मुख्यमंत्री ने किया लिफ्ट के समीप आजीविका भवन का लोकार्पण, भवन में 217 दुकानें, 12 बेकरी और दो लिफ्ट सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध

मुख्यमंत्री ने शिमला शहर में 63.06 करोड़ रुपये लागत की विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास किए

शिमला स्मार्ट सिटी के तहत 33 करोड़ रुपये की लागत से रिज के स्थिरीकरण और खुली जगह के विकास कार्य, ऑकलैंड टनल शिमला के समीप 6.49 करोड़ रुपये की लागत से 200 वाहनों की पार्किंग क्षमता वाली पार्किंग के निर्माण कार्य तथा एसडीए कॉम्पलैक्स कसुम्पटी में 6.21 करोड़ रुपये की लागत से 150 वाहन क्षमता की पार्किंग के निर्माण कार्य का किया शिलान्यास 

शीघ्र ही तारादेवी में 3 करोड़ रुपये की लागत से ई-चार्जिंग स्टेशन किया जाएगा स्थापित 

शिमला: मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज शिमला शहर में विभिन्न स्थानों पर 63.06 करोड़ रुपये लागत की विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास किए। मुख्यमंत्री ने लिफ्ट के समीप 10.50 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित आजीविका भवन का लोकार्पण किया। इस भवन में 217 दुकानें, 12 बेकरी और दो लिफ्ट सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।

जय राम ठाकुर ने शिमला स्मार्ट सिटी के तहत 33 करोड़ रुपये की लागत से रिज के स्थिरीकरण और खुली जगह के विकास कार्य, ऑकलैंड टनल शिमला के समीप 6.49 करोड़ रुपये की लागत से 200 वाहनों की पार्किंग क्षमता वाली पार्किंग के निर्माण कार्य तथा एसडीए कॉम्पलैक्स कसुम्पटी में 6.21 करोड़ रुपये की लागत से 150 वाहन क्षमता की पार्किंग के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। उन्होंने श्री गुरूद्वारा साहिब शिमला के समीप 6.86 करोड़ रुपये की लागत से स्थानीय बस अड्डे के विकास कार्य का शिलान्यास भी किया। यहां 250 वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी।

इस अवसर पर आजीविका भवन में एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला में विकास की ब्यार बह रही है। उन्होंने कहा कि वर्षों तक शिमला के विकास को अनदेखा किया गया, परन्तु वर्तमान सरकार के कार्यकाल में शिमला में सही मायनों में परिवर्तन नजर आ रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने शिमला में पेयजल और पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए लक्ष्य निर्धारित कर सकारात्मक प्रयास किए, जिनके आशातीत परिणाम सामने आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के सहयोग से प्रदेश सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए निरन्तर प्रयासरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा शिमला शहर में नागरिकों और यहां भ्रमण पर आने वाले पर्यटकों को विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए शिमला स्मार्ट सिटी के तहत विभिन्न विकासात्मक परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं पर लगभग 760 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से सुव्यवस्थित निर्माण और विभिन्न सुविधाओं के उपलब्ध होने से शिमला शहर का बहुआयामी विकास सुनिश्चित होगा।

 उन्होंने कहा कि शिमला शहर में 120.30 करोड़ रुपये की लागत की 22 पार्किंग परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। यह निर्माण कार्य पूर्ण होने पर लगभग 2,800 वाहनों के लिए अतिरिक्त पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी। इनमें आईजीएमसी के नए ब्लॉक और आईजीएमसी ऑडिटोरियम के सामने पार्किंग, विकासनगर, संकटमोचन, एसडीए कॉम्पलेक्स और टुटू बंगला कॉलोनी में पार्किंग का निर्माण प्रमुख रूप से शामिल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शहर में 95 करोड़ रुपये की लागत से 12 किलोमीटर सड़क का चौड़ीकरण और सुधारीकरण कार्य किया जा रहा है। इससे कार्ट रोड एरिया में ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि शिमला शहर में 17 किलोमीटर पैदल पथ व फुटपाथ का निर्माण किया जा रहा है, जिससे शहर में पैदल चलने में लोगों को सुविधा उपलब्ध होने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। इस पर 73 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हिमऊर्जा द्वारा सरकारी भवनों पर सोलर पावर प्लांट ग्रिड स्थापित की जाएगी, इससे बिजली की बचत होगी। इस कार्य पर 9 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि शहर में ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए 25 करोड़ रुपये व्यय कर 20 नई ई-बसें खरीदने की प्रक्रिया जारी है तथा शीघ्र ही तारादेवी में 3 करोड़ रुपये की लागत से ई-चार्जिंग स्टेशन स्थापित किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत शिमला और धर्मशाला में 65 करोड़ रुपये की लागत से एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की स्थापना की जाएगी। इस सेंटर के माध्यम से नागरिकों को मिलने वाली सुविधाओं की 24 घंटे निगरानी के साथ-साथ सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। पुलिस विभाग को शहर में सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने और यातायात उपकरणों की खरीद के लिए 4 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला शहर में लोगों की आर्थिकी को बढ़ावा देने के लिए व्यावसायिक और निजी क्षेत्रों की 106 करोड़ रुपये लागत की 22 परियोजनाओं को स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत विकसित किया जा रहा है। इनमें बुक कैफेज, वेंडिंग जोन और राम बाजार, लोअर बाजार, सब्जी मंडी आदि की दुकानों का नवीनीकरण कार्य शामिल हैं। शिमला शहर में 12 पार्कों और खुले स्थानों को स्मार्ट सिटी के अंतर्गत लाया गया है। इस पर 12 करोड़ रुपये व्यय किए जा रहे हैं। शिमला शहर में 11 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम और शिक्षा निदेशालय में स्मार्ट स्टूडियो विकसित किए जाएंगे। इसके लिए 7 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि स्मार्ट सिटी के अलावा शिमला शहर में केंद्र प्रायोजित अमृत मिशन के तहत 238 करोड़ रुपये लागत की 47 परियोजनाओं में से 37 परियोजनाओं का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इन परियोजनाओं पर 172 करोड़ रुपये व्यय किए गए हैं।

शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने विभिन्न विकास कार्यों के उद्घाटन व शिलान्यास करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में शिमला शहर अभूतपूर्व विकास का गवाह बना है। शिमला शहर में व्यवस्थित विकास और विश्व स्तरीय सुविधाएं प्रदान करने के लिए नवोन्मेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिमला में पेयजल, पार्किंग, पैदल पथ, सड़कों में ट्रैफिक जाम की समस्या के समाधान के लिए महत्वाकांक्षी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि नीति आयोग के सर्वेक्षण में शिमला शहर देश भर में अव्वल स्थान पर रहा है। उन्होंने शहर को स्वच्छ व सुन्दर बनाए रखने के लिए लोगों से सहयोग का आग्रह किया।

सांसद एवं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप ने कहा कि शिमला के विकास में आज का दिन स्वर्णिम अध्याय के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के हर क्षेत्र और प्रत्येक वर्ग का समान विकास सुनिश्चित कर रही है।

नगर निगम शिमला की महापौर सत्या कौंडल ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया तथा शहर में विभिन्न विकासात्मक कार्यों की जानकारी दी।

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