हमें नशे की बुराइयों के बारे में खुलकर चर्चा करनी होगी ताकि भविष्य के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सकें : राज्यपाल

राज्यपाल ने नशा निरोधक कानून प्रवर्तन विभागों के अधिकारियों के लिए आयोजित क्षमता वृद्धि प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित किया

शिमला: राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि राज्य में नशा निरोधक कानून के अन्तर्गत एक निश्चित प्रक्रिया के अन्तर्गत कार्य हो रहा है और हमें इन मामलों को भावनात्मक ढंग से भी सुलझाने के लिए सक्रिय प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि भावनात्मक प्रेरक कार्यक्रम के माध्यम से समाज में चेतना लानी होगी तभी इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ सकेंगे। 

राज्यपाल आज हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान फेयर लॉन के सभागार में हिमाचल प्रदेश नशा निवारण बोर्ड द्वारा संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स एंड क्राइम (यूएनओडीसी) के दक्षिण एशिया कार्यालय के सहयोग से प्रदेश के नशा निरोधक कानून प्रवर्तन विभागों के अन्वेषण तथा पर्यवेक्षी अधिकारियों के लिए आयोजित पांच दिवसीय क्षमता वृद्धि प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि हमें नशे की बुराइयों के बारे में खुलकर चर्चा करनी होगी ताकि भविष्य के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सकें। इसके लिए हमें यह विषय बच्चों के साथ भी साझा करना होगा ताकि वे भविष्य में इसके दुष्प्रभावों के बारे में सजग हो सकें।

राज्यपाल ने कहा कि वर्षों से नशे की बुराइयों पर लम्बी व सारगर्भित चर्चाएं हुई हैं लेकिन अब इन चर्चाओं से आगे बढ़ते हुए इस समस्या के समाधान और उसके प्रति हमारा दृष्टिकोण ज्यादा महत्वपूर्ण है। 

राज्यपाल ने कहा कि नशा एक बहुत ही संवेदनशील विषय है और इस दिशा में सरकार द्वारा बनाए गए कानून और नीति को लागू करने के अलावा भावनात्मक रूप से भी इसका समाधान किया जाना चाहिए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह अपने घर से ही इसकी पहल करें और माता-पिता बच्चों के लिए अच्छी किताबों का चयन और उनमें पढ़ने की आदत डालें। उन्होंने कहा कि हमें बच्चों के साथ समय बिता कर संवाद स्थापित कर उन्हें परिवार से जोड़ने का प्रयास करना चाहिए। उनमें नैतिक मूल्यों का संचार कर माता-पिता इसके लिए पहल करें, तभी इस समस्या का स्थायी समाधान संभव है।

इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र ड्रग्स एंड क्राइम (यूएनओडीसी) के दक्षिण एशिया कार्यालय के सलाहकार जयंत मिश्रा ने पांच दिवसीय कार्यक्रम की रूपरेखा और यूएनओडीसी की भागीदारी के बारे में विस्तार से बताया।

इससे पूर्व, राज्य कर एवं आबकारी विभाग एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुभासीष पंडा ने राज्यपाल का स्वागत किया।

संयोजक एवं सलाहकार, हिमाचल प्रदेश नशा निवारण बोर्ड ओम प्रकाश शर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। 

हिमाचल प्रदेश नशा निवारण बोर्ड के सदस्य सचिव यूनुस ने कार्यक्रम के आयोजन की आवश्यकता के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

अतिरिक्त निदेशक, हिपा ज्योति राणा, यूएनओडीसी के विशेषज्ञ और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

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