दूसरे डिपुओं से नहीं मिल रहा उपभोक्ताओं को राशन

प्रदेश में दालों के भण्डारण की सीमा पुनः निर्धारित

शिमला: प्रदेश में दालों की उपलब्धता सुनिश्चित बनाने एवं जमाखोरी रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने हि.प्र. ट्रेड आर्टिकल्ज (अनुज्ञापन एवं नियन्त्रण) आदेश, 1981 की धारा 3(1) के तहत जारी पूर्व अधिसूचना में आंशिक संशोधन करते हुए दालों के भण्डारण की सीमा पुनः निर्धारित की है।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के निदेशक प्रियतु मण्डल ने आज यहां जानकारी दी कि सभी प्रकार की दालों की न्यूनतम भण्डारण सीमा को 30 क्विंटल से घटाकर 20 क्विंटल कर दिया गया है। हि.प्र. जमाखोरी एवं मुनाफाखोरी उन्मूलन आदेश 1977 की धारा 3(1) ए के तहत किसी भी व्यापारी अथवा डीलर को सभी प्रकार की दालों की एक समय में भण्डारण की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई है। अब कोई भी व्यापारी या डीलर एक समय में 100 क्विंटल से अधिक दालों का भण्डारण नहीं कर सकेगा।

उन्होंने कहा कि विभाग प्रदेश में दालों की जमाखोरी एवं मुनाफाखोरी को रोकने के लिए कारगर कदम उठा रहा है और परचून एवं थोक बिक्री दरों की नियमित समीक्षा की जा रही है। उन्होंने सभी थोक एवं परचून विक्रेताओं से अनुरोध किया है कि जिला दण्डाधिकारियों द्वारा निर्धारित लाभांश लेना तथा प्रदेश सरकार द्वारा तय की गई सीमा के भीतर ही दालों का भण्डारण करना सुनिश्चित करें।

उन्होंने कहा कि यदि कोई भी व्यापारी/दुकानदार अनियमितता में संलिप्त पाया जाता है तो उनके विरूद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3 के अन्तर्गत कार्रवाई की जाएगी।

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