बुद्ध पूर्णिमा पर पूजा का विशेष शुभ मुहूर्त कब और जानें कैसे करें पूजा…

वैशाख मास की पूर्णिमा को महात्‍मा बुद्ध का जन्‍म हुआ माना जाता है। इस दिन को बुद्ध पूर्णिमा कहा जाता है। इस साल यह 16 मई यानि कल है। इस दिन भगवान बुद्ध के अलावा भगवान विष्णु और भगवान चंद्रदेव की भी पूजा की जाती है। बौद्ध के साथ हिंदू धर्मावलंबी इस दिन को धूमधाम के मानते हैं।

गौतम बुद्ध का जन्म का नाम सिद्धार्थ गौतम था। गौतम बुद्ध एक आध्यात्मिक गुरु थे, जिनकी शिक्षाओं से बौद्ध धर्म की स्थापना हुई थी। बौद्धों के लिए, बोध गया नामक स्थान गौतम बुद्ध के जीवन से सम्बन्धित सर्वाधिक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। बोधगया के अतिरिक्त, कुशीनगर, लुम्बिनी तथा सारनाथ भी अन्य तीन महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं। यह माना जाता है कि गौतम बुद्ध ने बोधगया में ज्ञान प्राप्त किया तथा उन्होंने पहली बार सारनाथ में धर्म की शिक्षा दीयह माना जाता है कि, गौतम बुद्ध को इसी दिन आत्मज्ञान प्राप्त हुआ था।

पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान का खास महत्व है। बुद्ध पूर्णिमा की सुबह में स्नान के बाद भगवान भास्‍कर को अर्घ्य दें और बहते पानी में तिल प्रवाहित करें। पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करें। भगवान विष्णु की पूजा करें। करें। बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और चंद्रदेव की पूजा करने से आर्थिक तंगी दूर होती है। इस दिन दान-दक्षिणा का विशेष पुण्‍य फल मिलता है। खास बात यह भी है कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बिना चंद्र दर्शन किए बुद्ध पूर्णिमा का व्रत पूरा नहीं होता है। इसलिए इस दिन चंद्रदेव के दर्शन अवश्‍य करें।

बुद्ध पूर्णिमा की तारीख और पूजा का शुभ मुहूर्त- दिन व शुभ मुहूर्त- वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा तिथि 15 मई की मध्‍यरात्रि 12:45 बजे से शुरू होगी और 16 मई, सोमवार की रात 09:43 बजे तक रहेगी। लिहाजा 16 मई को बुद्ध पूर्णिमा मनाई जाएगी। इसी दिन व्रत रखा जाएगा और विधि-विधान से पूजा-उपासना की जाएगी।

बुद्ध पूर्णिमा के दिन कैसे करें पूजा

– संभव हो तो बुद्ध पूर्णिमा के दिन व्रत जरूर रखें।

सूरज उगने से पहले उठकर घर की साफ-सफाई करें।

गंगा में स्नान करें या फिर सादे पानी से नहाकर गंगाजल का छिड़काव करें।

घर के मंदिर में विष्णु जी की दीपक जलाकर पूजा करें और घर को फूलों से सजाएं

घर के मुख्य द्वार पर हल्दी, रोली या कुमकुम से स्वस्तिक बनाएं और गंगाजल छिड़कें

बोधिवृक्ष के आस-पास दीपक जलाएं और उसकी जड़ों में दूध विसर्जित कर फूल चढ़ाएं

सूर्य को अर्ध्‍य दें।

 पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं।

भगवान विष्‍णु की पूजा करें।

चंद्र देव की भी रात में पूजा करें। इस दिन दान जरूर दें।

 बुद्ध पूर्णिमा के दिन किया गया दान कई गुना ज्‍यादा फल देता है। जीवन में आ रहीं बाधाएं दूर होती हैं और खुशियों-सफलता की दस्‍तक होती है।

गरीबों को भोजन और कपड़े दान करें।

अगर आपके घर में कोई पक्षी हो तो आज के दिन उन्हें आज़ाद करें।

रोशनी ढलने के बाद उगते चंद्रमा को जल अर्पित करें।

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