शिक्षकों के तबादले को निष्पक्ष और पारदर्शी नीति बनाए सरकार: हाईकोर्ट

नगर निगम शिमला की चुनाव प्रक्रिया पर रोक, हाइकोर्ट ने दिए पुनर्सीमांकन के आदेश

हिमाचल : नगर निगम शिमला के चुनाव होने में अभी और वक्त लग सकता है । प्रदेश हाई कोर्ट ने जिला प्रशासन को निगम एरिया में पुनर्सीमांकन के आदेश  दिए हैं। 

कांग्रेस की नाभा वार्ड से पार्षद सिमी नंदा और एक अन्य याचिकाकर्ता ने समरहिल वार्ड के डिलिमिटेशन को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और इस पर अब हाईकोर्ट ने अपना फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने प्रार्थी के आरोपों को सही ठहराते हुए जिला प्रशासन को इनकी आपत्ति सुनने के आदेश दिए हैं। आरक्षण रोस्टर को चुनौती देने वाली तीसरी याचिका को हाईकोर्ट ने रद्द किया है। हाईकोर्ट ने शिमला नगर निगम के पांच वार्डों में दोबारा पुनर्सीमांकन को करने के निर्देश दिए है। 

जयराम सरकार ने शिमला नगर निगम में सात नए वार्ड बनाए हैं। शिमला में अब वार्डों की संख्या 34 से बढ़कर 41 हो गई है। नए वार्ड बनाने के साथ साथ कुछ पुराने वार्डों की सीमाएं भी बदली गई है। समरहिल और नाभा वार्ड के डिलिमिटेशन को दो प्रार्थियों ने अदालत में चुनौती दी थी। प्रार्थी का आरोप था कि राजनीतिक लाभ के लिए उनके वार्ड के कई इलाके दूसरे वार्ड में शामिल किए गए हैं। उनकी अपील पर लंबे समय तक अदालत में सुनवाई हुई। 13 मई को अदालत ने सुनवाई के बाद फैसला रिजर्व रखा। आज अदालत ने अपना फैसला सुना लिया है। इसके मुताबिक नाभा और समरहिल वार्ड की आपत्ति एवं सुझाव को दोबारा सुनना होगा। इससे पहले जिला प्रशासन ने सबसे कम आबादी वाले नाभा वार्ड के कुछ क्षेत्र साथ लगते टूटीकंडी और फागली वार्ड में शामिल किए थे।

आज कोर्ट ने फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट के फैसले के चलते अब शिमला नगर निगम में सारी प्रक्रिया दोबारा होगी। यदि सरकार नए वार्डों का गठन करना चाहेगी तो दोबारा डिलिमिटेशन होगी। ऐसे में अब शिमला में नगर निगम के चुनाव तय समय पर हो पाएंगे ऐसा फ़िलहाल नहीं लग रहा

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