प्रदेश के सभी जिलों में राशन कार्ड धारकों का ई-केवाईसी(eKYC) करने का कार्य शुरू
प्रदेश के सभी जिलों में राशन कार्ड धारकों का ई-केवाईसी(eKYC) करने का कार्य शुरू
शिमला: जिला में विभिन्न श्रेणियों के 199979 राशन कार्ड व 748525 पंजीकृत जनसंख्या की eKYC किया जाएगा। यह जानकारी आज यहां जिला नियंत्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले शिमला पूर्ण चंद ने दी। उन्होंने बताया कि राशन कार्ड डाटा व आधार डाटा का मिलान व पुष्टि करने के उपरांत प्रमाणिक डाटा तैयार करने के उद्देश्य से खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में राशन कार्ड धारकों का eKYC करने का कार्य आरम्भ किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक राशन कार्ड सदस्य को अपना राशन कार्ड अथवा आधार नम्बर प्रदेश के किसी भी उचित मूल्य की दुकान के विक्रेता को दिखाकर, उचित मूल्य की दुकान में उपलब्ध ePoS मशीन में दिख रहे राशन कार्ड डाटा व आधार डाटा को चैक कर मिलान व पुष्टि करनी है। इस प्रक्रिया में राशन कार्ड सदस्यों का ePoS मशीन में अंगूठे का निशान (बायोमेट्रिक) भी Capture किया जाना है। उन्होंने बताया कि यदि कहीं आधार डाटा नहीं है या अंगूठे का निशान नहीं लग रहा है तो आधार केन्द्र पर डाटा ठीक या आधार बायोमेट्रिक अपडेट करवाना होगा तथा यदि आधार और राशन कार्ड डाटा का मिलान हो जाता है, जो राशन कार्ड सदस्य की eKYC पूर्ण/सफल मानी जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला के विभागीय निरीक्षकों को व सभी 572 उचित मूल्य की दुकानों के विक्रेताओं को eKYC कार्य करने के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि जिला में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा लोगों को eKYC के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से उचित मूल्य की दुकानों, पंचायतों आदि के माध्यम से प्रचार सामग्री भी वितरित की गई है। उन्होंने बताया कि पंचायत सचिवों/सहायकों को भी प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने बताया कि eKYC कार्य को 10 जून, 2022 तक पूर्ण किया जाना है, जिसके लिए प्रत्येक राशन कार्ड सदस्य को अपना राशन कार्ड अथवा आधार नम्बर प्रदेश के किसी भी उचित मूल्य की दुकान में ले जाकर eKYC करवा सकते हैं। जिला के सभी राशन कार्ड सदस्यों से eKYC अभियान में पूरी सक्रियता से सहयोग करने तथा राशन डिपो होल्डरों से मज्ञल्ब् कार्य को मिशन मोड में करने का अनुरोध किया जाता है, ताकि जिला में 10 जून, 2022 तक इस कार्य को सम्पन्न करवाया जा सके।