शिमला: राष्ट्रीय जन संपर्क दिवस आयोजित

जन सम्पर्क व्यवसायियों को लोगों का विश्वास जीतने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए : निदेशक, सूचना एवं जन सम्पर्क हरबंस सिंह ब्रसकोन

बोले- पारम्परिक मीडिया के अलावा वर्तमान में तकनीकी प्रगति के साथ आज हमारे पास सोशल मीडिया की ताकत है, जो प्रभावी तरीके से जनता तक पहुंचने के लिए एक शक्तिशाली माध्यम बन कर उभरा है

शिमला: पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इंडिया (पी.आर.एस.आई.) के शिमला चैप्टर और सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, हिमाचल प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में आज यहां राष्ट्रीय जन सम्पर्क दिवस के अवसर पर एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस सम्मेलन का विषय जन सम्पर्क द्वारा नई दुनिया बनाएं: विश्वास बढ़ाएं, था। 

सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए निदेशक, सूचना एवं जन सम्पर्क हरबंस सिंह ब्रसकोन ने कहा कि विश्वास मानव जीवन का सबसे महत्वपूर्ण घटक है, जिसमें संवाद और संचार निर्णायक भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि जन सम्पर्क व्यवसायियों को लोगों का विश्वास जीतने के लिए कड़ी मेहनत करनी चाहिए तथा मीडिया के विभिन्न साधनों का उपयोग करके वांछित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए कार्य करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जन सम्पर्क व्यवसायियों को सरकार की कल्याणकारी नीतियों और कार्यक्रमों के प्रचार-प्रसार के लिए योजनाबद्ध तरीके से काम करना चाहिए ताकि अधिक से अधिक लोग इनसे लाभान्वित हो सकें। उन्हें विश्वसनीय दृष्टिकोण, अच्छे आदर्शों और सभ्य आचरण के साथ काम करना चाहिए ताकि जनता उन पर भरोसा कर सके।

हरबंस सिंह ब्रसकोन ने कहा कि पारम्परिक मीडिया के अलावा वर्तमान में तकनीकी प्रगति के साथ आज हमारे पास सोशल मीडिया की ताकत है, जो प्रभावी तरीके से जनता तक पहुंचने के लिए एक शक्तिशाली माध्यम बन कर उभरा है। उन्होंने कहा कि पीआर पेशेवरों को सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों को जमीनी स्तर तक प्रचारित करने के लिए नवीनतम उपकरणों का समुचित उपयोग सुनिश्चित करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि हिमाचल प्रदेश देश के अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श बन कर उभरा है और हिमाचल विभिन्न मानकों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाला राज्य है। यह सरकार के निरन्तर प्रयासों और राज्य के लोगों के सक्रिय सहयोग के कारण संभव हुआ है।

हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग के सदस्य प्रो. शशिकांत ने अपने सम्बोधन में इस बात पर विशेष बल दिया कि जन सम्पर्क और मीडिया व्यवसायियों को बिना किसी भय या दबाव के सच्चाई को सामने लाने के उद्देश्य से काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सबसे महत्वपूर्ण है कि समाज को समृद्धि और विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिए विश्वसनीय तरीके से कार्य किया जाए।

प्रो. शशिकांत ने कोरोना महामारी का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बनाए गए विश्वास के कारण ही देश की जनता ने महामारी के विरूद्ध सफलतापूर्वक लड़ाई लड़ी। उन्होंने कहा कि भारत ने न केवल विश्व का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया, बल्कि अन्य देशों को भी वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि इसी तरह उनके द्वारा अर्जित विश्वास के कारण ही देश की जनता भारत सरकार की विभिन्न नीतियों और कार्यक्रमों से आश्वस्त है और आज हम विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर हैं।

उन्होंने जन सम्पर्क और मीडिया व्यवसायियों से पूरे समाज को लाभान्वित करने के लिए सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों के अलावा विभिन्न महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों के बारे में जन जागरूकता पैदा करने का आग्रह किया।

उन्होंने जन सम्पर्क एवं मीडिया व्यवसायियों से सरकार की नीतियों एवं योजनाओं के प्रचार के अतिरिक्त विभिन्न बड़े सामाजिक मुददों पर जन जागरूकता लाने का आग्रह किया।

इससे पूर्व, पीआरएसआई शिमला चैप्टर के अध्यक्ष प्रदीप कंवर ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि जन सम्पर्क तथा संचार व्यवसायियों द्वारा प्रतिवर्ष पब्लिक रिलेशंज सोसायटी ऑफ इण्डिया के नेतृत्व में 21 अपै्रल को देशभर में राष्ट्रीय जन सम्पर्क दिवस अपने को जन सर्म्पक व्यवसायी के रूप में बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया जाता है।

उन्होंने कहा कि जन सम्पर्क अपने विचार व्यक्त करने तथा संचार के विभिन्न माध्यमों के उपयोग से लोगों के साथ जुड़ने का एक महत्वपूर्ण साधन है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में जन सम्पर्क की भूमिका और अधिक बढ़ी है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि जन सम्पर्क व्यवसायी अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए अधिक निष्ठा और जिम्मेदारी के साथ कार्य करें।

उन्होंने राष्ट्रीय जन सम्पर्क दिवस के अवसर पर पीआरएसआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजीत पाठक का सन्देश भी पढ़ा।

इस सम्मेलन में आयोजित विचार विमर्श कार्यक्रम में पीआरएसआई के सदस्यों तथा हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जन संचार के विद्यार्थियों ने बढ़चढ़ कर भाग लिया।

पीआरएसआई शिमला चैप्टर के सचिव रणवीर वर्मा ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1958 में पीआरएसआई का गठन जन सम्पर्क को एक व्यवसाय के रूप में बढ़ावा देने तथा इसे सुदृढ़ करने के उद्देश्य से किया गया था। उन्होंने कहा कि इस वर्ष मीडिया तथा जन सम्पर्क व्यवसायियों के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।

पीआरएसआई के राष्ट्रीय परिषद् के सदस्य यादविन्द्र चौहान, हिप्र विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जन संचार विषय के विभागाध्यक्ष प्रो. विकास डोगरा, प्रो. अजय कुमार, अन्य सदस्य तथा सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी इस सम्मेलन में उपस्थित थे।

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