ति पत्र और मेडल प्राप्त किया वहीं सेवन स्टार अंतर्राष्ट्रीय विद्यालय हमीरपुर के प्रवीण भारद्वाज और दिव्यांश जमवाल ने तीसरा स्थान प्राप्त कर एक-एक स्मार्ट फोन, स्कूल ट्रॉफी, प्रशस्ति पत्र, बैग व मेडल प्राप्त किया। एक लव्य माॅडल रेजिडेंशियल स्कूल निचार के अभिनव व प्रवण नेगी ने चौथा स्थान हासिल कर मोबाइल फोन, प्रशस्ति पत्र, बैग व मेडल प्राप्त किया। जिंदल विद्या मंदिर स्कूल के आयुष्मान सिंह और गगन ने पांचवा स्थान प्राप्त कर मोबाइल फोन, प्रशस्ति पत्र, बैग व माॅडल प्राप्त किया वहीं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल मण्डी के सूर्यांश व कृतिका ने छठा स्थान प्राप्त कर मोबाइल फोन, प्रशस्ति पत्र, बैग व माॅडल प्राप्त किए।
उन्होंने पर्यावरण क्विज में विजेता विद्यार्थियों को बधाई दी
इस अवसर पर उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में पौधा भी रोपित किया।

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