- सरकार पंचायतीराज संस्थाओं व स्थानीय शहरी निकायो के चुनाव के साथ कर रही है भद्दा मजाक : जयराम
शिमला: भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व पंचायतीराज मंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार पंचायतीराज संस्थाओं व स्थानीय शहरी निकायो के चुनाव के साथ भद्दा मजाक कर रही है। उन्होनें कहा कि यदि संविधान में 73वां एवं 74वां संशोधन न हुआ होता और इन संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा न मिला होता तो शायद ही प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार प्रदेश में इन संस्थाओं के चुनाव करवाती।
शिमला से जारी एक बयान में पूर्व पंचायतीराज मंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वह पहले ही कई बार कह चुके हैं कि पंचायतीराज मंत्री एवं पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों में तालमेल की कमी है और यह कमी भारतीय जनता पार्टी समय-2 पर उजागर करती रही है और यह भी कहती रही है कि चुनाव में आरक्षण संबंधी रोस्टर, वार्ड बंदियो एवं चुनाव की तिथियों पर जल्दी निर्णय लिया जाए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि पंचायतीराज विभाग एवं स्थानीय शहरी निकायों के अधिकारियों द्वारा संविधान के अनुरूप कार्य नहीं किया जा रहा। इन दोनों विभागों की वजह से प्रदेश का चुनाव आयोग जो संविधान के अनुरूप स्वतंत्र संस्था है, पर भी सवालिया निशान लग रहा है। उन्होनें कहा कि वर्तमान स्थिति में प्रदेश में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव के संबंध में असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है और लोगों ने यह मानना शुरू कर दिया है कि जो भारतीय जनता पार्टी का कथन था, कि वर्तमान कांग्रेस सरकार पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव करवाने से घबरा रही है, आज मा. उच्च न्यायालय के आदेश से सिद्ध हो गया है, क्योंकि प्रदेश सरकार ने विभिन्न जिलों के अधिकारियों को ऐसे अस्पष्ट एवं अधूरे आदेश जारी किए हैं जिनके अनुसार यदि वे संविधान के अनुरूप कार्य करते हैं तो उन आदेशों पर अमल नहीं किया जा सकता।
जयराम ठाकुर ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के समय में वर्ष 2010 में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव हुए थे तो पंचायतों के पुर्नगठन, वार्ड बंदी, आरक्षण रोस्टर निर्धारित समय पर तय किए गए थे और प्रदेश में समय पर संविधान के अनुरूप चुनाव हुए थे। परन्तु वर्तमान कांग्रेस सरकार संविधान की अवहेलना करते हुए एक्ट और नियमो की धज्जियां उड़ा रही है और जनता को गुमराह कर रही है ताकि किसी न किसी तरीके से इन चुनावों को हाईजैक किया जा सके। उन्होनें कहा कि भाजपा, कांग्रेस पार्टी के इन कार्यकलापों पर नजर रखे हुए है और जहां कहीं भी भाजपा को प्रतीत हुआ कि प्रदेश में कहीं भी आरक्षण रोस्टर, वार्डबंदी कार्य नियमों से बाहर हुआ तो उस पर भारतीय जनता पार्टी द्वारा कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
उन्होनें दोहराया कि भारतीय जनता पार्टी वर्ष 2010 की तरह इस बार भी पंचायतीराज व स्थानीय शहरी निकायों पर दोबारा अपना परचम लहराएगी।