शहरी क्षेत्रों में निर्माण परियोजनाओं को सरल स्वीकृति पर संबंधित मंत्रालय सहमत

  • अंतर मंत्रालयी बैठक में लिया गया फैसला, नंवबर अंत तक अधिसूचना
  • शहरी विकास, रक्षा, संस्कृति मंत्री व कैबिनेट सचिव ने प्रगति की समीक्षा की

 

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आज शहरी क्षेत्रों में निर्माण परियोजनाओं को सरलता से स्वीकृति देने का फैसला लिया है। अगले माह के अंत तक सरकार जरूरी अधिसूचना लाएगी। इससे ऐसी परियोजनाओं को समय से पूरा करने व उनमें रुकावटों को दूर करने में मदद मिलेगी। यह निर्णय एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया जिसकी जानकारी शहरी विकास व आवास तथा शहरी गरीबी उपशमन मंत्री एम. वैंकेया नायूड ने दी। बैठक में रक्षा मंत्री मनोहर परिक्कर, संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा व कैबिनेट सचिव पी.के. सिन्हा सहित 8 मत्रालयों के सचिव व वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।

मंत्री व कैबिनेट सचिव ने शहरी क्षेत्रों में आसानी से काम करने के लिए उपयुक्त वातावरण बनाने के संबंध में अंतर मंत्रालयी परामर्श के गठन के बाद से अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की। रक्षा, पर्यावरण व वन एवं जलवायु परिवर्तन, नागरिक उड्डयन, संस्कृति, उपभोक्ता मामले, शहरी विकास व आवास तथा शहरी गरीबी उपशमन मंत्रालयों के अधिकारियों ने अब तक किए गए कार्यों का विवरण पेश किया।

वैंकेया नायडू ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में व्यावसाय करने के मामले में देश निचले पायदान पर है। इसमें सुधार के लिए जरूरी कदम उठाने की आवश्कता है। मनोहर परिक्कर ने परियोजनाओं को तेजी से मंजूरी देने में व्यावहारिक व वस्तविक नजरिये की वकालत की।

कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा ने कहा कि परियोजनाओं को आसानी से मंजूरी देने को गंभीरता से लिया जाना चाहिए ताकि इसे बनाने वालों की लागत व समय की बचत हो सके व उनका शोषण न हो। उन्होंने पर्यावरण एवं वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को सुझाव दिया कि वह दिशानिर्देशों में व्याप्त जटिलताओं को दूर करे।

बैठक में विभिन्न मंत्रालयों ने तेजी से स्वीकृति परियोजनाओं की जानकारी दी जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं-

पर्यावरण तथा वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा निर्माण क्षेत्र के आधार पर पर्यावरण मंजूरी के दिशानिर्देश को और अधिक सरल बनाया जा रहा है जो जल्द पूरा हो जाएगा। सरलीकृत दिशानिर्देशों को राज्यों व शहरी स्थानीय निकायों के निर्देशों/उपनियमों में शामिल किया जा सकता है ताकि मंजूरी के लिए मंत्रालय तक आने की जरूरत नहीं रह जाएगी।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा ऊंचाई मंजूरी के लिए आवेदन करने वाले 12 हवाईअड्डों में से 9 के कलर कोडेड जोनिंग मैप्स (सीसीजेडएम) को वेबसाइट पर डाल दिया गया है ताकि स्थानीय शहरी निकाय खुद उसे मंजूरी दे सके। बाकी 3 के (सीसीजेडएम) भी दिसंबर तक उपलब्ध हो जाएंगे। 14 अन्य हवाईअड्डों के (सीसीजेडएम) भी अगले साल तक अपलोड किये जाएंगे।

संस्कृति मंत्रालय ने अनापत्ति प्रमाणपत्र के लिए फार्म भरने की सुविधा अपनी वेबसाइट पर उपलब्ध कराई है। इसरो द्वारा तैयार किए एप की मदद से ऑनलाइन मंजूरी प्राप्त की जा सकती है। साथ ही 600 स्मारकों के नक्शे तैयार हो गए हैं जिससे ऑनलाइन मंजूरी में आसानी होगी।

रक्षा मंत्रालय ने सभी सेवाओं व रक्षा संगठनों को निर्देशित किया है कि वह स्थानीय सैन्य प्राधिकरणों व ईकाइयों से प्रतिबंधित क्षेत्र व गैर प्रतिबंधित क्षेत्रों का नक्शा प्राप्त कर उपलब्ध कराए। संयुक्त नागरिक संचालन के तहत रक्षा हवाईअड्डों के कलर कोडेड जोनिंग मैप्स के लिए सभी संबंधित पक्षों के साथ बैठक के बाद मंत्रालय द्वारा तैयार किया जाएगा। सभी रक्षा प्रतिष्ठानों को कहा गया है कि वह आवेदन के 30 दिनों के भीतर जरूरी मंजूरी प्रदान करें।

उपभोक्ता कार्य विभाग दिसंबर के अंत तक राष्ट्रीय निर्माण संहिता-2015 को अंतिम रूप दे देगा। शहरी विकास मंत्रालय द्वारा आदर्श निर्माण उपनियम तैयार किया गया है जिसमें पर्यावरण व वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित सरलीकृत दिशानिर्देशों को भी शामिल किया गया है।

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