मुख्यमंत्री ने दिया बिना प्रवेश परीक्षा के कॉलेजों को खाली सीटें भरने का आश्वासन
शिमला: प्रदेश में चल रहे निजी बीएड कॉलेजों को राहत देने के लिए मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने अब बिना प्रवेश परीक्षा के भी इन कॉलेजों को खाली सीटें भरने का आश्वासन दिया है। इसके तहत अब खाली रह रही सीटों को लेकर अब सरकार बिना एंट्रेंस के भी छात्रों को एडमिशन देने की तैयारी में है। इस आदेश को लेकर जल्द ही अधिसूचना जारी होने के बात की जा रही है। निजी बीएड बीएड कॉलेज खाली सीटें रहने के चलते बार-बार सरकार से इन सीटों को भरने के लिए उन्हें प्रवेश परीक्षा में अंकों की छूट और बिना प्रवेश परीक्षा छात्रों को प्रवेश देने की मांग कर रहे थे, जिसे लेकर उन्हें आश्वासन दिया गया है। सीटें खाली रहने के कारण निजी संस्थानों के बंद होने की स्थिति बनी हुई है, ऐसे में सरकार की ओर से उन्हें राहत दी जा सकती है। इसी सत्र से इस तरह की व्यवस्था लागू हो जाएगी।
इससे पहले एंट्रेंस टेस्ट में बैठने वाले छात्रों को ही एडमिशन देने के बारे में सरकार की ओर से परमिशन दी गई थी। चाहे छात्र ने एंटे्रस टेस्ट में एक ही अंक क्यों न लिया हो। ऐसे में अब इस व्यवस्था को पूरी तरह बदलने पर विचार चल रहा है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने हिमाचल प्रदेश निजी बीएड कॉलेज एसोसिएशन को इस तरह का आश्वासन दिया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. एस.के. शांडिल से आश्वासन मिला है कि अब बिना एंट्रेंस टेस्ट के भी छात्र बीएड में प्रवेश ले सकेंगे। शिक्षा विभाग व विवि की ओर से जल्द इस बारे में अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। उनका कहना है कि इससे निजी संस्थानों में खाली पड़ी सीटें भी भर जाएंगी और बीएड करने के इच्छुक छात्रों को एडमिशन भी मिल पाएगी। हालांकि सीटें खाली होने के चलते एंट्रेंस टेस्ट में सिर्फ भाग लेने वाले छात्रों को एक नंबर लेने पर भी एडमिशन देने का निर्णय हुआ। अब एंट्रेंस टेस्ट न देने वाले छात्रों को भी दाखिला दिया जाएगा। 8950 में 6309 सीटें खाली प्रदेश के 72 से अधिक निजी कॉलेजों में 8950 सीटों में लगभग 2641 सीटें ही भरी जा सकी थीं। 6309 सीटें अभी तक खाली पड़ी हुई हैं।