हिमाचल: सीएम बोले बिना तथ्यों के कुछ भी कहना उचित नही, मांगी मामले की रिपोर्ट…

हिमाचल: प्रदेश के मुख्य सचिव राम सुभग सिंह पर भ्रष्टाचार को संरक्षण देने के आरोपों के मामले पर राजनीति तेज हो गई है।  पीएमओ से भेजी गई एक चिट्ठी के बाद राज्य सरकार पर सवाल उठ रहे हैं और इस मामले पर सियासत भी तेज होने लगी है।
इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय को रूटीन में शिकायत जाती है, वो राज्य सरकार को भेजी जाती है और उस दृष्टि से वो पत्र हिमाचल सरकार को आया है। उन्होंने कहा कि जब तक कोई तथ्य सामने नहीं आ जाते, तब तक किसी के बारे में ऐसा कहना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले की रिपोर्ट मांगी गई है।
हिमाचल के मुख्य सचिव के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप पर कांग्रेस से लेकर आम आदमी पार्टी और माकपा तक ने सरकार पर सवाल उठाए हैं। विपक्ष ने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कुलदीप राठौर ने कहा है कि अगर प्रधानमंत्री कार्यालय से सच में इस तरह का कोई पत्र आया है तो मुख्यमंत्री को चाहिए कि इस मामले की निष्पक्षता से जांच की जानी चाहिए। राठौर ने कहा कि ये सीधे-सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय की अनदेखी करना है। वहीं आम आदमी पार्टी ने मुख्य सचिव को हटाने की मांग की है।
ये है पूरा मामला- दरअसल मुख्य सचिव राम सुभग सिंह पर वन विभाग के ACS रहते हुए नगरोटा सूरियां में इंटरप्रटेशन सेंटर के भवन निर्माण में भारी अनियमितताएं हुईं लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पूरे मामले पर एक शिकायतकर्ता ने आरटीआई के जरिये जानकारी जुटाई और शिकायत प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक भेज दी। इस शिकायत के बाद पीएमओ ने इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार को आदेश जारी किया। पीएमओ की तरफ से 13 अक्टूबर 2021 को एक चिट्ठी लिखी गई थी लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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