एसजेवीएन “स्‍वच्‍छ विद्यालय अभियान” के तहत प्रशंसनीय कार्य के लिए सम्‍मानित

  • एसजेवीएन स्‍वच्‍छ विद्यालय अभियान के तहत प्रशंसनीय कार्य के लिए सम्‍मानित
  • केन्‍द्रीय राज्‍य मंत्री पीयूष गोयल ने किया एसजेवीएन के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रमेश नारायण मिश्र एवं निदेशक (कार्मिक) नन्‍द लाल शर्मा को सम्‍मानित
केन्‍द्रीय राज्‍य मंत्री पीयूष गोयल एसजेवीएन के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रमेश नारायण मिश्र को सम्‍मानित करते

केन्‍द्रीय राज्‍य मंत्री पीयूष गोयल एसजेवीएन के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रमेश नारायण मिश्र को सम्‍मानित करते

शिमला: एसजेवीएन तथा केन्‍द्रीय विद्युत, कोयला तथा नए एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत अन्‍य सीपीएसयू को उनके द्वारा स्‍वच्‍छ विद्यालय अभियान के तहत किए गए प्रशंसनीय कार्य के लिए आज नई दिल्ली में केन्‍द्रीय विद्युत, कोयला तथा नए एवं नवीकरणीय ऊर्जा राज्‍य मंत्री (प्रभारी) पीयूष गोयल ने सम्‍मानित किया। एसजेवीएन ने हिमाचल प्रदेश, बिहार, उत्‍तराखण्‍ड एवं अरुणाचल प्रदेश राज्‍यों के 1530 स्‍कूलों में 2391 शौचालयों का तयशुदा समय-सीमा में निर्माण किया।

एसजेवीएन के निदेशक (कार्मिक) नन्‍द लाल शर्मा सम्‍मान ग्रहण करते

एसजेवीएन के निदेशक (कार्मिक) नन्‍द लाल शर्मा सम्‍मान ग्रहण करते

एसजेवीएन के अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रमेश नारायण मिश्र एवं निदेशक (कार्मिक) नन्‍द लाल शर्मा को अन्‍य 23 अधिकारियों के साथ एक पुरस्‍कार एवं प्रशस्ति प्रमाण-पत्र से सम्‍मानित किया गया

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने 15 अगस्‍त, 2015 के संबोधन में ”स्‍वच्‍छ विद्यालय अभियान” के अंतर्गत पूरे देश में एक साल के अंदर सभी स्‍कूलों में छात्रों एवं छात्राओं के लिए अलग-अलग शौचालय निर्माण करने का जो विजन देशवासियों के समक्ष रखा था यह पहल उसी का विस्‍तार थी। यह मंत्रालय तथा सीपीएसयू के अधिकारियों की सामूहिक अनवरत एवं अथक मेहनत थी कि पूरे देश में स्‍कूलों में 1.28 लाख से अधिक शौचालयों के निर्माण का कार्य एक साल की अल्‍पावधि के अंदर कामयाबी के साथ पूरा कर लिया गया। सीपीएसयू की उपलब्धि निर्धारित लक्ष्‍य से 28% अधिक रही। देशभर में इस कार्यक्रम की शुरूआत प्रतिभागी सीपीएसयू यानि एनटीपीसी, आरईसी, पीजीसीआईएल, पीएफसी, एनएचपीसी, एसजेवीएन, टीएचडीसी, नीपको, सीआईएल, एनएलसी एवं इरेडा द्वारा 2 अक्‍तूबर, 2014 को की गई, जिसकी निगरानी मंत्रालय में उच्‍चतम स्‍तर पर रोजाना की जाती थी। इससे संबंधी सूचना की अपलोडिंग नवीनतम टेक्‍नालाजी का उपयोग करके विशेषतः तैयार वेब पोर्टल पर की जाती थी।

इस अवसर पर बोलते हुए गोयल ने प्रधानमंत्री के विजन को साकार करने में अपना विनम्र योगदान देने के लिए सभी अधिकारियों की तारीफ की। उन्‍होंने उम्‍मीद जताई कि यह कोशिश हम सभी के द्वारा एक बड़े सफर का आगाज है। गोयल ने आगे कहा कि इस कार्यक्रम के दायरे को बढ़ाया जाएगा और मिलकर काम करके नई ऊंचाईयों को छुआ जाएगा। गोयल का कहना था कि शौचालय बनाने के ऐसे विशाल लक्ष्‍यों के निष्‍पादन में जबर्दस्‍त प्‍लानिंग और वृहद कार्य के बावजूद किसी प्रतिभागी सीपीएसयू की उत्‍पादकता बाधित नहीं हुई।

  • लक्ष्‍य प्राप्‍त करने के लिए एसजेवीएन ने किया था 50 टीमों का गठन
  • एसजेवीएन ने मुसीबतों एवं चुनौतियों की सभी बाधाओं को पार करके किया लक्ष्‍य हासिल

लक्ष्‍य प्राप्‍त करने के लिए एसजेवीएन ने 100 से अधिक कर्मचारियों से युक्‍त 50 टीमों का गठन किया जिन्‍होंने सभी चार राज्‍यों में 1530 स्‍कूलों का दौरा किया। टीम के सदस्‍य निर्माण स्‍थल पर शिविर लगाकर रहे । एसजेवीएन ने प्रकृति द्वारा उत्‍पन्‍न मुसीबतों एवं चुनौतियों के साथ-साथ भूमि संबंधी मुद्दों सहित स्‍थानीय परिस्थितियों का भी सामना कियाहिमाचल प्रदेश के बर्फीले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी लक्ष्‍य की राह में आईतेज बहाव वाले नालों और नदियों ने निर्माण स्‍थलों तक पहुंचने के मार्गों को रोका। फिर भी समर्पित टीम सदस्‍यों के समपर्ण तथा प्रतिबद्धता से ऐसी सभी बाधाओं को पार करके लक्ष्‍य को हासिल किया गया

एसजेवीएन प्रबंधन ने टीम के सदस्‍यों को आ रही बाधाओं से निकलने में सहायता तथा उनका मनोबल बढ़ाने के लिए लगातार निर्माण गतिविधियों की निगरानी की है। टीम के सदस्‍यों के साथ अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने साप्‍ताहिक तथा निदेशक (कार्मिक) ने दैनिक बैठकें आयोजित की। विद्युत मंत्रालय तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय की वेबसाईट पर फोटोग्राफ सहित निर्माण स्थिति को प्रतिदिन अपलोड किया जाता थागुणवत्‍ता को सुनिश्चित करने के लिए गुणवत्‍ता निरीक्षण टीमों का गठन किया गया था

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