वातावरण की स्वच्छता बनाए रखने के लिए पर्यावरण संरक्षण के विकास पर बल देना आवश्यक : प्रबोध सक्सेना

कार्यक्रम में शिमला शहर के 50 स्कूलों के 450 बच्चों ने लिया भाग, किये गये विज्ञान माॅडल प्रस्तुत 

शिमला: विकास के साथ-साथ पर्यावरण का संरक्षण करना हमारा नैतिक कर्तव्य है, जो हमारी प्राचीन संस्कृति में भी निहित है। यह विचार आज अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग प्रबोध सक्सेना ने विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर ऐतिहासिक गेयटी थियेटर में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि वातावरण की स्वच्छता बनाए रखने के लिए पर्यावरण संरक्षण के विकास पर बल देना अत्यंत आवश्यक है। आज का यह दिवस सभी को पर्यावरण के महत्व को समझ कर इसके संरक्षण और संवर्धन के प्रति व्यक्तिगत सहयोग निहित करने के लिए संकल्प का दिवस है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल द्वारा प्लास्टिक थैलियों को बैन करना सुनिश्चित किया गया था। उन्होंने कहा कि हाइड्रो इलैक्ट्रिक प्रोजेक्टस में 15 प्रतिशत पानी लीन सीजन में नदियों में डिस्चार्ज करना चाहिए ताकि पर्यावरण संरक्षण के लिए नदियों व जल की उपयोगिता को कारगर बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने देश में एक बार के इस्तेमाल के उपरांत उपयोगिता खत्म होने वाले प्लास्टिक को  को 1 जुलाई को पूर्णतः प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है। उन्होंने विश्वास जताया कि प्रदेश में जनता केन्द्र सरकार के निर्णय को लागू कर इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए सहयोग प्रदान करेगी।
उन्होंने आज गेयटी में हिमाचल प्रदेश की पर्यावरण रिपोर्ट की स्थिति, परियोजना के तहत क्षमता विकास पैकेज, नियमावली, जलवायु परिवर्तन, भेदय आकलन, सतलुज नदी बेसिन (लाहौल-स्पीति और किन्नौर) हिमाचल प्रदेश के प्रमुख आर्द्ध भूमियां पर पुस्तिका एवं हिमाचल प्रदेश में स्नो कवर पैटर्न पुस्तिका का अनावरण किया।
कार्यक्रम में शिमला शहर के 50 स्कूलों के 450 बच्चों ने भाग लिया। बच्चों द्वारा विज्ञान माॅडल भी प्रस्तुत किए गए।  
इस अवसर पर उन्होंने हिमाचल प्रदेश पर्यावरण नेतृत्व पुरस्कार प्रदान किए, जिसमें विद्यालय वर्ग में हिम एकडमी पब्लिक स्कूल विकास नगर को प्रथम, राजकीय प्राथमिक पाठशाला बंदोल शिक्षा खण्ड रक्कड़ तहसील ज्वालामुखी कांगड़ा को द्वितीय पुरस्कार, उद्योग वर्ग में एंटी पीसी कोलडेम परियोजना, जिला बिलासपुर को प्रथम पुरस्कार, हिमाचल प्रदेश सहकारी दुग्ध उत्पादक समिति टुटू को द्वितीय पुरस्कार, स्वास्थ्य संस्थानों में लाल बहादुर शास्त्री राजकीय आयुर्विज्ञान एवं अस्पताल नैर चैक मण्डी को प्रथम पुरस्कार, ग्राम पंचायत घैच कोहबाग को द्वितीय पुरस्कार, शहरी निकाय के तहत नगर परिषद सुन्दरनगर को द्वितीय पुरस्कार तथा आवासीय क्षेत्र में रोहिताश चन्द्र, राम कमल समीप द्रगा घोड़ा चैकी को द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
इसके अतिरिक्त व्यक्तिगत तौर पर वीएस महाल सेवानिवृत मण्डलीय अग्निशमन अधिकारी, गांव पासु धर्मशाला, स्कूल क्षेत्र में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला संजौली शिमला, स्वैच्छिक संस्था के वर्ग में सिद्ध बाबा महिला मण्डल ग्राम पंचायत धलूण, नगरोटा बगवां शैक्षणिक संस्थान चितकारा यूनिवर्सिटी, अटल शिक्षा कुंज बरोटीबाला, जिला सोलन को सात्वना पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस अवसर पर निदेशक पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी हिमाचल प्रदेश ललित जैन, संयुक्त सदस्य सचिव हिमकोस्ट सतपाल धीमान, अतिरिक्त निदेशक पर्यावरण विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी प्रवीण गुप्ता भी उपस्थित थे।

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